Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1230

Voltas Ltd - Complainant(s)

Versus

Ambrish Kumar Shukla - Opp.Party(s)

Mujeeb Effendi

19 Sep 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1230
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Voltas Ltd
Chinchpokli Mumbai
...........Appellant(s)
Versus
1. Ambrish Kumar Shukla
936 Priyadarshini Nagar Unnao
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 19 Sep 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

              अपील संख्‍या– 1230/2010           सुरक्षित

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, उन्‍नाव द्वारा परिवाद सं0 212/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 11-06-2010 के विरूद्ध) 

वोल्‍टास लिमिटेड, वोल्‍टास हाऊस (ए) डा0 बाबा साहेब अम्‍बेडकर रोड़ चिंक पोकली मुम्‍बई।

                                                         ..अपीलार्थी/विपक्षी

                                बनाम

1-अम्‍ब्रीश कुमार शुक्‍ला, पुत्र श्री कृष्‍ण कुमार शुक्‍ला निवासी-मकान नं0 936 प्रियदर्शनी नगर, उन्‍नाव।                                                       प्रत्‍यर्थी/परिवादी

2-मॉ वैष्‍णों इलेक्ट्रिानिक एण्‍ड इलेक्ट्रिकल्‍स जे0एन0 मार्केट, गॉधी नगर, उन्‍नाव।

                                                         ...प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष:-                  

माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

माननीय श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थिति  : श्री मुजीब एफेन्‍डी, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थिति    : कोई नहीं।

दिनांक-14-10-2016

माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्‍य, द्वारा उद्घोषित

       निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम, उन्‍नाव द्वारा परिवाद सं0 212/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 11-06-2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है, जिसमें जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

      परिवाद एतद्दवारा स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी सं0-1 परिवादी को क्षतिपूति के रूप में मु0 5,000-00 की राशि अदा करेगा। इस राशि पर परिवादी परिवाद योजित करने की तिथि 06-11-2009 से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशल सालाना साधारण ब्‍याज देय होगा। विपक्षी सं0-2 परिवादी को 19,000-00 रूपये ए0सी0 का मूल्‍य व 11,000-00 रूपये क्षतिपूति की राशि अदा करेगा तथा रूप्‍ये 19,000-00 पर विपक्षी सं0-2 द्वारा दिनांक 10-07-2009 से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत सालाना साधारण ब्‍याज देय होगा। मु0 रूपये 11,000-00 रूपये की राशि पर परिवाद योजित करने की तिथि 06-11-2009 से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत सालाना साधारण  ब्‍याज देय होगा। परिवादी मु0 रूपये 2,000-00 की राशि परिवाद व्‍यय के रूप में विपक्षी सं0-2 से पाने का अधिकारी होगा। श्री देवेन्‍द्र सिंह का प्रार्थना पत्र कागज सं0-19 खारिज किया जाता है।

      संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार से है कि परिवादी ने दिनांक10-07-2009को विपक्षी सं0-1 से वोल्‍टास एयर कन्‍डीशनर क्षमता 1.5 टन जिसका सीरियल नम्‍बरएम0 ओ0 सी. 0037

(2)

है, मु0 रूपये 19,000-00 के एवज् में खरीदा। यह एयर कन्‍डीशनर विपक्षी सं0-1 के कर्मचारी ने दिनांक 11-07-2009 को परिवादी के घर पर स्‍थापित किया। स्‍थापित होने के उपरान्‍त जब एयर कंडीश्‍नर चलाया गया तो उसका सेंसर काम नहीं कर रहा था तो विपक्षी सं0-1 के कर्मचारी ने बताया कि इस एयर कंडीशनर के उत्‍पादन में दोष है, जिसे विपक्षी सं0-2 का कोई टेक्निीशयन ही ठीक कर सकता है। दिनांक 12-07-2009 को परिवादी ने विपक्षी सं0-1 की दुकान पर जाकर शिकायत की तो विपक्षी सं0-1 ने आश्‍वासन दिया कि वह  शीघ्र ही कम्‍पनी के आदमी को बुलाकर एयर कंडीशनर ठीक करवा देगा, परन्‍तु दो महीने चक्‍कर काटने के बाद विपक्षी सं0-2 के नार्थ जोन के सेल्‍स  हेड र्क्‍वाटर को दिनांक 13-09-2009 को  फोन पर शिकायत की तब परिवादी को बताया गया कि शीघ्र ही कम्‍पनी का कर्मचारी आकर ठीक करेगा। कम्‍पनी का कोई आदमी 20 दिन तक चेक करने नहीं आया तो परिवादी ने पुन: दिनांक 03-10-2009 को फोन पर शिकायत की, तब उसका बताया गया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है। दिनांक 12-10-2009 को विपक्षी सं0-2 की ओर से एक कर्मचारी खराब एयर कंडीशनर के निरीक्षण हेतु आया तथा अपनी निरीक्षण आख्‍या में लिखा कि सेंसर खराब होने के कारण एयर कंडीशनर काम नहीं कर रहा है। दिनांक 31-10-2009 को विपक्षी सं0-2 का कर्मचारी पुन: आया और उसने एयर कंडीशनर का सेंसर बदल दिया, परन्‍तु एयर कंडीशनर ठीक नहीं हुआ। दिनांक 01-11-2009 को परिवादी ने विपक्षी सं0-2 के यहॉ फोन पर शिकायत की, परन्‍तु कोई उत्‍तर नहीं दिया गया। परिवादी की पत्‍नी माह जुलाई से गम्‍भीर रूप से बीमार थी और डाक्‍टर ने सलाह दी थी कि इन्‍हें गर्मी से बचाएं, परन्‍तु एयर कंडीशनर के कार्य न करने के कारण परिवादी का उद्देश्‍य विफल हो गया। परिवादी को पत्‍नी के इलाज में मु0 रूपया 2,00,000-00 व्‍यय करना पड़ा।

      जिला उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष प्रतिवादी सं0-2 की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया है कि परिवादी को जो एयर कंडीशनर बेंचा गया है, उसकी सामान्‍य वारण्‍टी एक वर्ष की है और कम्‍प्रेश्‍र के सम्‍बन्‍ध में वारण्‍टी पॉच साल की थी। परिवादी ने कोई टेक्‍निकल एक्‍सपर्ट रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। ए0सी0 में कोई दोष नहीं है। अक्‍टूबर 2009 के दूसरे सप्‍ताह में विपक्षी सं0-2 को पहली बार एयर कंडीशनर के कार्य न करने का ज्ञान हुआ। विपक्षी सं0-2 का इंजीनियर परिवादी के निवास स्‍थान पर गया। एयर कंडीशनर के सेंटर में छोटे-मोटे दोष थे जो कि ठीक किये गये। एयर कंडीशनर के दोष गलत इस्‍तेमाल वोल्‍टेज के

(3)

घटने-बढ़ने तथा अनियमित विद्युत सप्‍लाई के कारण थे। विपक्षी सं0-2 का मिस्‍त्री बार-बार परिवादी के घर गया, परन्‍तु प्रत्‍येक बार बिजली नहीं आ रही थी। परिवादी ने कोई शिकायत विपक्षी के यहॉ दर्ज नहीं कराया है। विपक्षी सं0-2 ने कोई सेवा में कमी नहीं किया है। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है।

      प्रतिवादी सं0-1 की ओर से कोई प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं किया गया।

      अपीलार्थी वोल्‍टास हाउस की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री मुजीब एफेण्‍डी,  अपील सुनवाई के दिनांक 09-09-2016 को उपस्थित आये। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। आयोग के आदेश दिनांक 20-07-2016 के द्वारा प्रत्‍यर्थीगण पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त माना गया है।

      बहस के दौरान अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने कहा कि प्रतिवादी सं0-2/अपीलकर्ता इस शर्त पर अपील तय करने के पक्ष में है कि वह वादी के पुराने एयर कंडीशनर को बदलकर नया दे देगा, जो कि केस का पूर्ण निस्‍तारण माना जाना चाहिए और यह भी कहा गया कि अपीलकर्ता पुराना एयर कंडीशनर उस समय वापस ले लेगा जब नया एयर कंडीशनर लगाया जायेगा।

      केस के तथ्‍यों परिस्थितियों में यह पाते हैं कि विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध जो क्षतिपूति के लिए आदेश किया गया है, उसका कोई न्‍यायोचित आधार नहीं है। जिला उपभोक्‍ता फोरम ने अपने निर्णय में कहा है कि विपक्षी सं0-1 को नोटिस प्राप्‍त हुआ है इसका अर्थ यही लिया जायेगा कि प्रतिवादी सं0-1 को परिवाद पत्र में वर्णित तथ्‍य स्‍वीकार है, जबकि ए0सी0 प्रारम्‍भ से ही नहीं चला और परिवादी ने अगले ही दिन शिकायत की तो विपक्षी सं0-1 की जिम्‍मेदारी थी कि वह विपक्षी सं0-2 को सूचति करें और ए0सी0 को शीघ्र से शीघ्र ठीक कराये, परन्‍तु प्रतिवादी सं0-1 के द्वारा केवल टालमटोल किया गया और कोई कार्यवाही करने की चेष्‍टा नहीं की गई। जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा इस आधार पर प्रतिवादी सं0-1 के द्वारा सेवा में कमी माना गया है और प्रतिवादी सं0-1 के विरूद्ध 5,000-00 रूपये क्षतिपूति के रूप में उत्‍तरदायी ठहराया है।

      केस के तथ्‍यों परिस्थितियों में हम यह पाते हैं कि जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा प्रतिवादी सं0-1 के विरूद्ध जो आदेश पारित किया गया है, वह खण्डित होने योग्‍य है और हम इस मत के है कि प्रतिवादी सं0-2 मां वैष्‍णों इलेक्ट्रिानिक्‍स पर 19,000-00 रूपये ए0सी0 का

(4)

 मूल्‍य व 11,000-00 रूपये क्षतिपूर्ति लगाया गया है, उसे समाप्‍त किये जाने योग्‍य है तथा उक्‍त राशि पर जो 18 प्रतिशत सालाना ब्‍याज लगाया गया है, वह भी समाप्‍त किये जाने योग्‍य है। अपीलकर्ता ने लिखित रूप से दिया है कि परिवादी के पुराने एयर कंडीशनर को बदलकर नया एयर कंडीशनर दिया जायेगा और अपीलकर्ता पुराना एयर कंडीशनर उस समय वापस ले लेगा जब नया एयर कंडीशनर लगाया जायेगा। अत: हम यह पाते हैं कि अपीलकर्ता के द्वारा जो उपरोक्‍त बातें कहीं गई है, वह केस के तथ्‍यों परिस्थितियों में हम यह पाते हैं कि विपक्षी सं0-2 से 2,000-00 रूपये परिवाद व्‍यय दिलाये जाने की बात भी न्‍यायोचित है। अत: अपीलकर्ता की अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किये जाने योग्‍य है।

      आदेश

      अपीलकर्ता की अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्‍ता फोरम उन्‍नाव द्वारा परिवाद सं0 212/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 11-06-2010 में जो प्रतिवादी सं0-2/अपीलकर्ता पर 19,000-00 रूपये और 11,000-00 रूपये क्षतिपूति लगाया गया है, उसे समाप्‍त किया जाता है और उक्‍त राशि पर जो 18 प्रतिशत का ब्‍याज लगाया गया है, वह भी समाप्‍त किया जाता है और यह आदेश किया जाता है कि अपीलार्थी/प्रतिवादी सं0-2 परिवादी के यहॉ पुराना एयर कंडीशनर हटा करके नया एयर कंडीशनर लगायेगा और पुराना एयर कंडीशनर अपने साथ ले जायेगा और यह भी आदेश किया जाता है कि जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा जो 2,000-00 रूपये परिवादी को अपीलार्थी/प्रतिवादी सं0-2 से दिलाया गया है, वह यथावत रहेगा।

      उपरोक्‍त आदेश के परिप्रेक्ष्‍य में यह भी आदेश किया जाता है कि प्रतिवादी सं0-1 के ऊपर जो 5,000-00 रूपये क्षतिपूति लगाया गया है, उसे भी समाप्‍त किया जाता है।

      उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वयं वहन करेंगे।

 

   (आर0सी0 चौधरी)                                    (राज कमल गुप्‍ता)

    पीठासीन सदस्‍य                                        सदस्‍य,

आर.सी.वर्मा, आशु.

 कोर्ट नं0-4

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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