Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/2073

Sahara India - Complainant(s)

Versus

Amarnath - Opp.Party(s)

A K Srivastav

09 Aug 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/2073
( Date of Filing : 03 Nov 2008 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Sahara India
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Amarnath
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 09 Aug 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2073/2008

सहारा इण्डिया तथा दो अन्‍य

 बनाम

अमर नाथ पुत्र स्‍व0 श्री जगदीश प्रसाद तथा तीन अन्‍य

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनांक : 09.08.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-86/2005, अमरनाथ तथा तीन अन्‍य बनाम शाखा प्रबंधक/शाखा वर्कर सहारा इंडिया तथा दो अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, सिद्धार्थ नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.09.2008 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आलोक कुमार श्रीवास्‍तव तथा प्रत्‍यर्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर.के. मिश्रा को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.         जमाकर्ता श्रीमती सुशीला देवी द्वारा धनराशि जमा की गई थी, जिनकी मृत्‍यु दिनांक 10.4.2000 को 59 वर्ष 4 माह की आयु में हो गई थी। परिवादीगण उनके उत्‍तराधिकारी हैं, इस योजना के क्‍लाउज संख्‍या-10 का लाभ प्राप्‍त करने के लिए वह अधिकृत हैं।

3.         विद्वान जिला आयोग ने इस तथ्‍य को साबित मानते हुए कि सुशीला देवी द्वारा विपक्षीगण द्वारा प्रचलित योजना में धनराशि जमा कराई गई है, यह आदेश पारित किया कि अंकन 10,000/-रू0 प्रतिमाह की दर से कुल 12 लाख रूपये का भुगतान किया जाए।

4.         अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि मृतका श्रीमती  सुशीला  देवी द्वारा सहारा इंडिया कामर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड में

 

 

-2-

धनराशि जमा की गई, जिन्‍हें पक्षकार नहीं बनाया गया है, परन्‍तु यदि सहारा इंडिया कामर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड के विरूद्ध पारित डिक्री से अपीलार्थीगण प्रभावित नहीं हैं तब उन्‍हें अपील प्रस्‍तुत करने का कोई अवसर नहीं है। चूंकि अपीलार्थीगण स्‍वंय को प्रभावित मानते हैं, इसलिए इस निर्णय/आदेश के विरूद्ध अपील प्रस्‍तुत की गई है। अत: अपील प्रस्‍तुत करने के पश्‍चात इस तर्क में कोई बल नहीं है कि अपीलार्थीगण की सिस्‍टर कंसर्न सहारा इंडिया कामर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड को पक्षकार नहीं बनाया गया।

5.         अपीलार्थीगण द्वारा धनराशि जमा से इंकार नहीं किया गया है, केवल यह कथन किया गया है कि मध्‍यस्‍थ द्वारा अपना अवार्ड पारित किया जा चुका है, इस अवार्ड के अनुसार परिवादीगण को किसी प्रकार के हित लाभ प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत नहीं पाया गया, क्‍योंकि योजना में धनराशि जमा करते समय मृतका की बीमारी के तथ्‍य को छिपाया गया। यह अवार्ड वर्ष 2008 में संचालित प्रक्रिया पर पारित हुआ है, जबकि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधान अन्‍य किसी भी अधिनियम के प्रावधानों से अधिभावी हैं (ज्‍येष्‍ठ हैं)। अत: परिवाद प्रस्‍तुत होने के पश्‍चात प्रारम्‍भ की गई मध्‍यक्ष कार्यवाही का काई वैधानिक प्रभाव नहीं है, इस अवार्ड को अपील के निस्‍तारण के समय विचार में नहीं लिया जा सकता।

6.         अब इस बिन्‍दु पर विचार करना है कि विद्वान जिला आयोग ने अंकन 12 लाख रूपये की प्राप्ति पर अंकन 10,000/-रू0 प्रतिमाह अदा करने का आदेश विधिसम्‍मत रूप से पारित किया है। क्‍लाउज संख्‍या 10 की शर्तों के अनुसार जमाकर्ता द्वारा जो राशि जमा की गई है। जमाकर्ता की मृत्‍यु पर उसकी राशि उसके वारिसों को प्राप्‍त कराई जाएगी तथा इस राशि पर जो ब्‍याज देय हुआ है, वह ब्‍याज भी अदा किया जाएगा साथ ही जिस मूल्‍य का बाण्‍ड क्रय किया गया है, वह राशि 10,000/-रू0 प्रतिमाह 120 माह की अवधि तक  प्राप्‍त  कराई  जाएगी,  परन्‍तु इस प्रावधान के परन्‍तुक के अनुसार इस

 

-3-

योजना का लाभ केवल तब प्राप्‍त किया जा सकता है जब नामिनी 20 वर्ष की अवधि में इस राशि को ब्‍याज रहित वापस करने की व्‍यक्तिगत गारण्‍टी प्रस्‍तुत करेगा। इस प्रकार पक्षकारों के मध्‍य वास्‍तविक शर्त यह है कि जमाकर्ता की मृत्‍यु पर निम्‍न सुविधाए उपलब्‍ध कराई जाएगी –

(1)         जमा राशि ब्‍याज रहित वापस लौटाई जाएगी।

(2)         120 माह तक अंकन 10,000/-रू0 की राशि प्रतिमाह परिवादीगण को उपलब्‍ध कराई जाएगी।

7.         यह राशि बीमे राशि के अनुरूप नहीं है, अपितु यह राशि मृतका के उत्‍तराधिकारियों को जीवन यापन प्रदत्‍त किए जाने की व्‍यवस्‍था है, जिसे मृतका के उत्‍तराधिकारियों द्वारा उसे 20 वर्ष में ब्‍याज रहित किस्‍तों के साथ वापस लौटाई जाएगी और इसके लिए एक व्‍यक्तिगत गारण्‍टी देनी होगी। व्‍यक्तिगत गारण्‍टी पेश करने के बाद ही इस सुविधा का प्रयोग किया जा सकता है। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश परिवर्तित होने और प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

8.         प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप सें स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.09.2008 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि जमाकर्ता के उत्‍तराधिकारीगण द्वारा व्‍यक्तिगत गारण्‍टी अपीलार्थी कंपनी में प्रस्‍तुत करने के पश्‍चात पक्षकारों के मध्‍य निष्‍पादित करार के क्‍लाउज संख्‍या 10 का अनुपालन दोनों पक्षों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। शर्त के अनुसार प्रथम दायित्‍व स्‍वंय जमाकर्ता के उत्‍तराधिकारीगण पर है, क्‍योंकि उन्‍हें व्‍यक्तिगत गारण्‍टी प्रस्‍तुत करनी है, इसके पश्‍चात द्वितीय दायित्‍व अपीलार्थी कंपनी का है, जिनके द्वारा क्‍लाउज संख्‍या 10 की शर्त के अनुसार भुगतान किया जाएगा, इसके पश्‍चात तृतीय दायित्‍व वापस जमाकर्ता के उत्‍तराधिकारीगण का है, जिनके द्वारा यह राशि

 

-4-

ब्‍याज रहित किस्‍तों में वापस लौटाई जानी है। यहां यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि व्‍यक्तिगत गारण्‍टी में यह तथ्‍य स्‍पष्‍ट रूप से अंकित किया जाएगा कि जो राशि उत्‍तराधिकारीगण द्वारा प्राप्‍त की गई है, वह उसको 20 वर्षों में प्रत्‍येक माह की कितनी किस्‍तों के साथ वापस लौटाई जाएगी।

     प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

   कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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