‘’ विशिष्ट लोक अदालत ‘’
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-359/2013
यूको बैंक बनाम अमरजीत सिंह व अन्य
दिनांक :- 25-01-2023.
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित।
निर्णय
प्रस्तुत अपील विगत 10 वर्षों से लम्बित है तथा आज ‘’ विशिष्ट लोक अदालत ‘’ के सम्मुख सूचीबद्ध है।
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी विद्युत विभाग द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग (प्रथम), लखनऊ द्धारा परिवाद सं0-06/2005 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18-07-2012 के विरूद्ध योजित की गई है।
मेरे द्वारा प्रत्यर्थी सं0-2 यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कं0लि0 के विद्वान अधिवक्ता श्री ए0के0 राय को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों/अभिलेखों तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश का सम्यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया। अपीलार्थी बैंक एवं प्रत्यर्थी सं0-1/परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
उपरोक्त आदेश दिनांक 18-07-2012 के अनुसार जिला आयोग द्वारा बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी को 10,000/- रू0 मय 07 प्रतिशत ब्याज, परिवाद प्रस्तुत किए जाने की तिथि दिनांक 06-01-2005 से धनराशि प्राप्त कराए जाने की तिथि तक की देयता सुनिश्चित की गई। साथ ही 2,000/- रू0 हर्जाना वास्ते मानसिक प्रताड़ना एवं 1,000/- रू0 वाद व्यय की अदायगी हेतु भी आदेशित किया गया।
विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में सभी तथ्यों को विस्तार से उल्लिखित किया गया है अत्एव उक्त निर्णय में मेरे दृष्टिकोण से किसी प्रकार की कोई विधिक त्रुटि तथा अनियमितता नहीं है और न ही उल्लिखित की गई परन्तु मेरे विचार से उपरोक्त निर्णय में जिला आयोग द्वारा
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आदेशित मात्र ब्याज की देयता 07 प्रतिशत को घटाकर 05 प्रतिशत सुनिश्चित किया जाना उपयुक्त होगा। तदनुसार उक्त ब्याज की देयता 07 प्रतिशत के स्थान पर 05 प्रतिशत सुनिश्चित की जाती है। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। उक्त निर्णय एवं आदेश का अनुपालन दो माह की अवधि में सुनश्चित किया जावे।
यदि पूर्व में प्रस्तुत अपील में कोई अन्तरिम स्थगन आदेश पारित किया गया हो तो उसे समाप्त किया जाता है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-15 के अन्तर्गत अपील योजित किए जाते समय अपीलार्थी द्वारा जमा सम्पूर्ण धनराशि मय अर्जित ब्याज के, विधि अनुसार निस्तारण हेतु इस आयोग के निबन्धक द्वारा सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को एक माह की अवधि में प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड करें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रमोद कुमार,
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1,
कोर्ट नं0-1.