(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :- 2785/2006
(जिला उपभोक्ता आयोग, प्रतापगढ़ द्वारा परिवाद सं0-300/2003 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28/09/2006 के विरूद्ध)
State Bank of India Branch Kunda, Distt. Pratapgarh, through its Branch Manager.
- Appellant
Versus
Amar Kumar aged about 61 years S/O Ram Padarath resident of village Dhorwa Swaruppur, Pargana Behar Tahsil Kunda Distt. Pratapgarh.
समक्ष
- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री कार्तिक पाण्डेय
प्रत्यर्थी की ओर विद्वान अधिवक्ता:- श्री ओ0पी0 श्रीवास्तव
दिनांक:- 25.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम, प्रतापगढ़ द्वारा परिवाद सं0 300/2003 अमर कुमार सुत राम पदारथ बनाम भारतीय स्टेट बैंक में पारित निर्णय व आदेश दिनांकित 28.09.2006 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए अंकन 45,000/-रू0 परिवादी के खाते मे क्रेडिट करने का आदेश अपीलार्थी बैंक के विरूद्ध पारित किया है।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने अंकन 45,000/-रू0 कृषि ऋण विपक्षी बैंक से प्राप्त किया था तथा 200/-रू0 प्रीमियम अदा कर बीमा कराया था। धान व गन्ने की फसल उगाई गयी थी, परंतु फसल नष्ट हो गयी, जिसकी सूचना बैंक को दी गयी थी तथा बीमा कम्पनी का नाम पूछा गया, परंतु बीमा कम्पनी का नाम नहीं बताया गया, इसलिए बैंक द्वारा सेवा में कमी की गयी, तदनुसार कुल 2,43,500/-रू0 की क्षतिपूर्ति की मांग की गयी है।
- बैंक ने अंकन 45,000/-रू0 कैश क्रेडिट कार्ड पर ऋण देना स्वीकार किया है, परंतु प्रीमियम लेना तथा फसल बीमा कराना स्वीकार नहीं किया गया है। खराब फसल के उपरान्त आर0बी0आई0 ने कृषि कैश क्रेडिट को सावधि ऋण मे परिवर्तित करने का निर्देश दिया था। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की ऋण माफी की कोई योजना प्रचलित नहीं थी, न ही इस संबध में कोई शासनादेश था। संबंधित ऋणी की अनुमति के बिना प्रीमियम नहीं लिया जा सकता क्योंकि बीमा प्रीमियम 15 प्रतिशत की दर से देना होता है, जो काफी महंगा होता। परिवादी ने स्वयं बीमा नहीं कराया, इसलिए बीमा राशि देय नहीं है।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने राष्ट्रीय कृषि बीमा नियमावली के विवरण के आधार पर यह निष्कर्ष दिया है कि कृषि कैश क्रेडिट योजना के अंतर्गत ऋण देने पर बीमा कराने का दायित्व बैंकिंग संस्थान का है। तदनुसार ऋण राशि अंकन 45,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।
- इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील तथा मौखिक तर्कों का सार यह है कि जिला उपभोक्ता आयोग ने विधि-विरूद्ध निर्णय पारित किया है। पक्षकारों के मध्य निष्पादित संविदा के अनुसार बीमा कराने का दायित्व ऋणी का है और ऋणी द्वारा बीमा नहीं कराया गया, इसलिए बैंक उत्तरदायी नहीं है। प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि ऋण राशि की सुरक्षा के लिए बीमा कराने का दायित्व अपीलार्थी बैंक पर है। जिला उपभोक्ता आयोग ने विधि-सम्मत निर्णय पारित किया है।
- पक्षकारों द्वारा प्रस्तुत किये गये अभिवचन, साक्ष्य जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय के अवलोकन के पश्चात इस अपील के विनिश्चय के लिए एकमात्र विनिश्चायक बिन्दु यह उत्पन्न होता है कि क्या कृषि कैश क्रेडिट योजना के अंतर्गत ऋण राशि की सुरक्षा के लिए बीमा कराने का दायित्व बैंक पर है? दोनों पक्षकारों के मध्य निष्पादित अनुबंध पत्रावली पर मौजूद है, जिसकी शर्त सं0 9 के अनुसार यह शर्त अंकित है कि बीमा कराना बैंक के लिए विधिपूर्ण होगा, किन्तु ऐसा करना आबद्धकर नहीं होगा, फिर यह भी कि यह अनुबंध पूर्व से टाइप किया गया अनुबंध है, जिसमे एकतरफा शर्त अंकित की गयी है। इस अनुबंध की विस्तृत जानकारी ऋणी को प्राप्त नहीं है क्योंकि यह अनुबंध अत्यंत सूक्ष्म शब्दों में टाइप किया गया है। कृषि क्रेडिट ऋण योजना के अंतर्गत किसान को ऋण प्रदान करते समय बीमा कराया जाना बैंक पर आबद्धकारी व्यवस्था है, जैसा कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा निष्कर्ष दिया गया है। अत: इस निष्कर्ष को परिवर्तित करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपीलीय वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं0 2