(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या- 578/2008
(जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम बरेली द्वारा परिवाद संख्या- 18/2007 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 14-02-2008 के विरूद्ध)
नेतराम पुत्र श्री गेन्दन लाल निवासी- नई बस्ती पूर्वी वार्ड नं०07 कस्बा व थाना नवाबगंज, जनपद बरेली।
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1- फर्म अमन सीमेन्ट स्टोर द्वारा स्वामी फर्म मुहम्मद परवेज हाजी बाई पास रोड, नवाबगंज थाना नवाबगंज जिला बरेली।
2- मुहम्मद परवेज हाजी पुत्र श्री याकूब बाई पास रोड, नवाबगंज थाना नवाबगंज जिला बरेली।
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष:-
माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री एस०के० वर्मा
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री अखिलेश त्रिवेदी
दिनांक. -30-03-2022
माननीय सदस्य श्री राजेन्द्र सिंह, द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, परिवाद संख्या- 18 सन् 2007 नेतराम बनाम फर्म अमन सीमेन्ट स्टोर व एक अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम बरेली द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 14-02-2008 के विरूद्ध धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
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संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश साक्ष्य और विधि के विरूद्ध है। कागज संख्या- टी/23 जो मोहम्मद परवेज द्वारा जारी किया गया है उसी के नाम से नवाबगंज सीमेंट एजेन्सी के नाम से फर्जी सीमेंट एजेंसी बना रखी है, जबकि ऐसी कोई फर्म नहीं है। अमन सीमेंट एजेन्सी की रसीद व नवाबगंज सीमेन्ट एजेन्सी की रसीद पर एक ही विपक्षी संख्या-2 मुहम्मद परवेज हाजी के हस्ताक्षर हैं। अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि विपक्षी ने उसको नकली सीमेंट दी जिसके प्रयोग से सीमेंट ईंटों से अलग होने लगी जगह-जगह गड्ढे बन गये। इस सम्बन्ध में विशेषज्ञ की जांच की आवश्यकता नहीं है। परिस्थितियां स्वयं बोलती हैं, का सिद्धान्त लागू होगा। प्लास्टर का टूट कर गिरना अपने आप में सिद्ध करता है कि सीमेंट नकली है। विद्वान जिला आयोग का निर्णय विधि विरूद्ध है। अत: माननीय राज्य आयोग से निवेदन है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को अपास्त करते हुए प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाए।
हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री एस०के० वर्मा एवं प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री अखिलेश त्रिवेदी को सुना और पत्रावली का सम्यक रूप से परिशीलन किया।
हमने विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया।
इस मामले में यह स्पष्ट है कि जो प्लास्टर टूटा हुआ है या दीवारों में क्रेक हुआ है उसका कारण क्या नकली सीमेंट है अथवा सीमेंट- बालू के गैर अनुपातिक मिश्रण के कारण है अथवा प्लास्टर के बाद लगातार 07 दिनों तक दो से तीन बार तक तरावट की कमी के कारण है। इसके लिए किसी
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विशेषज्ञ की राय की आवश्यकता है, जो रसीद प्रस्तुत की गयी हैं उसमें से तीन रसीद विपक्षी फर्म द्वारा जारी की गयी हैं और एक रसीद नवाबगंज सीमेंट एजेंसी द्वारा जारी की गयी है। इस तथ्य का कोई साक्ष्य नहीं है कि क्या दोनों सीमेंट नकली थी अथवा तरावट की कमी के कारण प्लास्टर क्रेक हो गया है। ऐसी स्थिति में यह नहीं कहा जा सकता है कि किस एजेंसी की सीमेंट नकली थी और इसके लिए सीमेंट की जांच करने की आवश्यकता थी। विद्वान जिला आयोग ने जो निर्णय पारित किया है उसमें ऐसा कोई आधार प्रतीत नहीं होता है जिस पर हस्तक्षेप किया जा सके। हमारी राय में विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश विधि सम्मत है। अत: प्रस्तुत अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है और विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय-पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय आज दिनांक- 30-03-2022 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित/दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया। ..
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
कृष्णा–आशु0 कोर्ट-2.