(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-544/2009
भारतीय जीवन बीमा निगम व अन्य बनाम अल्पना भारतीय व अन्य
दिनांक : 18.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-144/2006, अल्पना भारती बनाम शाखा प्रबंधक भारतीय जीवन बीमा निगम में विद्वान जिला आयोग, मीरजापुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13.02.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्ता श्री आलोक रंजन को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमित राशि अंकन 1,00,000/-रू0 अदा करने का आदेश पारित किया है।
परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादिनी के पति ने पचास-पचास हजार रूपये की दो बीमा पॉलिसी प्राप्त की थी। पॉलिसी अवधि के दौरान दिनांक 09.02.2005 को ह्रदय गति रूक जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी, परंतु बीमा क्लेम अदा नहीं किया।
बीमा कम्पनी का कथन है कि बीमाधारक को 7-8 माह पूर्व स्कूटर से चोट लगी थी, जिसके कारण पैर काटना पड़ा था और परिवादी डायबिटिक फुट एवं गैंगरीन से पीडि़त था। यह दोनों बीमारी दीर्घकालीन अवधि में होती हैं, इसलिए बीमा प्रस्तावक द्वारा प्रस्ताव के समय डायबिटीज बीमारी को छिपाया गया। अत: बीमा क्लेम देय नहीं है।
पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि बीमा प्रस्ताव भरने से पूर्व डायबिटीज का इलाज होने का कोई सबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है, केवल उपधारणा के आधार पर यह निष्कर्ष नहीं दिया जा सकता कि प्रस्ताव भरते समय बीमाधारक को डायबिटीज नामक बीमारी की जानकारी थी। ऐसा करना केवल उपधारणा के आधार पर निर्णय पारित करना होगा और बीमारी के संबंध में कोई उपधारणा किया जाना विधिसम्मत नहीं है, इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2