Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/1844

M/S Hero Honda - Complainant(s)

Versus

Almatullah - Opp.Party(s)

Arun Tandan

29 Jul 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/1844
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. M/S Hero Honda
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Almatullah
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 29 Jul 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-1584/2003

 

मै0 जवाहर मोटर्स, ए-7, गांधी नगर, रामपुर रोड, मुरादाबाद, द्वारा पार्टनर, गोपाल कपूर।

                                     अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2                                  

बनाम्~

1. श्री अजमत उल्‍ला पुत्र श्री मसीतउल्‍ला, निवासी 132, के0वी0 स्‍टेशन, हाईडिल कालोनी, सम्‍भल, मुरादाबाद।

2. हीरो हाण्‍डा मोटर्स लि0, 69th के0एस0 स्‍टोन, दिल्‍ली जयपुर हाईवे, धारूहरा, हरियाणा स्‍टेट।

प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1

एवं

 अपील संख्‍या-1844/2003

 

हीरो हाण्‍डा मोटर्स लि0, 69th के0एस0 स्‍टोन, दिल्‍ली जयपुर हाईवे, धारूहरा, हरियाणा स्‍टेट द्वारा मैनेजर।

                                       अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1

बनाम्~

1. श्री अजमत उल्‍ला पुत्र श्री मसीतउल्‍ला, निवासी 132, के0वी0 स्‍टेशन, हाईडिल कालोनी, सम्‍भल, मुरादाबाद।

2. मै0 जवाहर मोटर्स, ए-7, गांधी नगर, रामपुर रोड, मुरादाबाद, द्वारा पार्टनर, गोपाल कपूर।

प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2

 

समक्ष:-

1. माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

मै0 जवाहर मोटर्स की ओर से उपस्थित  : श्री आर0एन0 सिंह, विद्वान अधिवक्‍ता।

मै0 हीरो हाण्‍डा मोटर्स की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टण्‍डन, विद्वान अधिवक्‍ता।

परिवादी, अजमत उल्‍ला की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 22.09.2016

माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

उपरोक्‍त अपील संख्‍या-1584/2003 एवं अपील सं0-1844/2003, परिवाद सं0-105/2001, अजमत उल्‍ला बनाम विपक्षी सं0-1 हीरो होण्‍डा मोटर्स लि0 तथा विपक्षी सं0-2 पार्टनर/मैनेजर जवाहर मोटर्स में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, मुरादाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 20.05.2003 से क्षुब्‍ध होकर क्रमश: विपक्षी सं0-2, मै0 जवाहर मोटर्स एवं विपक्षी सं0-1, मै0 हीरो हाण्‍डा मोटर्स लि0 द्वारा योजित की गयी हैं, अत्एव न्‍यायिक सुविधा की दृष्टि से उपरोक्‍त दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक ही निर्णय/आदेश के माध्‍यम से किया जा रहा है। इस हेतु अपील संख्‍या-1584/2003 अग्रणी होगी।

जिला फोरम द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश निम्‍नवत् है :-

‘’ विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि आदेश की सूचना के एक माह में अपना-अपना संयुक्‍त एवं पृथक-पृथक उत्‍तरदायित्‍व मानते हुए परिवादी को विक्रय पत्र के अनुसार मोटर्स साईकिल अथवा नयी मोटर साईकिल वारन्‍टी सहित बदलकर देने अथवा विकल्‍प में परिवादी से मोटर साईकिल लेकर उसका मूल्‍य 42144/- रू0 वापस करें और प्रत्‍येक अवस्‍था में दिनांक 1.9.2000 से मोटर साईकिल बदलने के दिनांक तक अथवा उसका मूल्‍य भुगतान न करने के दिनांक तक मूल्‍य पर 18 प्रतिशत ब्‍याज क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान करें और 1000/- रू0 परिवाद व्‍यय भुगतान करें। ‘’

विपक्षी सं0-1, हीरो हाण्‍डा मोटर्स लि0 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अरूण टण्‍डन तथा विपक्षी सं0-2, मै0 जवाहर मोटर्स की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर0एन0 सिंह एवं परिवादी, अजमत उल्‍ला की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन उपस्थित हैं। तदनुसार विद्वान अधिवक्‍तागण को विस्‍तार से सुना गया एवं अभिलेखों का परिशीलन किया गया।

परिवाद पत्र का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी, अजमत उल्‍ला ने विपक्षी सं0-1, हीरो हाण्‍डा मोटर्स लि0 के द्वारा निर्मित एक नयी मोटर साईकिल सी0डी0 100 एस.एस. माडल 2000 दिनांक 1.9.2000 को रू0 42,144/- देकर विपक्षी सं0-1 के अधिकृत विक्रेता विपक्षी सं0-2, जवाहर मोटर्स से क्रय की थी। विपक्षी सं0-2 ने प्रश्‍नगत मोटर साईकिल का चेचिस सं0- 00जी 14 एफ 07768 इंजन सं0- 00जी 13 ई 10015 आदि अंकित किये थे। विपक्षी सं0-2 ने प्रश्‍नगत मोटर साईकिल की 05 वर्ष की वारण्‍टी बतायी थी। प्रश्‍नगत मोटर साईकिल क्रय करने के दो दिन पश्‍चात ही खराबी आनी शुरू हो गयी, जिसकी शिकायत विपक्षी सं0-2 से की गयी, जिस पर विपक्षी सं0-2 के कर्मियों ने प्रश्‍नगत मोटर साईकिल के दोषों को दूर करने का प्रयास किया, किन्‍तु दोष दूर नहीं हुए। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, मुरादाबाद के कार्यालय ने विक्रय पत्र में अंकित चेसिस नं0 व मोटर साईकिल में अंकित चेसिस नं0 देखकर दोनों में भिन्‍नता बतायी और पंजीयन करने से इंकार कर दिया, जिसकी शिकायत विपक्षी सं0-2 से की गयी तो उन्‍होंने कहा कि बिका हुआ माल वापस नहीं होगा, जिससे विक्षुब्‍ध होकर प्रश्‍नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।

जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण की ओर से परिवाद पत्र का विरोध किया गया और मुख्‍यत: यह अभिवचित किया गया कि विपक्षी सं0-2 ने परिवादी को मोटर साईकिल मात्र 06 माह की वारण्‍टी के साथ बेची थी न कि 05 साल की वारण्‍टी के साथ। विक्रय पत्र व वाहन पर अंकित चेसिस नं0 में अन्‍तर गणितीय त्रुटि के कारण संभव है। परिवादी दिनांक 08.03.2001 को विपक्षी सं0-2 के पास नहीं आया था परिवादी द्वारा मोटर साईकिल की 2 सर्विसेज ही करायी गयी थीं। वह तीसरी सर्विस कराने नहीं आया। जिस अवस्‍था में मोटर साईकिल विपक्षी सं0-1 से प्राप्‍त हुई, उसी अवस्‍था में मोटर साईकिल विक्रय की गयी थी और परिवादी ने संतुष्‍ट होकर मोटर साईकिल खरीदी थी, अत: परिवाद गलत तथ्‍यों पर आधारित है, जो खारिज होने योग्‍य है।

जिला फोरम द्वारा उभय पक्ष के अभिवचनों व उपलब्‍ध अभिलेखों पर विचार करते हुए उपरोक्‍त निर्णय/आदेश पारित किया गया।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने मुख्‍य रूप से यह तर्क किया कि परिवादी ने मोटर साईकिल की सर्विसिंग मात्र दो बार करायी, परन्‍तु तीसरी बार सर्विसिंग कराने हेतु वह सर्विस सेण्‍टर पर नहीं आया। परिवादी का यह कथन कि प्रश्‍नगत मोटर साईकिल का चेसिस नं0 व इंजन नं0 में भिन्‍नता है, इस‍ कारण उसका पंजीयन नहीं हो सका, परन्‍तु परिवादी ने यह नहीं बताया कि प्रश्‍नगत मोटर साईकिल के चेसिस नं0 व इंजन नं0 में क्‍या भिन्‍नता है। प्रश्‍नगत मोटर साईकिल अभी भी परिवादी के कब्‍जे में और लगातार उसका वह प्रयोग कर रहा है।

प्रत्‍यर्थी सं0-1/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क किया कि प्रश्‍नगत मोटर साईकिल में निर्माण दोष था और उसके चेसिस नं0 व इंजन नं0 में भिन्‍नता थी इसलिए उसका पंजीयन नहीं हो सका। प्रश्‍नगत वाहन अभी भी खड़ा है, उसका कोई प्रयोग नहीं किया जा रहा है।

आधार अपील एवं सम्‍पूर्ण प‍त्रावली का परिशीलन किया गया, जिससे यह विदित होता है कि प्रश्‍नगत वाहन में डिफेक्‍ट था। प्रश्‍नगत वाहन की किस एक्‍सपर्ट से जांच करायी गयी यह स्‍पष्‍ट नहीं है। प्रश्‍नगत वाहन का चेसिस नं0 व इंजन में वास्‍तव में क्‍या भिन्‍नता थी। वाहन के चेसिस नं0 व इंजन नं0 में सुधार हो सकता है अथवा नहीं। इस संबंध में जिला फोरम ने कोई निष्‍कर्ष नहीं दिया है। अत: प्रस्‍तुत प्रकरण जिला फोरम को पुन: निस्‍तारण हेतु प्रतिप्रेषित किये जाने योग्‍य है। तदनुसार उपरोक्‍त दोनों अपीलें स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

उपरोक्‍त दोनों अपीलें, अर्थात् अपील सं0-1584/2003 एंव अपील सं0-1844/2003 स्‍वीकार की जाती हैं। जिला फोरम, मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0-105/2001, अजमत उल्‍ला बनाम विपक्षी सं0-1 हीरो होण्‍डा मोटर्स तथा विपक्षी सं0-2 पार्टनर/मैनेजर जवाहर मोटर्स में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 20.05.2003 अपास्‍त किया जाता है। जिला फोरम को प्रस्‍तुत प्रकरण इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषि‍त किया जाता है कि वह उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए प्रकरण का निस्‍तारण गुणदोष पर करना सुनिश्‍चित करें।

     इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील सं0-1584/2003 में रखी जाये एवं इसकी एक सत्‍य प्रतिलिपि अपील सं0-1844/2003 में रखी जाये।

 

   (जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)                    (संजय कुमार)

              पीठासीन सदस्‍य                           सदस्‍य

लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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