राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
पुनरीक्षण सं0-११३/२००४
(जिला मंच (द्वितीय), बरेली द्वारा परिवाद सं0-२३/२००४ में पारित आदेश दिनांक १९-१०-२००४ के विरूद्ध)
विष्णु बाल सदन, काली बाड़ी, बरेली द्वारा अध्यक्ष, श्री राम औतार अग्रवाल।
............. पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी।
बनाम्
१. इलाहाबाद बैंक, श्याम गंज, द्वारा ब्रान्च मैनेजर, बरेली।
२. ब्रान्च मैनेजर, इलाहाबाद बैंक, श्याम गंज, बरेली।
............. प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
१. मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२. मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित :- श्री अरूण टण्डन विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित :-कोई नहीं।
दिनांक : १४-०३-२०१६
मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
आज यह पत्रावली प्रस्तुत हुई। पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन उपस्थित हैं।
हमने अधिवक्ता पुनरीक्षणकर्ता के तर्क सुने तथा प्रश्नगत आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेख का अवलोकन किया। यह पुनरीक्षण वर्ष २००४ से लम्बित है।
पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है कि इस आयोग के आदेश दिनांकित ०८-०१-२०१६ के अनुसार प्रत्यर्थीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजे जाने हेतु पैरवी करने के लिए पुनरीक्षणकर्ता निर्देशित किया गया था, किन्तु पुनरीक्षणकर्ता द्वारा प्रत्यर्थीगण को नोटिस भेजे जाने हेतु कोई पैरवी नहीं की जा रही है। वर्ष २००४ से निरन्तर यह पुनरीक्षण याचिका अनेकोंबार सुनवाई हेतु सूचीबद्ध की जा चुकी है, किन्तु पुनरीक्षणकर्ता की ओर से अपेक्षित पैरवी नहीं की जा रही है।
यह पुनरीक्षण, जिला मंच (द्वितीय), बरेली द्वारा परिवाद सं0-२३/२००४ में
-२-
पारित आदेश दिनांक १९-१०-२००४ के विरूद्ध योजित की गयी है। प्रश्नगत आदेश द्वारा विद्वान जिला मंच ने डिक्री का निष्पादन पूर्ण होना मानते हुए निष्पादन वाद को पूर्ण सन्तुष्टि में निर्णीत किया है। प्रश्नगत आदेश जिला मंच द्वारा मामले के तथ्य एवं परिस्िथतियों पर विचार करते हुए पारित किया गया है। मामले की तथ्यात्मक स्थिति को अधिवक्ता पुनरीक्षणकर्ता स्पष्ट नहीं कर सके। प्रश्नगत आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है। पुनरीक्षण निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत पुनरीक्षण निरस्त की जाती है।
इस पुनरीक्षण के व्यय-भार के सम्बन्ध में कोई आदेश पारित नहीं किया जा रहा है।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(महेश चन्द)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-५.