जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 978/2020 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-23.11.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-01.04.2023
सैयद एहसान हैदर काजमी आयु लगभग 50 वर्ष पुत्र श्री सैयद तकी हैदर काजमी, निवासी-182/18 क मशकगंज इंतेजार कदा लखनऊ, पोस्ट आफिस-अमीनाबाद लखनऊ-226018। .............परिवादी।
बनाम
1. शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक, सिटी आफिस ब्रांच चौक लखनऊ-226003 ।
2. महाप्रबंधक इलाहाबाद बैंक, प्रधान कार्यालय-2 नेताजी सुभाष रोड कोलकाता-7000001 । .........विपक्षीगण।
परिवादीगण के अधिवक्ता का नाम:-श्री मुनव्वर सुल्तान।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-श्री अरूण कुमार ओझा।
आदेश द्वारा-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
निर्णय
1. परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षीगण द्वारा खाते से काटी गयी नाजायज कटौतियों को तुरन्त वापस करने, परिवादी की साख धूमिल होने के लिये 10,00,000.00 रूपये तथा मानसिक पीड़ा हेतु 9,00,000.00 रूपये, एवं अधिवक्ता फीस तथा नोटिस का खर्चा 11,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी का एक चालू खाता संख्या-50379646825 इलाहाबाद बैंक सिटी आफिस चौक लखनऊ में संचालित है, जिसे परिवादी ने दिनॉंक 10.03.2017 को खुलवाया था तथा इसी खाते से परिवादी का व्यापार चलता है। Western Union तथा Transfast Worldwide Money Transfer कंपनियॉं NEFT द्वारा परिवादी के उपरोक्त खाते में प्रतिदिन पैसा भेजती हैं तथा परिवादी उस पैसे को निकालकर Western Union तथा Transfast के ग्राहकों को देता है। यही क्रम सदैव से चलता आ रहा है।
3. बाहर से जो पैसा आता है उसको परिवादी द्वारा 50,000.00 तक नकद तथा 50,000.00 से ऊपर चेक द्वारा भुगतान करता है। परिवादी के पास 2,50,000.00 रूपये हैं उन्हीं से परिवादी रोज ग्राहकों को भुगतान करता है। कमीशन द्वारा परिवादी को जो धनराशि प्राप्त होती है वह भी परिवादी के उपरोक्त खाते में ही आती है, जो 3500.00 से अधिक नहीं होती।
4. दिनॉंक 30.06.2019 को परिवादी के उपरोक्त खाते से 2832.00 रूपये तथा 867.00 रूपये बैंक द्वारा बिना बताये कटौती की गयी है। दिनॉंक 02.07.2019 को परिवादी को जब मालूम पड़ा तो परिवादी बैंक गया तथा ब्रान्च मैनेजर से इस विषय पर बात की तो उनके द्वारा यह बताया गया कि ऐसे ही कटता रहेगा। ज्यादा कैश निकालोगे तो ज्यादा कटौती होती रहेगी, चालू खाता है। ब्रांच मैनेजर बोले कि अब चालू खाते से भी ज्यादा निकासी पर पैसा कटेगा।
5. परिवादी ने अप्रैल 2019 को अपने खाते से लगभग 7,53,266.00 रूपये के आस-पास निकाले तथा मई 2019 में लगभग 16,00,000.00 के आस-पास निकासी की गयी है। चेकबुक के नाम पर 200.00 रूपये तथा 250.00 रूपये चार्ज किया जाता है। 72.00 रूपये केवल पॉंच इन्ट्री के लिये काटे जाते हैं। परिवादी के खाते से की गयी कटौतियॉं तिथिवार इस प्रकार हैं-
Date | Particular | Deduction | |
10-03-2017 | Account Open | | 5000.00 |
23-03-2017 | Cheque Book Charge | 200.00 | |
31-03-2017 | Ledger Folio Charges | 72.00 | For only 5 entries |
30-09-2017 | Ledger Folio Charges | 236.00 | |
16-03-2018 | Clg. Cheque Return Charges | 590.00 | Chq Rtn. 50,000.00 |
31-03-2018 | Ledger Folio Charges | 1180.00 | |
07-05-2018 | Clg. Cheque Return Charges | 590.00 | Chq Rtn. 2,00,000.00 |
10-09-2018 | Cheque Book Charge | 250.00 | |
30-09-2018 | Ledger Folio Charges | 1062.00 | |
10-03-2019 | Charges CY18-ATM FEE | 118.00 | |
30-03-2019 | Charges CY18-ATM FEE | 118.00 | |
16-03-2019 | TRF By Feed Reversal ATM FEE CY18 | | Cr. 118.00 |
31-03-2019 | Ledger Folio Charges | 1062.00 | |
30-06-2019 | Ledger Folio Charges | 708.00 | |
30-06-2019 | Withdrawals Charges For April | 867.00 | |
30-06-2019 | Withdrawals Charges For May | 2832.00 | |
05-07-2019 | Cheque Book Charge | 250.00 | |
30-09-2019 | Ledger Folio Charges | 826.00 | |
31-12-2019 | Ledger Folio Charges | 826.00 | |
31-12-2019 | Cash Handling Charges | 30.00 | |
ए0टी0एम0 जारी करने पर शुल्क काटा गया है, वह भी बेइमानी है। परिवादी ने दिनॉंक 02.12.2019 को एक चेक मोहम्मद शहनवाज के नाम से जारी किया जो कि 31475.21 रूपये का था जिसको बैंक ने यह कहर वापस कर दिया कि हस्ताक्षर गलत हैं।
6. परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। अत: दिनॉंक 25.05.2022 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
7. परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र तथा दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में स्टेटमेंट ऑफ एकाउन्ट दाखिल किया गया है।
8. परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षी द्वारा नाजायज कटौती को तुरन्त वापस किये जाने के संबंध में यह परिवाद संस्थित किया गया है और यह कहा गया कि भिन्न भिन्न तिथियों पर परिवादी के एकाउन्ट से गलत तरीके से कटौती कर दी गयी है जो कि 250.00 रूपये और 72.00 रूपये गलत काट दिये गये हैं तथा उक्त धनराशि प्राप्त करने का अधिकारी है।
9. विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही चल रही है।
10. परिवाद पत्र के अवलोकन से विदित है कि परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है।
11. अब यह देखा जाना है कि क्या वास्तव में बैंक द्वारा सेवा में कमी की गयी है अथवा नहीं। जैसा कि परिवादी द्वारा कथन किया गया कि भिन्न भिन्न तिथियों में बैंक द्वारा कटौती की गयी है, यह देखा जाना है कि क्या वह कटौती उपयुक्त है अथवा नहीं। जैसा कि चेक बुक चार्जेज ए0टी0एम0 चार्जेज, लेजर फोलियो चार्ज कैश हैण्डलिंग चार्ज आदि लिये गये हैं। वर्तमान बैंक के नियमों में इनकी व्यवस्था की गयी है।
12. अत: जो भी चार्ज लिये गये हैं वह विधि सम्मत हैं और स्टेटमेंट ऑफ एकाउन्ट से भी पता चलता है कि वह चार्ज लिये गये हैं। वह सही लिये गयें हैं। इस संबंध में राज्य उपभोक्ता आयोग कर्नाटक बंगलौर द्वारा IV 1993 (1) C.P.R. 694 जिसमें कहा गया है कि जहॉं जटिल विषय हो जैसा कि कपट तो उपभोक्ता फोरम का, क्षेत्राधिकार नहीं है। ठीक इसी प्रकार राज्य उपभोक्ता आयोग राजस्थान, जयपुर द्वारा II 1993 (1) C.P.R. 260 में कहा गया है कि कपट डिसेप्शन यह जैसा इस तथ्य में जटिल प्रश्न है, इन प्रश्नों में समरी तौर पर नहीं दिया जा सकता। राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम नई दिल्ली द्वारा I 1992 (1) C.P.R. 34 में जहॉं पर जटिल प्रश्न हो या मिश्रित प्रश्न का उदाहरण हो वहॉं व्यवहार न्यायालय को क्षेत्राधिकार है। यह कंज्यूमर फोरम के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। उक्त नजीरों के दृष्टिगत यह परिवाद खारिज होने योग्य है।
13. अगर किसी ने धोखा-धड़ी करके उक्त धनराशि काट ली है तो यहॉं प्रश्न यह उठता है कि किसने धोखा-धड़ी की है, इस पर एक्सपर्ट की रिपोर्ट एवं जिरह की आवश्यकता प्रतीत होती है तथा इस न्यायालय का क्षेत्राधिकार नहीं है। उपरोक्त विवेचन के आधार पर परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
निर्णय की प्रति पक्षकारों को नियमानुसार जारी की जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक-01.04.2023