राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-926/2017
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम-द्वितीय, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या 740/2011 में पारित आदेश दिनांक 01.05.2017 के विरूद्ध)
सुमित कपूर आयु लगभग 38 वर्ष,
पुत्र श्री आर एन कपूर निवासी-91 ट्रांस-गोमतीनगर,
डालीगंज रेलवे क्रासिंग के सामने, सीतापुर रोड, लखनऊ
...................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. इलाहाबाद बैंक द्वारा महाप्रबन्धक,
इलाहाबाद बैंक मुख्यालय कार्यालय,
हजरतगंज लखनऊ।
2. मुख्य शाखा प्रबन्धक,
इलाहाबाद बैंक डालीगंज,
हसनगंज लखनऊ।
3. क्षेत्रीय प्रबन्धक इलाहाबाद बैंक,
क्षेत्रीय कार्यालय हजरतगंज, लखनऊ।
4. फोरसीजन एग्रो प्राइवेट लि0,
शाप नं0-4 एकता कोआपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी,
एविंग बिल्डिंग सी-3 ग्राउन्ड फ्लोर कन्या पाडा,
गोरे गांव ईस्ट मुम्बई-4003
................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री प्रज्ञा नन्द राय के सहयोगी
श्री सत्य प्रकाश पाण्डेय,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 25-05-2017
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मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-740/2011 सुमित कपूर बनाम इलाहाबाद बैंक आदि में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, लखनऊ द्वारा पारित आदेश दिनांक 01.05.2017 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्त परिवाद के परिवादी सुमित कपूर की ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्त परिवाद अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति में अदम पैरवी में खारिज कर दिया है, जबकि निश्चित तिथि पर प्रत्यर्थी/विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित रहे हैं।
अपीलार्थी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता श्री प्रज्ञा नन्द राय के सहयोगी श्री सत्य प्रकाश पाण्डेय उपस्थित आए। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपीलार्थी/परिवादी ने दिनांक 01.05.2017 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित न होने का पर्याप्त कारण दर्शित किया है। चूँकि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता उक्त तिथि पर मौजूद रहे हैं, अत: प्रत्यर्थी/विपक्षीगण को हर्जा दिया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: हम इस मत के हैं कि अपील स्वीकार करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 01.05.2017 को 500/-रू0 हर्जे पर अपास्त किया जाए और यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाए कि वह उपरोक्त हर्जा निश्चित तिथि तक अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा करने पर उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करे और तदोपरान्त विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित करे और परिवाद का निस्तारण विधि के अनुसार करे।
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आदेश
वर्तमान अपील स्वीकार की जाती है। जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 01.05.2017 को 500/-रू0 हर्जे पर अपास्त किया जाता है तथा यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाता है कि वह उपरोक्त हर्जा अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा करने पर उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करे और तदोपरान्त विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित करे और परिवाद का निस्तारण विधि के अनुसार करे।
अपीलार्थी दिनांक 27.06.2017 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होंगे और उसी दिन अपीलार्थी/परिवादी उपरोक्त हर्जे की धनराशि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण को अदा करेंगे और यदि वे हर्जा लेने हेतु उपलब्ध नहीं होते हैं तो जिला फोरम के समक्ष जमा करेंगे।
यदि उक्त निश्चित तिथि पर हर्जे की धनराशि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा नहीं की जाती है तो वर्तमान आदेश निष्प्रभावी हो जाएगा।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1