राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
परिवाद संख्या-47/2012
रोशनी जायसवाल पत्नी श्री चन्दन जायसवाल निवासी 402/105
पानदरीबा महाबीर बिहार इलाहाबाद। .........परिवादिनी
बनाम्
1. इलाहाबाद बैंक, द्वारा असिस्टेन्ट जनरल मैनेजर 22 पी.डी.टन्डन
रोड द्वारा, सिविल लाइन इलाहाबाद।
2. शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक, शाखा सिविल लाइन इलाहाबाद।
द्वारा विपक्षी संख्या 1
3. आर्थिराइज्ड आफिसर इलाहाबाद बैंक, 22 पी.डी. टन्डन रोड
इलाहाबाद द्वारा विपक्षी संख्या 1
..........विपक्षीगण।
समक्ष:-
1. मा0 श्री चन्द्र भाल श्रीवास्तव, पीठासीन सदस्य।
2. मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
परिवादी की ओर से उपस्थित :कोई नहीं।
विपक्षी की ओर से उपस्थित :श्री निखिल श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक 21.08.2015
मा0 श्री चन्द्र भाल श्रीवास्तव, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
आज पत्रावली प्रस्तुत हुई। परिवादिनी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने अपने लिखित कथन में बल देते हुए तर्क लिया है कि परिवादिनी ने विवादित संपत्ति नीलामी के दौरान खरीदी है, जिसे कि बैंक द्वारा सरफेसी कार्यवाही के अंतर्गत विक्रय किया गया था। परिवादिनी ने चूंकि विवादित संपत्ति नीलामी के द्वारा खरीदी है, अत: नीलामी के प्रकरणों में उपभोक्ता फोरम का क्षेत्राधिकार नहीं रह जाता है।
हम विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क से सहमत हैं। चूंकि प्रकरण नीलामी की संपत्ति से संबंधित है, अत: ऐसे प्रकरणों का कोई क्षेत्राधिकार उपभोक्ता फोरम में निहित नहीं है।
परिणामत:, यह परिवाद तदनुसार निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत परिवाद तदनुसार निरस्त किया जाता है।
-2-
परिवाद व्यय के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया जा रहा है।
(सी0बी0 श्रीवास्तव) (राज कमल गुप्ता) पीठासीन सदस्य सदस्य
राकेश, आशुलिपिक
कोर्ट-2