समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-48/2013 उपस्थित- श्री बाबूलाल यादव, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
रीना पुत्री श्री रामेश्वर निवासी-देवगनपुरा पनवाडी परगना व तहसील-कुलपहाड जनपद-महोबा
..........परिवादिनी
बनाम
1.प्रबंधक,इलाहाबाद बैंक शाखा-पनवाडी तहसील-कुलपहाड जनपद-महोबा ।
2.वरिष्ठ कोषाधिकारी,जिला कोषागार,महोबा जनपद-महोबा .......विपक्षीगण
निर्णय
श्री बाबूलाल यादव,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादिनी ने यह परिवाद खिलाफ विपक्षीगण प्रबंधक,इलाहाबाद बैंक शाखा-पनवाडी जनपद-महोबा एवं वरिष्ठ कोषाधिकारी,जनपद-महोबा बावत दिलाये जाने क्षतिपूर्ति 30,000/-रू0 व अन्य अनुतोष प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवादिनी का कथन इस प्रकार है कि परिवादिनी राजकीय बालिका इण्टर कालेज,पनवाडी से शिक्षा ग्रहण कर रही है । परिवादिनी ने सन 2012 में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की तो शासन की योजना ‘’ बढे बेटियां पढे बेटियां ‘’ के अंतर्गत उसे विपक्षी सं0 2 वरिष्ठ कोषाधिकारी,महोबा द्वारा बनाई गई चेक सं0709015 दिनांकित: 14.02.2013 मु0 30,000/-रू0 राजकीय बालिका इण्टर कालेज में दिनांक:22.02.2013 को प्रदान की गई थी एवं परिवादिनी ने यह चेक प्राप्ति के उपरांत दिनांक:26.02.2013 को विपक्षी सं01 के यहां अपने खाता सं0 21472168379 में जमा कर दिया । परिवादिनी विपक्षी सं01 के पास 10 दिन बाद गई एवं उनसे अपने चेक के क्लियर होने के बावत पूंछा तो विपक्षी सं01 द्वारा यह बताया गया कि अभी उसका चेक क्लियर होकर नहीं आया है तथा करीब 5 दिन बाद आने के लिये बताया। परिवादिनी लगातार विपक्षी सं01 की शाखा जाती रही किन्तु विपक्षी सं01 हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देते थे । परिवादिनी जब दिनांक:07.04.2013 को पुन: विपक्षी सं01 के पास गई और अपने चेक के बारे में पूंछा तो विपक्षी सं01 द्वारा परिवादिनी का चेक यह कहकर वापस कर दिया कि चेक अवधि के बाहर है इस कारण उसका क्लियरेंस नहीं हो सका है । क़पया ट्रेजरी से दूसरा चेक अपने विधालय के माध्यम से बनवाकर लाओ और अपने खाते में जमा कर दो । परिवादिनी इस संबंध में अपने विधालय के प्रधानाचार्य,जिला विधालय निरीक्षक एवं जिलाधिकारी से व्यक्तिगत रूप से मिली,जिस पर उनके द्वारा कहा गया कि ट्रेजरी द्वारा दूसरी चेक जारी नहीं की जा सकती है । विपक्षी सं01 द्वारा समय से चेक क्लियरेंस हेतु नहीं भेजा गया । अत: विपक्षी सं02 कुछ नहीं कर सकता तथा परिवादिनी को विपक्षी सं01 के खिलाफ परिवाद दायर करने की सलाह दी गई । ऐसी परिस्थिति में परिवादिनी ने यह परिवाद मा0फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है ।
विपक्षी सं01 द्वारा अपना जबाबदावा प्रस्तुत किया गया है,जिसमें उन्होंने मात्र यह स्वीकार किया है कि परिवादिनी ने खाता सं0 21472168379 में चेक दाखिल किया है तथा शेष तथ्यों से उन्होंने इन्कार किया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा है कि परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत चेक सं0 709013 दिनांकित:24.04.2013 को परिवादिनी के खाता सं0 21472168379 में जमा करने हेतु ड्राप बाक्स में डाला गया था,जिसको विपक्षी बैंक द्वारा दिनांक:24.04.2013 को क्लियरेंस हेतु ओ0सी0सी0 सं0 224396 द्वारा इलाहाबाद बैंक,महोबा को भेज दिया गया था परन्तु इलाहाबाद बैंक,महोबा द्वारा चेक कालातीत होने के कारण वापस कर दी गई थी । तत्पश्चात विपक्षी बैंक द्वारा परिवादिनी के पिता रामेश्वर को बुलाकर चेक दिनांक:07.05.2013 को वापस कर दिया गया था । विपक्षी बैंक द्वारा कोई सेवा में त्रुटि या व्यापारिक कदाचरण नहीं किया गया और उन्होंने परिवादिनी का परिवाद निरस्त किये जाने की प्रार्थना की है ।
विपक्षी सं02 वरिष्ठ कोषाधिकारी,महोबा ने अलग से जबाबदावा प्रस्तुत किया है,जिसमें उन्होंने परिवादिनी का अभिकथन स्वीकार करते हुये यह कहा है कि आहरण वितरण अधिकारी अभुगतान प्रमाण पत्र के आधार पर वित्त नियंत्रक से बजट मांगकर पुन: देयक बजट की उपलब्धता पर चेक जारी कर सकता है । चॅूकि चेक की वैधता अगले एक माह तक थी तथा परिवादिनी ने इस संबंध में कोइर् प्रार्थना पत्र विपक्षी सं02 के यहां नहीं दिया । अंत: कोई चेक दुबारा जारी नहीं किया जा सकता । ऐसी परिस्थिति में उन्होंने परिवादिनी का परिवाद निरस्त किये जाने की प्रार्थना की है ।
परिवादिनी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र कागज सं04ग दाखिल किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य में छायाप्रति मेमोरेंडम कागज सं07ग,छायाप्रति ट्रेजरी चेक कागज सं08ग,चेक जमा करने की रसीद कागज सं09ग एवं जन सूचना अधिकार के तहत प्राप्त सूचना की छायाप्रति कागज सं023ग दाखिल की गई है ।
विपक्षी सं01 की और से शपथ पत्र द्वारा श्री अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रबंधक,इलाहाबाद बैंक,पनवाडी कागज सं017ग दाखिल की गई है तथा अभिलेखीय साक्ष्य में चेक जमा पर्ची दिनांक:24.04.2013 की छायाप्रति तथा स्टेटमेंट आफ एकांउट की छायाप्रति 20ग दाखिल की गई है ।
विपक्षी सं02 की और से कोई साक्ष्य नहीं दी गई ।
फोरम द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा पत्रावली का अवलेाकन किया गया,जिसमें यह पाया गया कि परिवादिनी रीना के नाम 30,000/-रू0 का ट्रेजरी का चेक दिनांक:14.02.2013 को जारी किया गया था,जिसका परिवादिनी द्वारा विपक्षी इलाहाबाद बैंक,पनवाडी के यहां दिनांक:26.02.2013 में जमा कर दिया गया था । अभिलेख कागज सं07ग से यह साबित है कि परिवादिनी की चेक का नकदीकरण आउट आफ डेट होने के कारण नहीं किया जा सका । अभिलेख कागज सं0 23ग/1 से यह बात स्वयं विपक्षी सं01 बैंक की और से यह स्वीकार किया गया है कि कतिपय लिपिकीय/तकनीकी विसंगति के कारण दिनांक: 27.02.2013 को उनके द्वारा परिवादिनी का चेक भेजा गया,जो दिनांक:30.03.2013 को पनवाडी शाखा में वापस आ गया था जिसको पुन: दिनांक:24.04.2013 को महोबा शाखा को उगाही हेतु प्रेषित किया गया था किन्तु चेक आउट आफ डेट होने के कारण वापस आ गया । इससे स्पष्ट है कि विपक्षी सं01 की सेवा में त्रुटि के कारण ही परिवादिनी को चेक का भुगतान नहीं हो सका । ऐसी परिस्थिति में परिवादिनी विपक्षी सं01 की उनकी सेवा में त्रुटि पाये जाने के कारण चेक में उल्लिखित धनराशि व अन्य अनुतोष पाने की हकदार है ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद खिलाफ विपक्षी सं01 स्वीकार किया जाता है । विपक्षी सं01 बैंक को आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय के अंदर एक माह परिवादिनी को चेक में उल्लिखित धनराशि 30,000/-रू0 अदा करे तथा वह इस धनराशि पर चेक जमा करने की दिनांक: 26.02.2013 से निर्णय की तिथि 19.02.2015 तक 9 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज प्रदान करे। इसके अलावा परिवादिनी विपक्षी सं01 से मानसिक क्षति के रूप में 2,500/-रू0 एव वाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 प्राप्त करने की हकदार होगी । विपक्षी सं01 उपरोक्त निर्णय का अनुपालन इस निर्णय से अंदर एक माह करे अन्यथा परिवादिनी विपक्षी बैंक से उपरोक्त धनराशि पर 10 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज भी पाने का अधिकारिणी होगी ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (बाबूलाल यादव)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा । जिला फोरम,महोबा । जिला फोरम,महोबा ।
19.02.2015 19.02.2015 19.02.2015