समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-55/2012 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
श्रीमती प्रकाश रानी पत्नी स्व0 खेत सिंह निवासी-ग्राम-सुंगिरा परगना व तहसील-कुलपहाड व जिला महोबा ...परिवादी
बनाम
1.प्रबंधक,इलाहाबाद बैंक शाखा-कुलपहाड जिला-महोबा ।
2.प्रबंधक,दि ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी लि0,गांधीनगर,महोबा .....विपक्षीगण
निर्णय
श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादिनी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादिनी के पति खेत सिंह एक कृषक किसान थे और कृषि कार्य कर के अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते थे । परिवादिनी के पति ने अपनी कृषि भूमि विपक्षी बैंक में बंधक रख कर किसान क्रेडिट कार्ड सं036963 बनवाया था,जो दि0 24.07.2010 से दि0 23.07.2013 तक वैध है । परिवादिनी के पति अपने खेतों में पानी लगा रहे थे अचानक उन्हें ठंड लग गई । उन्हें चिकित्सालय,महोबा लाया गया जहां पर दौरान इलाज उनकी दि0 19.12.2011 को मृत्यु हो गई और उनको मृत घोषित किया गया । परिवादिनी ने अपने पति की मृत्यु की सूचना तत्काल विपक्षी सं01 बैंक को दी । विपक्षी बैंक के कर्मचारी परिवादिनी के गांव आये और परिवादिनी का क्लेमफार्म भरवाकर अंगूठा लगवाया और कहा क्लेमफार्म विपक्षी सं02 के पास भेजा जायेगा और कहा कि विपक्षी सं02 बीमित धनराशि 50,000/-रू0 का चेक हमारे माध्यम से तुम्हें प्रदान कर देगा । करीब 04 माह बार परिवादिनी विपक्षी सं01 के पास बीमित धनराशि का चेक लेने पहुंची तो विपक्षी सं01 द्वारा कहा गया कि विपक्षी सं02 द्वारा क्लेम आवेदन का निस्तारण नहीं किया गया है । जैसे ही किया जायेगा तुम्हें सूचित कर दिया जायेगा । परिवादिनी लगातार विपक्षी सं01 के पास बीमित धनराशि का चेक लेने जाती रही लेकिन वह टाल-मटोल करते रहे । दिनांक 27-03-2012विपक्षी सं01 ने कहा कि ठंड से मृत्यु दुर्घटना मृत्यु नहीं होती और बेकार परेशान करने आ जाती हो । विपक्षीगण का चेक प्रदान न करना और क्लेम का निस्तारण न करना सेवा में त्रुटि एवं व्यापारिक कदाचरण है । अंत: यह परिवाद विपक्षीगण से 50,000/-रू0 की बीमित धनराशि व मृत्यु की तिथि से भुगतान की तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज एवं मानसिक क्षति के रूप में 20,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 10,000/-रू0 दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है ।
विपक्षी संख्या-01 के जबावदावा के अनुसार परिवादिनी के पति की मृत्यु ठंड से नहीं हुई बल्कि किसी अन्य बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई । परिवादिनी के पति की मृत्यु किसी दुर्घटना से नहीं हुई । परिवादिनी द्वारा उनको कोई सूचना अधिकारिक तौर पर नहीं दी और न ही कोई बैंक कर्मचारी जांच करने गया । दुर्घटना मुआवजा प्राप्त करने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया गया । परिवादिनी के पति की स्वाभाविक मृत्यु हुर्इ है । कोई पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई,जिससे मृत्यु दुर्घटनावश होना सिद्ध होता । विपक्षी संख्या-01 से परिवादिनी ने दुर्घटना की क्षतिपूर्ति हेतु संपर्क नहीं किया और न उन्होंने कोई आश्वासन नहीं दिया । परिवादिनी उक्त योजना के अंतर्गत लाभ पाने की अधिकारिणी नहीं है ।
विपक्षी सं02 के जबाबदावा के अनुसार परिवादिनी ने असत्य आधारों पर यह परिवाद प्रस्तुत किया है । परिवादिनी विपक्षी सं02 की उपभोक्ता नहीं है और परिवादिनी को कोई वाद का हेतुक उत्पन्न नहीं हुआ है । परिवाद कालबाधित है । पालिसी की शर्तों के अनुसार विपक्षी सं02 को कोई दायित्व नहीं बनता । ठंड लगने से मृत्यु होना बीमा पालिसी से कवर नहीं है । बीमा पालिसी की शर्तों के आधार पर अनुबंध किया गया है । ठंड लगने से मृत्यु होना पालिसी के आधीन शर्तों से आच्छादित नहीं है । विपक्षी संख्या-02 द्वारा कोई सेवा में त्रुटि नहीं की है। किसान क्रेडिट कार्ड धारक जब किसी किसान की मृत्यु हो जाती है तो पालिसी एवं अनुबंध की शर्तों के अनुसार दावा फार्म के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट,परिवार रजिस्टर की नकल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट,बीमा प्रीमियम राशि सहित दावा निस्तारण हेतु विपक्षी सं02 के यहां भेजना आवश्यक है लेकिन विपक्षी सं01 द्वारा कोई अभिलेख प्रेषित नहीं किये गये । ठंड लगने से मृत्यु पालिसी में कवर नहीं है और परिवादिनी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है ।
परिवादिनी की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त परिवाद पत्र के साथ श्रीमती प्रकाश रानी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं01 द्वारा अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त सी0वी0सिंह शाखा प्रबंधक का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं02 की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त मनोरंजन द्विवेदी,क्षेत्रीय प्रबंधक का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व पक्षकारों के अधिवक्तागण के तर्क सुने गये ।
परिवादिनी की और से अभिलेखीय साक्ष्य में विपक्षी सं01 द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड की पासबुक अभिलेख सं08ग,चिकित्साधिकारी,जिला चिकित्सालय,महोबा द्वारा जारी प्रपत्र सं04 अभिलेख सं09ग,मृत्यु प्रमाण पत्र अभिलेख सं011ग,जो ग्राम प्रधान द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र है तथा परिवार रजिस्टर की नकल अभिलेख सं011ग/2 प्रस्तुत की गई,जिनसे यह विदित होता है कि दि0 19.12.2011 को खेत सिंह की मृत्यु ठंड लगने से हुई है ।
परिवादिनी ने इस आशय का कोई कथन नहीं किया है कि उसने अपने पति की ठंड लगने से हुई मृत्यु की कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित थाने में दर्ज कराई हो इसलिये पुलिस द्वारा पंचनामा,पोस्टमार्टम आदि की कार्यवाही नहीं हुई । परिवादिनी की और से मात्र यह उल्लेख किया गया है कि परिवादिनी ने विपक्षी सं01 बैंक में समय से सूचना दी थी और बैंक के कर्मचारी गांव में जांच करने आये थे और क्लेमफार्म भरवाकर अंगूठा लगवाया था लेकिन उनके द्वारा कोई क्लेम नहीं दिया गया । विपक्षीगण का यह स्वीकृत केस है कि उनके द्वारा कोई क्लेम नहीं दिया गया । बल्कि विपक्षीगण की और से यह तर्क दिया गया कि ठंड लगने से मृत्यु होना दुर्घटना मृत्यु की श्रेणी में नहीं आता है । विपक्षीगण की और से किसान क्रेडिट कार्ड के आधार पर कोई बीमा पालिसी एवं उसकी शर्तों के संबंध में कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया,जिससे यह पता चलता कि किस प्रकार की मृत्यु आच्छादित थी । यह भी तर्क दिया गया कि ठंड लगने से मृत्यु स्वाभाविक मृत्यु की श्रेणी में आता है,दुर्घटना में मृत्यु की श्रेणी में नहीं।
विपक्षीगण का यह भी केस है कि और इस आधार पर तर्क दिया गया कि परिवादिनी ने विपक्षी सं01 को कोई मृत्यु की सूचना नहीं दी गई और न उनके द्वारा कोई जांच कराई गई और न ही विपक्षी सं01 ने विपक्षी सं02 को क्लेम प्रपत्र भेजे । परिवादिनी ने इस आशय का कथन किया अवश्य है कि विपक्षी सं01 को उसने दुर्घटना की सूचना दी थी और विपक्षी सं01 ने जांच कराई और क्लेमफार्म पर अंगूठा लगवाया लेकिन विपक्षी सं01 ने इस बात का स्पष्ट खण्डन किया है कि परिवादिनी ने कोई सूचना नहीं दी और न जांच कराई गई और न क्लेम को औपचारिकतायें पूर्ण कर विपक्षी सं02 को भेजा गया । परिवादिनी की और से इस आशय की कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई । परिवादिनी ने परिवाद प्रस्तुत करने के पूर्व विपक्षीगण को कोई नोटिस अथवा पत्र नहीं दिया गया,जिसमें यह उल्लेख होता कि परिवादिनी ने विपक्षी बैंक को दुर्घटना मृत्यु की सूचना दी । इस प्रकार परिवादिनी के किसी भी साक्ष्य से यह सिद्ध नहीं होता है कि परिवादिनी ने अपने पति की दुर्घटना में हुई मृत्यु की सूचना विपक्षी सं01 को दी हो। कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट या अन्य कोई अभिलेखीय साक्ष्य भी इस संबंध में उपलब्ध नहीं है।
परिवादिनी की और से दि0 21.04.2012 को सीधे परिवाद पत्र उपभोक्ता संरक्षण फोरम को प्रस्तुत कर दिया गया है । स्वयं विपक्षी सं01 के अनुसार विपक्षी सं02 को कोई क्लेमफार्म भेजा ही नहीं गया । ऐसी परिस्थिति में विपक्षी सं02 द्वारा क्लेम का निस्तारण न करना सेवा में त्रुटि के अंतर्गत नहीं आता है । परिवाद इसी आधार पर निरस्त किये जाने योग्य है । लेकिन परिवादिनी का क्लेम संबंधित औपचारिकतायें पूर्ण कर विपक्षी सं01 को प्रस्तुत करती है तो विपक्षीगण विधिवत क्लेम का निस्तारण करना सुनिश्चित करें ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध निरस्त किया जाता है । पक्षकार परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगें । लेकिन यदि परिवादिनी एक माह के अंदर अपना क्लेम औपचारिकतायें पूर्ण कर विपक्षी सं01 के यहां प्रस्तुत करती है तो विपक्षी सं01 उसे विपक्षी सं02 के यहां भेजेंगें और विपक्षी सं02 क्लेमफार्म प्राप्त होने पर एक माह के अंदर उसका निस्तारण करेंगें ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
04.04.2016 04.04.2016 04.04.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
04.04.2016 04.04.2016 04.04.2016