राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-1606/1998
(जिला उपभोक्ता फोरम, फैजाबाद द्वारा परिवाद संख्या-38/1994 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.05.1998 के विरूद्ध)
इन्द्र भान सिंह पुत्र स्व0 श्री पारस नाथ सिंह, निवासी ग्राम रायपुर कोट सराय, परगना मंगलसी, तहसील व जिला फैजाबाद।
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम्~
इलाहाबाद बैंक, मोतीबाग ब्रांच, सिटी एण्ड जिला इलाहाबाद, द्वारा मैनेजर।
प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री वी0पी0 शर्मा, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक 11.11.2016
माननीय श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रकरण पुकारा गया। वर्तमान अपील, परिवाद संख्या-38/1994, इन्द्र भान सिंह बनाम इलाहाबाद बैंक में जिला फोरम, फैजाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.05.1998 से क्षुब्ध होकर परिवादी/अपीलार्थी की ओर से प्रस्तुत की गयी है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा प्रश्नगत परिवाद को इस आधार पर निरस्त कर दिया गया है कि मामलें में जटिल प्रश्न निहित है और इसमें हस्तलेख विशेषज्ञ के साक्ष्य की भी आवश्यकता हो सकती है।
उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर वर्तमान अपील परिवादी/अपीलार्थी की ओर से योजित की गयी है।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री वी0पी0 शर्मा तथा प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा उपस्थित हैं। अत: विद्वान
-2-
अधिवक्तागण को विस्तार से सुना गया एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश तथा उपलब्ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया।
पत्रावली के परिशीलन से प्रकट होता है कि जिला फोरम के पीठासीन अध्यक्ष अवकाश प्राप्त जिला न्यायधीश के स्तर के अधिकारी होते हैं और अन्य दो सदस्य भी जो मामलें को सुनते हैं, उन्हें भी कानून का पूर्ण ज्ञान होता है। ऐसी स्थिति में जिला फोरम द्वारा यह कहा जाना कि प्रश्नगत परिवाद का निस्तारण उपभोक्ता फोरम द्वारा नहीं किया जा सकता है, उचित नहीं है। उपभोक्ता फोरम को स्पष्ट रूप से यह देखना आवश्यक है कि विपक्षी बैंक की सेवा में कमी परिवादी द्वारा प्रमाणित की जा जा सकती है अथवा नहीं।
उभय पक्ष के अभिवचन के दृष्टिगत हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि वर्तमान प्रकरण का निस्तारण उपभोक्ता फोरम द्वारा गुणदोष के आधार पर किया जाना सम्भव है, अत: परिवाद को निरस्त किये जाने के सन्दर्भ में जो निष्कर्ष दिया गया है, वह विधि अनुकूल नहीं है। तदनुसार प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 27.05.1998 अपास्त किये जाने एवं वर्तमान प्रकरण जिला फोरम को प्रतिप्रेषित किये जाने योग्य है। अत: वर्तमान अपील अंशत: स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील अंशत: स्वीकार की जाती है। जिला फोरम, फैजाबाद द्वारा परिवाद संख्या-38/1994, इन्द्र भान सिंह बनाम इलाहाबाद बैंक में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.05.1998 अपास्त किया जाता है। जिला फोरम को प्रकरण इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए मामलें का निस्तारण गुणदोष के आधार पर अधिकतम 06 माह में करना सुनिश्चित करें।
निर्णय/आदेश की प्रति उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाये।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (संजय कुमार)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2