जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-537/2012
सुरेन्द्र कुमार बघेल पुत्र स्व0 रामगोपाल बघेल निवासी-8 ग्रेटर कैलाष जाजमऊ थाना चकेरी, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. प्रबन्धक, अलंकित हेल्थ केयर लि0, पता-205-208 अनारकली काम्पलेक्स झण्डेवालान एक्सटेंषन नई दिल्ली-11005
2. षाखा प्रबन्धक, नेषनल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 पी0एस0बी0 षाखा 15/291, सिविल लाइन्स, कानपुर नगर।
3. क्षेत्रीय प्रबन्धक, नेषनल इंष्योरेन्स कंपनी लि0, जीवन भवन फेज- द्वितीय, नवल किषोर रोड, हजरतगंज, लखनऊ-226001
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 10.09.2012
निर्णय की तिथिः 03.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःः एकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से रू0 23000.00 मय ब्याज, मानसिक, षारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु रू0 60,000.00 तथा परिवाद व्यय हेतु रू0 3000.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के माध्यम से विपक्षी सं0-2 व 3 के उपक्रम में मेडिक्लेम पॉलिसी जिसका नं0-450502/48/08/8500000063 व समयावधि दिनांक 10.02.09 से 09.02.10 तक जिसका प्रीमियम रू0 3552. परिवादी ने जमा किया था। उपरोक्त मेडिक्लेम पॉलिसी का द्वितीय प्रीमियम रू0 3487.00 जो कि पॉलिसी नं0-450502/48/09/ 8500000065 जिसकी समयावधि दिनांक 10.02.10 से 09.02.11 के लिए जमा गया था। तृतीय प्रीमियम रू0 4513.00 जिसका पॉलिसी नं0-450502 /48/10/8500000072 समयावधि दिनांक 10.02.11 से 09.02.12 तक के
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लिए जमा किया था। उपरोक्त पॉलिसी में परिवादी की पत्नी श्रीमती आषा रानी बघेल को भी संयुक्त रूप से पॉलिसी धारक बनाया था। उपरोक्त मेडिक्लेम पॉलिसी की चतुर्थ प्रीमियम रू0 3487.00 जिसका पॉलिसी नं0-450502/48/11/8500000169 समयावधि दिनांक 10.02.12 से 09.02.13 तक जमा किया था। दिनांक 07.07.11 को षाम 7 बजे परिवादी की पत्नी को घबराहट के साथ बेहोषी आने लगी। डाक्टर की राय पर परिवादी, अपनी पत्नी को रीजेंसी अस्पताल ले गया। चिकित्सा के दौरान परिवादी की पत्नी की मृत्यु दिनांक 09.07.11 को हृदयाघात के कारण हो गयी। परिवादी का अपनी पत्नी के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती होने का कुल खर्च रू0 23000.00 आया। परिवादी ने अपनी पत्नी की मृत्यु की सूचना विपक्षी सं0-1 व 2 को लिखित रूप से तथा ई-मूल के माध्यम से प्रदान की। किन्तु विपक्षीगण के द्वारा परिवादी का क्लेम नहीं दिया गया। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद येजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 15.05.15 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 07.09.12 व 10.07.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-1 लगायत् 9 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
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परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण की ओर से बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय व आंषिक रूप से परिवादी को मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी की धनराषि रू0 23000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज तथा रू0 3000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 23000.00, मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 3000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
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