जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री प्रेमसिंह चैहान पुत्र श्री नारायण सिंह जी, उम्र-50 वर्ष, जाति- राजपूत, निवासी- मकान नं. 214, आर.के.पुरम. फायसागर रोड़, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. अत्तार भाई, मालिक एवं प्रोपराईटर एवन ट्रेवल्स, विकास टेªेवल्स, ष्षाॅप नं. 24, पुराना पंजाब बस स्टेण्ड, पुराने रेल्वे स्टेषन के पास, फतेहपुरी, दिल्ली-6
2. संजय, मालिक एवं प्रोपराईटर,श्री दीप टूर एण्ड ट्रेवल्स कम्पनी, माकड़वाली रोड़, अजमेर ।
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 220/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री जे.एस.राणा, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. अप्रार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 24.08.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने अप्रार्थी संख्या 2 से दिनंाक 12.2.2013 को अजमेर से दिल्ली जाने हेतु 7 सीटंे बैठने की व 3 सीटे स्लीपर राषि रू. 1890/- अदा कर अप्रार्थी संख्या 1 की बस संख्या आर.जे.14.यूपी में बुक कराई । परिवाद की चरण संख्या 2 में अंकित उसकी पत्नी व अन्य रिष्तेदार दिनंाक 12.2.2013 को अजमेर से दिल्ली उसकी भान्जी की षादी दिनंाक 14.2.2013 को होने वाली, में भात भरने के लिए सम्मिलित होने जा रहे थे। प्रार्थी का कथन है कि भात भरने के लिए परिवाद की चरण संख्या 6 लगायत 15 व 17 में अंकित सामान उसने अप्रार्थी बस के ड्राईवर व बस स्टाफ के कहने पर कि सामान की पूर्ण जिम्मेदारी उनकी है, इसलिए उनके सुपुर्द कर दिया । जिसे उन्होनंे बस की डिक्की में रख दिया । प्रार्थी द्वारा यह बताए जाने पर कि सामान कीमती है तो उन्होने जिम्मेदारी अपनी बताते हुए किसी प्रकार की चिन्ता न करने की सलाह दी । दिल्ली जाते समय बस जयपुर से पहले टोलनाके पर बंद हो गई । बस के ड्राईवर सलमान को वहां पर पता चला कि बस का डीजल पाईप फट गया है और बस चालू नहीं हो रही है । तत्पष्चात् उसने अप्रार्थी संख्या 1 बस मालिक से सम्पर्क किया ओर उसकी सलाहनुसार बस को जयपुर में ठीक कराने की बात कहते हुए बस के डीजल पाईप के कपड़ा लपेट कर बस को चलाने लगा । किन्तु 2.30 बजे हीरापुरा पावर हाउस, जयपुर के पास बस में आग लग गई और धीरे धीरे पूरी बस में आग लग गई । जिससे बस में रखा उनके भात भरने का सारा सामान व अन्य सामान जल कर नष्ट हो गया । बस के अन्य यात्रियों के साथ प्रार्थी व उसके परिजन बड़ी मुष्किल से बस की खिड़कियों को तोड कर बाहर निकले । उन्हें पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करवाने दी और ना ही दिल्ली पहुंचाने के लिए अप्रार्थीगण ने कोई इन्तजाम नहीं किया और वे अन्य बस से दिल्ली पहुंचे दिल्ली पहुंचने पर दिल्ली के रिष्तेदारों से पैसे उधार लेकर भात का सामान खरीदा व भात भरा । दिनंाक 19.2.2.013 को ष्षादी से निपट कर दिल्ली से अजमेर पहुंचे तो उसने दिनंाक 7.3.2013 को रजिस्टर्ड पत्र के द्वारा एक षिकायत एफआईआर दर्ज कराने बाबत् एसपी, जयपुर व एसएचओ, ष्यामनगर थाना, जयपुर को भेजी । इस प्रकार अप्रार्थीगण की लापरवाही के कारण उन्हें भारी आर्थिक नुकसान के साथ साथ मानसिक संताप उठाना पड़ा । प्रार्थी ने इसे अप्रार्थीगण की सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं के ष्षपथपत्र के अलावा श्रीमति नीता देवी,जगदीष सिंह चैहान, श्रीमति मीना कंवर, श्री विकास षर्मा के भी ष्षपथपत्र पेष किए है ।
2. अप्रार्थी बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी के विरूद्व दिनांक 09.07.2013 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. प्रार्थीपक्ष का तर्क है कि अपनी भान्जी की षादी दिनंाक 14.2.2013 में भात भरने के लिए अपने परिवार सहित अजमेर से दिल्ली जाने हेतु उसने अप्रार्थीगण की बस में 7 सीटे बैठने की व 3 सीट स्लीपर की यथोचित ष्षुल्क अदा कर बुक कराई । भात भरने हेतु यथासम्भव सामान सूटकेसों में रख कर अप्रार्थीगण के स्टाफ को डिक्की में यह कहते हुए रखने के लिए सम्भलवाया कि उनमें कीमत सामान है । जयपुर से पहले टोल नाके पर बस के अचानक बन्द हो जाने पर ड्राईवर द्वारा यह पाया गया कि बस का डीजल पाईप फट गया है इसकी जानकारी उसने बस मालिक अप्रार्थी संख्या 1 को दी और उसकी सलाहनुसार बसड्राईवर ने डीजल पाईप पर कपड़ा लपेटकर बस को जयपुर में ठीक कराने हेतु रवाना कर दिया किन्तु हीरापुरा पावर हाउस के पास बस में आग लग गई और धीरे धीरे आग ने बस को पूरी तरह जकड़ और बस जल कर नष्ट हो गई साथ उसमें रखा भात का सामान भी नष्ट हो गया । वे अन्य यात्रियों के साथ बमुष्किल बस की खिडकियों को तोड़ कर बस से बाहर निकले । बस ड्राईवर ने आगे की यात्रा हेतु कोई साधन उपलब्ध नहीं कराया और ना ही पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने दी । वह अपने रिष्तेदारेां सहित अन्य बस से दिल्ली पहुंचा और दिल्ली के रिष्तेदारों से रूपए उधार लेकर भात का सामान खरीदा और भात भरा । दिल्ली से वापस अपने पर उसने दिनंाक 19.2.2013 को एसपी जयपुर व एसएचओ,ष्यामनगर थाना, जयपुर को रजिस्टर्ड पत्र एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रेषित किया । अप्रार्थीगण की लापरवाही के कारण उन्हें काफी भारी मानसिक संताप के साथ साथ ष्षारीरिक कष्ट व आर्थिक नुकसान उठाना पडा । परिवाद स्वीकार किया जाना वांछित अनुतोष अप्रार्थी से दिलाया जावे ।
4. हमने प्रार्थी के तर्क सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अनुषीलन किया ।
5. प्रार्थी ने अपने परिवाद में वर्णित कथनों की पुष्टि अपने षपथपत्र के के अलावा अन्य के ष्षपथपत्र यथा - श्रीमति नीता देवी,जगदीष सिंह चैहान, श्रीमति मीना कंवर, श्री विकास ष्षर्मा के षपथपत्रों के माध्यम से एवं दस्तावेज उसने जो अभिलेख पर उपलब्ध कराए हैं यथा- बस का यात्रा टिकिट दिनंाक 12.2.2013, कुबेर आभूष्ण भण्डार के बिल दिनंाक 30.1.2013, किफायती कपडा बाजार के बिल दिनंाक 13.1.2013, मनीष ट्रेडर्स के बिल दिनंाक 31.1.2013, हरियाणा अटैची हाउस के बिल दिनंाक 5.2.2013, अनोखी साड़ी के बिल दिनंाक 2.1.2013,अनिल जरी हाउस के बिल दिनंाक 2.1.2013, अनोखी साडी के बिल दिनंाक 20.12013, सिद्वी विनायक साड़ी के बिल दिनंाक 16.1.2013,9.1.2013,गोयल कलर लेब के बिल दिनंाक 7.4.2013, व विकास ट्रेवल्स के कार्ड तथा एसपीजयपुर व एसएचओ, ष्यामनगर थाना,जयपुर को लिखे पत्र की प्रतियों से की है । ये सभी मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखंडित रही है। मंच की राय में अप्रार्थीगण द्वारा उचित प्रतिफल प्राप्त कर प्रार्थी व उसके रिष्तेदारों को अजमेर से दिल्ली तक की सुरक्षित यात्रा नहीं करवा कर सेवादोष किया है । प्रार्थी व उसके रिष्तेदार उनके रिष्तेदारी की षादी में भात भरने जा रहे थे और भात भरने व अन्य सामान जल कर नष्ट हो गया जिससे उन्हें मानसिक संताप व ष्षारीरिक कष्ट होना स्वभाविक है साथ ही अप्रार्थी ने जयपुर से आगे की यात्रा हेतु कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की जिसके कारण प्रार्थी व उसके परिजन स्वयं के खर्चे पर जयपुर से दिल्ली पहुंचे और ष्षादी में सम्मिलित हुए । अप्रार्थीगण का उक्त कृत्य घोर लापरवाही व सेवादोष का परिणाम है ।
6. प्रार्थी के कथन एवं प्रार्थी द्वारा मंच के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजात को दृष्टिगत रखते हुए अप्रार्थी के किसी खण्डन के अभाव में प्रार्थी के कथनों नहीं मानने का कोई आधार इस स्तर पर मंच के समक्ष विद्यमान नहीं है ।ऐसी स्थिति में प्रार्थी का परिवाद मंच की राय में अप्रार्थी के विरूद्व एक पक्षीय स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि:
:ः- आदेष:ः-
7. (1) प्रार्थी अप्रार्थीगण से भात भरने का सामान जल कर नष्ट हो जाने व यात्रा में हुई असुविधा की भरपाई के फलस्वरूप राषि रू. 2,00,000/- एवं परिवाद व्यय के रू. 5000/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा
(2) क्रम संख्या 1 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 24.08.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष