Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/37/2014

Shri Ashutosh Tyagi - Complainant(s)

Versus

Akshat World Link - Opp.Party(s)

27 Nov 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/37/2014
 
1. Shri Ashutosh Tyagi
R/o L.B-10 Lazmi Nagar, Linepaar, Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Akshat World Link
Add:- Chaddha Complex, Basement, Gulzarimaal Dharamshala Road, Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

निर्णय

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे  मोबाइल की  कीमत 2,650/- रूपये 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित वापिस दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 75,000/- रूपया और  परिवाद व्‍यय की मद  में 5,500/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी सं0-2 का  एक मोबाइल मॉडल सं0 के0सी0 520 दिनांक 20/4/2013 को 2,650/- रूपये  में खरीदा था, कुछ समय बाद से ही मोबाइल में तकनीकी और निर्माण सम्‍बन्‍धी खामियां सामने आने लगीं। बात करते हुऐ मोबाइल अत्‍याधिक गर्म हो जाता था, मोबाइल की स्‍क्रीन सफेद हो जाती थी, बात करते समय मोबाइल हैंग हो जाता था। परिवादी ने मोबाइल के सर्विस सेन्‍टर विपक्षी सं0-1 से सम्‍पर्क किया। विपक्षी सं0-1 के कर्मचारियों ने कहा कि मोबाइल 15-20 दिन  छोड़ना पड़ेगा। परिवादी ने  दिनांक 26/11/2013  को विपक्षी सं0-1 के पास ​मोबाइल ठीक करने के लिए छोड़ दिया। विपक्षी सं0-1 ने उसे जॉबशीट दे दी  और 15-20 दिन में सैट कम्‍पनी से ठीक कराकर वापिस देने का आश्‍वासन दिया। परिवादी का कथन है कि एक माह तक विपक्षीगण की  कोई सूचना उसके पास नहीं आई। विपक्षी सं0-1 से सम्‍पर्क करने पर उसने 2-4 दिन का और  समय देने के लिए कहा। 2-4 दिन बाद पुन: परिवादी विपक्षी सं0-1 के पास  गया तो विपक्षी सं0-1 ने परिवादी से कहा कि 2-4 दिन में आना हम नया  मोबाइल बदलवा देगें। परिवादी का आरोप है कि 10-12 चक्‍कर काटने के बाद  भी न तो परिवादी को मोबाइल वापिस किया गया और न ही संतोषजनक जानकारी दी गई। परिवादी से कह दिया गया कि कम्‍पनी में जाकर दिल्‍ली  बात करो वहॉं से पता चलेगा कि मोबाइल ठीक होना है या बदला जाना है। परिवादी के अनुसार विपक्षीगण ने सेवा प्रदान करने में कमी की है, मोबाइल वारण्‍टी पीरियड में था। परिवादी अधिवक्‍ता है मोबाइल न होने के कारण उसे  अनावश्‍यक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षीगण से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ सूची कागज सं0-3/6 के माध्‍यम से परिवादी ने  मोबाइल खरीदने की रसीद और दिनांक 26/11/2013 की जॉंबशीट की फोटो प्रतियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/7 व 3/8 हैं।
  4. विपक्षी सं0-1 ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/4 दाखिल किया जिसमें परिवादी का मोबाइल रिपेयर हेतु लिया जाना तो स्‍वीकार किया गया है, किन्‍तु शेष कथनों से इन्‍कार किया गया। विपक्षी सं0-1 का कथन है कि वह विपक्षी सं0-2 की ओर से मोबाइल रिपेयर करने हेतु विपक्षी सं0-2 का अधिकृत प्रतिनिधि तो है किन्‍तु उसने परिवादी से मोबाइल ठीक करने हेतु  कोई शुल्‍क नहीं लिया अत: परिवादी उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 का उपभोक्‍ता  नहीं है। अग्रेत्‍तर कहा गया कि विपक्षी सं0-2 द्वारा निर्मित उत्‍पादों में किसी निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष के लिए उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 उत्‍तरदायी नहीं है।  विपक्षी सं0-1 ने यह भी कहा कि रिपेयर करने के बाद उसने परिवादी से कई  बार आग्रह किया कि वह अपना मोबाइल आकर ले ले, किन्‍तु परिवादी ने  उसे प्राप्‍त नहीं किया और नया मोबाइल देने के लिए दबाव डाला। उत्‍तरदाता विपक्षी का यह भी कथन है कि बदलकर नया मोबाइल देने का अधिकार  कम्‍पनी को है उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 को बदले में नया मोबाइल देने का  अधिकार नहीं है। उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 ने यह कहते हुऐ कि उसने परिवादी को सेवाऐं देने में कोई कमी नहीं की, परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने  की प्रार्थना की। 
  5.   विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं हुआ। उसके विरूद्ध फोरम के आदेश दिनांक 12/8/2014 द्वारा परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय की गयी।
  6.   परिवादी ने साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/3 दाखिल किया। परिवादी ने अतिरिक्‍त साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/3  भी दाखिल किया।
  7.   विपक्षीगण की ओर से साक्ष्‍य दाखिल नहीं हुआ।
  8.   परिवादी ने लिखित बहस कागज सं0-8/1 लगायत 8/2 दाखिल की।
  9.   हमने परिवादी और विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को  सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-2 की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
  10.   परिवादी मुरादाबाद कचहरी में व्‍यवसायरत अधिवक्‍ता है उन्‍होंने अपने  साक्ष्‍य शपथ पत्र के माध्‍यम से परिवाद कथनों का समर्थन किया है। परिवादी के अनुसार मोबाइल उन्‍होंने दिनांक 20/4/2013 को खरीदा था।  खरीदने के बाद से ही उसमें परेशानियां सामने आने लगी, मोबाइल अत्‍याधिक गर्म हो जाता था, उसकी स्‍क्रीन सफेद हो जाती थी जो स्विच आफ करने के बाद पुन: स्विच ऑन करने पर ठीक हो जाती थी। बात करते-करते मोबाइल हैंग हो जाता था। मोबाइल निर्माता कम्‍पनी-विपक्षी सं0-2 की ओर  से  प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं हुआ। विपक्षी सं0-1  की ओर से यधपि प्रतिवाद पत्र दाखिल हुआ है, किन्‍तु परिवादी द्वारा इंगित मोबाइल की उक्‍त कमियों का विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रतिवाद नहीं किया गया है। ऐसी  दशा  में  यह प्रमाणित है  कि  मोबाइल सैट में परिवादी द्वारा इंगित कमियां थी।
  11.   विपक्षी सं0-1 मुरादाबाद में विपक्षी सं0-2 का  अधिकृत प्रतिनिधि/ सर्विस सेन्‍टर  है  जैसा कि  विपक्षी सं0-1  ने  स्‍वयं  अपने प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-13  में  स्‍वीकार किया है।  विपक्षी सं0-1 ने  यह भी  स्‍वीकार किया है  कि  उसने परिवादी से  प्रश्‍नगत  मोबाइल  सैट  रिपेयर हेतु प्राप्‍त  किया था।  परिवादी का कथन  है  कि बार-बार  चक्‍कर  लगाने के बावजूद विपक्षी सं0-1  ने  न तो उसे  मोबाइल ठीक करके दिया और न ही  कोई सन्‍तोषजनक उत्‍तर दिया। इसके विपरीत विपक्षी सं0-1  की ओर  से  प्रतिवाद पत्र में  यह  कथन  किया गया  कि  मोबाइल रिपेयर करने के बाद  विपक्षी सं0-1 की ओर से  परिवादी  से  कई  बार  आग्रह किया गया  कि  परिवादी  अपना मोबाइल  प्राप्‍त  कर  लें,  किन्‍तु  परिवादी ने  रिपेयर  हुआ  मोबाइल  नहीं लिया बल्कि वह  नया  मोबाइल देने के  लिए दबाव  बनाता रहा। बहस  के दौरान  परिवादी  ने  विपक्षी  सं0-1  की  ओर  से  प्रतिवाद पत्र में  किऐ  गऐ  उक्‍त  कथ्‍नों  का  जोरदार खण्‍डन किया और  कहा  कि  विपक्षी सं0-1 ने उससे कभी  नहीं कहा  कि  उसका मोबाल ठीक  हो  गया  है  वह  मोबाइल ले  ले और न ही कभी  उसने विपक्षी सं0-1  से नया  मोबाइल देने के  लिए  दबाव बनाया। परिवादी के कथनों से हम सहमत हैं  क्‍योंकि विपक्षी सं0-1 की ओर से  प्रतिवाद पत्र के कथनों के समर्थन  में  कोई  भी  व्‍यक्ति शपथ  पत्र दाखिल करने का साहस नहीं कर  पाया। ऐसी  दशा  में  विपक्षी सं0-1  के यह  कथन  स्‍वीकार किऐ  जाने  योग्‍य  नहीं हैं  कि  मोबाइल रिपेयर करके परिवादी से  उसे  प्राप्‍त करने के  लिए  कहा  गया  था  और  परिवादी ने उसे  प्राप्‍त  न कर  नया  मोबाइल  दिलाऐ जाने के  लिए दबाव डाला था। 
  12.    विपक्षी सं0-1  की ओर  से  फोरम के  भौगोलिक सुनवाई के  क्षेत्राधिकार को  भी  चुनौती दी  गई  और कहा  गया  है  कि  इस  फोरम को  परिवाद  की  सुनवाई का  क्षेत्राधिकार नहीं है।  विपक्षी सं0-1  का यह  कथन  निरर्थक है। विपक्षी सं0-1 मुरादाबाद  में  विपक्षी सं0-2  का  अधिकृत प्रतिनिधि/ सर्विस सेन्‍टर है।  परिवादी को  परिवाद का  कारण इस  फोरम के क्षेत्रान्‍तर्गत उत्‍पन्‍न हुआ है  ऐसी  दशा  में  उपभोक्‍ता  संरक्षण अधिनियम की धारा-11 (2) (ए) तथा  धारा-11 (2) (सी)  की  व्‍यवस्‍थानुसार इस  फोरम  को  परिवाद की सुनवाई  का  क्षेत्राधिकार है।
  13.   विपक्षी सं0-1  की  ओर  से  यह  भी  तर्क  दिया गया  कि  विपक्षी सं0-2 एवं  विपक्षी सं0-1  के मध्‍य  क्रमश: मास्‍टर-सर्वेन्‍ट के सम्‍बन्‍ध हैं अत:  विपक्षी सं0-1  के कृत्‍यों  के  लिए  विपक्षी सं0-2  जिम्‍मेदार है।  यह  भी  कहा  गया  कि  विपक्षी सं0-1 का  मात्र यह उत्‍तरदायित्‍व था कि  वह  मोबाइल परिवादी से  प्राप्‍त  कर  विपक्षी सं0-2  को  उपलब्‍ध  करा  दें, इससे ज्‍यादा विपक्षी सं0-1 की  कोई  जिम्‍मेदारी नहीं है।  यह सही  है  कि  विपक्षी सं0-1  के कृत्‍यों  के  लिए  विपक्षी सं0-2  को कानूनन उत्‍तरदायी ठहराया जा  सकता है, किन्‍तु  इसका यह अर्थ कदापि नहीं  है  कि  अपने स्‍वयं  के  कृत्‍यों  के  लिए  विपक्षी सं0-1  का उत्‍तरदायित्‍व निर्धारित किया ही न जाये। निश्चित रूप से वर्तमान मामले में विपक्षी सं0-1 भी विपक्षी सं0-2 की तरह परिवादी के प्रति समान रूप से उत्‍तरदायी है।
  14.   परिवादी ने मोबाइल विपक्षी सं0-1 को दिया था। यह विपक्षीगण का आपासी मामला है कि मोबाइल इस समय भौतिक रूप से विपक्षी सं0-1 के पास है अथवा विपक्षी सं0-2 के पास। प्रत्‍येक दृष्टि से दोनों ही विपक्षीगण समान रूप से उत्‍तरदायी हैं। पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य से यह प्रमाणित हुआ है कि मोबाइल खरीदने के बाद से ही उसमें त्रुटियां उत्‍पन्‍न हो गई थीं। विपक्षी सं0-1 ने प्रतिवाद पत्र में यह स्‍वीकार किया है कि  मोबाइल में निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष थे। मामले के तथ्‍यों,  परिस्थितियों एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍य सामग्री के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवादी को विपक्षीगण से मोबाइल की कीमत 2650/- रूपया 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित वापिस दिलाई जाये। परिवादी को परिवाद व्‍यय की मद  में 2500/- (दो हजार पाँच सौ) और क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्‍त 5000/-  (पाँच हजार रूपया) विपक्षीगण से अतिरिक्‍त दिलाया जाना हमारे अभिमत में  न्‍यायोचित दिखाई देता है। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

 

  परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक  की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 2650/- (दो हजार छ: सौ पचास रूपया) की वसूली  हेतु यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध, परिवादी के  पक्ष में स्‍व्‍यय स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षीगण से परिवाद व्‍यय  की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपये) और क्षतिपूर्ति की मद में 5000/- (पाँच हजार रूपये) अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार समस्‍त धनराशि का भुगतान परिवादी को दो माह में किया जाये।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •    0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     27.11.2015              27.11.2015     27.11.2015

 

 

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 27.11.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •    0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     27.11.2015              27.11.2015     27.11.2015

                                                          

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.