Uttar Pradesh

StateCommission

A/684/2019

Shriram Transport Finance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Akhilesh Kumar Singh - Opp.Party(s)

Yatish Gupta

24 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/684/2019
( Date of Filing : 28 May 2019 )
(Arisen out of Order Dated 13/08/2014 in Case No. C/132/2012 of District Faizabad)
 
1. Shriram Transport Finance Co. Ltd
Registered Ofice Mookambika Complex Third Floor No. 4 Lady Desika Road Mellapore Chennai 600004
...........Appellant(s)
Versus
1. Akhilesh Kumar Singh
S/O Shri Jay Narayan Singh R/O Village Meerpur Kanta P.S. Ranauhi Tehsil Sohawal Distt. Faizabad (Now Saket)
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 24 Nov 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्‍तर प्रदेश, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-६८४/२०१९

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, फैजाबाद द्धारा परिवाद सं0-१३२/२०१२ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १३-०८-२०१४ के विरूद्ध)

१. श्रीराम ट्रान्‍सपोर्ट फाइनेंस कं0लि0, रजिस्‍टर्ड आफिस, मूकाम्बिका कॉम्‍प्‍लेक्‍स, तृतीय तल नं0-४, लेडी डेसिका रोड, मेल्‍लापोर, चेन्‍नई – ६००००४.

२. ब्रान्‍च मैनेजर, श्रीराम ट्रान्‍सपोर्ट फाइनेंस कं0लि0, आफिस एट २६, ट्रान्‍सपोर्ट नगर, लखनऊ द्वारा पावर आफ अटार्नी (अमरेन्‍द्र कुमार)

........... अपीलार्थीगण/विपक्षीगण।  

बनाम      

१. अखिलेश कुमार सिंह पुत्र श्री जय नारायण सिंह निवासी ग्राम-मीरपुर कॉटा, थाना-रनौही, तहसील सोहावल, जिला फैजाबाद (अब साकेत)।

 …….. प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

२. श्रीराम ट्रान्‍सपोर्ट फाइनेंसियल ट्रैवलिंग सर्विसेज, ९/१४, मोहल्‍ला फतेहगंज, कालेज रोड, थाना- कोतवाली शहर व जिला फैजाबाद – अब साकेत द्वारा मुकेश कुमार गुप्‍ता।

       …….. प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-२.

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।                 

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित :- श्री विष्‍णु कुमार मिश्रा विद्वान अधिवक्‍ता।           

प्रत्‍यर्थी सं0-१/परिवादी की ओर से उपस्थित :- श्री राघवेन्‍द्र प्रताप सिंह विद्वान 

                                      अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-२ की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।

 

दिनांक :- २४-११-२०२२.

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

 

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थीगण द्वारा जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, फैजाबाद द्धारा परिवाद सं0-१३२/२०१२ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १३-०८-२०१४ के विरूद्ध योजित की गई है।

 

 

 

 

-२-

मेरे द्वारा अपलीर्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री विष्‍णु कुमार मिश्रा एवं प्रत्‍यर्थी सं0-१/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री राघवेन्‍द्र प्रताप सिंह को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों/अभिलेखों एवं प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश का सम्‍यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया। प्रत्‍यर्थी सं0-२ की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

अधिवक्‍ता प्रत्‍यर्थी द्वारा कथन किया गया कि प्रस्‍तुत अपील ०४ वर्ष ०८ माह १५ दिन विलम्‍ब से योजित की गई है अत्एव विलम्‍ब के बिन्‍दु पर ही अपील निरस्‍त की जावे।

अपीलार्थीगण की ओर विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र मय शपथ पत्र श्री अमरेन्‍द्र कुमार प्रस्‍तुत किया गया है। विद्वान जिला फोरम द्वारा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १३-०८-२०१४ को पारित किया गया तथा इस निर्णय की नि:शुल्‍क प्रति दिनांक २१-११-२०१४ को जारी की गई। तदोपरान्‍त अतिरिक्‍त प्रति दिनांक ०४-०४-२०१९ को जारी की गई जबकि प्रस्‍तुत अपील दिनांक २८-०५-२०१९ को प्रस्‍तुत की गई। अपीलार्थीगण की ओर से प्रस्‍तुत उपरोक्‍त शपथ पत्र में स्‍वयं शपथकर्ता ने ०४ वर्ष ०८ माह १५ दिन विलम्‍ब से अपील प्रस्‍तुत किए जाने का उल्‍लेख किया है। उक्‍त शपथ पत्र में विलम्‍ब का मुख्‍य कारण यह उल्लिखित किया गया है कि विद्वान जिला फोरम के निर्णय के उपरान्‍त अपीलार्थी कम्‍पनी के प्रतिनिधि ने परिवादी/प्रत्‍यर्थी से अनेकों बार मामले को कुछ शर्तों के साथ सेटिल (Settle) करने का प्रयास किया गया परन्‍तु वे विफल रहे। अपीलार्थीगण की ओर से प्रस्‍तुत उक्‍त शपथ पत्र के उक्‍त कथन के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। यही नहीं उक्‍त शपथ पत्र में विलम्‍ब के दिन-प्रति-दिन का कारण भी नहीं दर्शाया गया है। निर्विवादित रूप से प्रस्‍तुत अपील ०४ वर्ष ०८ माह १५ दिन के बहुत अधिक विलम्‍ब से प्रस्‍तुत की गई है।

उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम में समयावधि अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण है। ऐसी स्थिति में मैं यह पाता हूँ कि जो भी स्‍पष्‍टीकरण दिया गया है वह न तो युक्ति-युक्‍त है और न ही सन्‍तोषजनक है। विलम्‍ब क्षमा करने का कोई पर्याप्‍त आधार नहीं है अत्एव विलम्‍ब

 

 

-३-

क्षमा प्रार्थना पत्र निरस्‍त होने योग्‍य है। तदनुसार विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र निरस्‍त करते हुए वर्तमान अपील कालबाधित होने के आधार पर निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपिक/वैयक्तिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                                    (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                  

                                      अध्‍यक्ष                                                                                                                      

 

प्रमोद कुमार,

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-१,

कोर्ट नं0-१.  

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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