जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 262/2016
उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-26.07.2016
परिवाद के निर्णय की तारीख:-14.08.2024
सन्दीप श्रीवास्तव, आयु लगभग 46 वर्ष, पुत्र स्व0 श्री वाई0पी0 श्रीवास्तव, निवासी-27, बाल विहार कालोनी, पिकनिक स्पाट रोड, मुंशीपुलिया, इन्दिरा नगर, लखनऊ। ............परिवादी।
बनाम
1. Syntech Technology Private Limited (Gionee Mobile)] E-9] Block No. B-1, Ground Floor, Mohan Cooperative Industrial Estate, Mathura Road, New Delhim Delhi-110044 through its Managing Director.
2. Z.A. Mobiles, GF-4, Leela Mension, Nawal Kishore Road, Hazratganj, Lucknow-226001 through its Manager.
............विपक्षीगण।
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-यश अवस्थी।
विपक्षीगण के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत इस आशय से प्रस्तुत किया गया है कि विपक्षीगण को निर्देशित किया जाए कि परिवादी को उसके मोबाइल की कीमत 27,000.00 रूपये मय 16 प्रतिशत ब्याज सहित वास्तविक भुगतान की तिथि तक अदा करें, परिवादी को हुई असुविधा व आर्थिक क्षति व मानसिक कष्ट के लिये 25,000.00 रूपये एवं वाद व्यय व अन्य लिखा पढ़ी के लिये 10,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया गया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी संख्या 01 मोबाइल निर्माता कम्पनी है जो अपने स्थानीय डीलरों के माध्यम से अपने मोबाइलों की बिक्री का कार्य करती है। विपक्षी संख्या 02 विपक्षी संख्या 01 का अधिकृत डीलर है। परिवादी द्वारा दिनॉंक 08.05.2016 को गनपति मोबाइल्स, जी-4, श्रीराम टावर, अशोक मार्ग, लखनऊ से एक Gionee Mobile जिसका सीरियल नम्बर 860623030240822 था, 27,000.00 रूपये में खरीदा था।
3. परिवादी का कथानक है कि मोबाइल खरीदने के एक सप्ताह में ही मोबाइल में तमाम दिक्कतें आने लगी, जैसे मोबाइल का फुल चार्ज न होना, मोबाइल काम न करना, स्विच आन न होना तथा चार्जिंग न करना तथा बार-बार डिस्प्ले बंद हो जाना, हैंग होना व रिस्टार्ट होने की समस्या आने लगी, जिसकी शिकायत दिनॉंक 27.06.2016 को विपक्षी संख्या 02 से की गयी। विपक्षी संख्या 02 द्वारा मोबाइल रिपेयरिंग के लिये तो लिया गया तथा बाद में यह कहकर परिवादी को वापस किया गया कि मोबाइल ठीक हो गया है।
4. परिवादी ने जब मोबाइल घर लाकर स्टार्ट किया तो उसमें जो समस्याऍं पहले थी उसमें पुन: वहीं समस्याये बनी रहीं और मोबाइल पूर्णतया डिस्चार्ज हो गया। परिवादी ने पुन: दिनॉंक 23.07.2016 को मोबाइल विपक्षी संख्या 02 के यहॉं लेकर गया, उसे ठीक करने को कहा तो विपक्षी संख्या 02 ने मोबाइल रख लिया तथा दो सप्ताह के बाद बुलाया। तब से मोबाइल उन्हीं के पास पड़ा है। उनके द्वारा कोई सूचना नहीं दी गयी। जबकि परिवादी का मोबाइल अभी वारंटी पीरियड में है। विपक्षीगण ने परिवादी को खराब मोबाइल सेट देकर अनुचित व्यापार प्रक्रिया एवं सेवा में कमी की है, जिसके लिये परिवादी विपक्षीगण से अपने मोबाइल की पूर्ण कीमत मय 16 प्रतिशत ब्याज के साथ हर्जा-खर्चा पाने का अधिकारी है। परिवादी को विपक्षीगण के इस कृत्य से मानसिक, आर्थिक व शारीरिक कष्ट व क्षति पहुँची है जिसके लिये विपक्षीगण उत्तरदायी हैं।
5. विपक्षीगण को परिवाद का नोटिस भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई जवाब दिया गया। अत: परिवाद पत्र में दिनॉंक 09.02.2017 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
6. परिवादी ने अपने कथानक के समर्थन में शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में मोबाइल क्रय किये जाने की रसीद, जॉबशीट, आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं।
7. आयोग द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।
8. परिवादी का कथानक है कि उसने दिनॉंक 08.05.2016 को मोबाइल विपक्षी संख्या 02 से 27,000.00 रूपये में क्रय किया। उक्त मोबाइल में दो सप्ताह में ही गड़बड़ी आने लगी। मोबाइल ठीक से चार्ज नहीं होता था, हैंग हो जाता था, स्विच ऑफ हो जाना, जल्दी आन/स्टार्ट न होने की शिकायत पर इसे विपक्षी संख्या 02 को दिनॉंक 27.02.2016 को बनने के लिये दिया गया। कुछ दिन में मोबाइल की मरम्मत करने के बाद परिवादी मोबाइल लेकर घर आया, परन्तु मोबाइल ठीक से काम नहीं कर रहा था, फिर उसे लेकर विपक्षी के यहॉं दिनॉंक 23.07.2016 को गया और मोबाइल उनको दे दिया और कहा कि उसे बदलकर दूसरा मोबाइल दिया जाए, क्योंकि यह मोबाइल डिफेक्टिव है। परन्तु विपक्षी द्वारा इनको नया मोबाइल नहीं दिया गया और न ही ये अपना पुराना मोबाइल विपक्षी से प्राप्त किए। मोबाइल अभी भी विपक्षी के यहॉं ही जमा है।
9. परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में मोबाइल की कीमत 27,000.00 रूपये मय 16 प्रतिशत ब्याज के साथ मॉंगा है साथ ही आर्थिक, मानसिक व शारीरिक कष्ट के लिए 25,000.00 रूपये एवं वाद व्यय के लिये क्षतिपूर्ति की मॉंग की गयी है।
10. परिवाद पत्र व पत्रावली के परिशीलन से विदित है कि परिवाद पत्र संदीप श्रीवास्तव द्वारा दाखिल किया गया है तथा मोबाइल अभिलाषा के नाम से क्रय किया गया है। रसीद में अभिलाषा का नाम लिखा हुआ है। परिवाद पत्र के साथ परिवादी की फोटो व आधार कार्ड भी संलग्न नहीं किया गया है। परन्तु सर्विस जॉब कार्ड में संदीप अंकित है। ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों एक परिवार से हैं। परिवादी द्वारा दुबारा दिनॉंक 23.07.2016 को मोबाइल बनने को दिया गया, परन्तु उसने मोबाइल वापस नहीं लिया, उसको विपक्षी के पास छोड़ दिया गया। कोई भी ऐसा पत्राचार नहीं दाखिल किया गया है कि जिससे उसने विपक्षी संख्या 02 को मोबाइल का पैसा 27,000.00 रूपये वापस करने का अनुरोध किया गया हो।
11. परिवादी को यह भी सिद्ध या प्रमाणित करने का दायित्व है कि मोबाइल में मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट है जिसके लिये एक्सपर्ट ओपिनियन की आवश्यकता होती है। वह पत्रावली में उपलब्ध नहीं है। मोबाइल पूर्णतया डिफेक्टिव था, यह प्रमाणित करने में परिवादी असफल रहा है। जैसा कि परिवादी द्वारा बताया गया है कि मोबाइल विपक्षी के यहॉं ही पड़ा हुआ है। यद्यपि कि परिवाद खारिज किये जाने योग्य है, परन्तु परिवाद इस सीमा तक स्वीकार किया जा सकता है कि विपक्षी परिवादी का मोबाइल मरम्मत करके चालू हालत में परिवादी को प्रदत्त कराए। विपक्षी द्वारा मोबाइल मरम्मत करके उपलब्ध न कराना सेवा में कमी है। अत: परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी का मोबाइल मरम्मत करके चालू हालत में करके निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्दर परिवादी को प्रदत्त कराऍं।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-14.08.2024