दायरे का दिनांक: 09.02.2015
दर्ज किये जाने का दिनांक: 25.02.2015
निर्णय का दिनांक: 21;01.2017
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-।।, मुरादाबाद।
उपस्थित:-
- श्री पवन कुमार जैन .............. अध्यक्ष।
- श्रीमती मंजू श्रीवास्तव ...... सामान्य सदस्य।
परिवाद संख्या- 27/ 2015
मजहर हुसैन पुत्र श्री अबरार हुसैन निवासी-39 डेहरिया थाना नागफनी जनपद मुरादाबाद। ........परिवादी।
बनाम
- आकांक्षा आटो व्हील्स प्रा0लि0 निकट सांई हास्पिटल दिल्ली रोड, मुरादाबाद-244001 अधिकृत डीलर एवं सर्विस सेन्टर होण्डा मोटर साईकिल एवं स्कूटर इण्डिया प्रा0 लि0।
- होण्डा मोटर साईकिल एवं स्कूट इण्डिया प्रा0 लि0 (एच0एम0 एस0आई0) प्लाट नं-01 एवं 2 सेक्टर-3, आईएम0टी0, जनपद गुडगांव (हरियाणा) 122050 .......विपक्षीगण।
निर्णय
द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष
- इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लखित मोटर साईकिल के बदले नई मोटर साईकिल दिलाई जाऐ अथवा ब्याज सहित मोटर साईकिल का मूल्य अंकन 48814/-रूपया उनसे दिलाया जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 80,000/-रूपया और परिवाद व्यय की मद में 30,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि दिनांक 04/3/2014 को उसने विपक्षी सं0-1 से एक मोटर साईकिल जिसका विवरण परिवाद पत्र के पैरा सं0-2 में दिया गया है, 48,814/-रूपया में खरीदी थी, मोटर साईकिल की दो साल की वारण्टी है। परिवादी को बताया गया कि मोटर साईकिल में भिन्न-भिन्न खूबियां है तथा इसका सर्वाधिक माइलेज 75 कि0मी0 प्रति लीटर है। मोटर साईकिल खरीदने के कुछ दिन बाद ही मोटर साईकिल में कमियां उत्पन्न हो गई। इसका इंजन हाईवे पर चलते-चलते बन्द हो जाता था, ऐवरेज मात्र 30 कि0मी0 प्रति लीटर निकल रहा था। मोटर साईकिल का सेल्फ स्टार्ट सिस्टम सही प्रकार से काम नहीं कर रहा था और मोटर साईकिल का फाइबर अपने आप ही चटक रहा था। परिवादी ने मोटर साईकिल की उक्त कमियों की बाबत विपक्षीगण को बताया उन्होंने मोटर साईकिल में एडजेस्टमेंट कर परिवादी को मोटर साईकिल वापिस कर दी। दिनांक 17/1/2015 को जब परिवादी मोटर साईकिल से जा रहा था तो उसके इंजन में ब्लास्ट हो गया। परिवादी को हल्की चोटें आई जिनका उसने इलाज कराया। रिक्शा में रखकर मोटर साईकिल को परिवादी विपक्षी सं0-1 के यहां लेकर गया उसने मोटर साईकिल अपने वर्कशाप में जमा कर ली और परिवादी को जॉव कार्ड दे दिया। परिवादी ने उन्होंने 3 दिन बाद आने को कहा। 3 दिन बाद जब परिवादी विपक्षी सं0-1 के यहां गया तो उन्होंने मोटर साईकिल का इंजन बदलने से मना कर दिया और कहा कि इंजन की बैल्डिंग कराकर वे दे सकते हैं कम माईजेल की बाबत परिवादी से कहा गया कि माइलेज से हमारा कोई मतलब नहीं है। मोटर साईकिल बेचने के बाद हमारा मोटर साईकिल से कोई सम्बन्ध नहीं रहता है। यदि मोटर साईकिल में निर्माण सम्बन्धी दोष है तो इसे विपक्षी सं0-2 द्वारा बदला जा सकता है। परिवादी के अनुसार विपक्षी सं0-1 के सर्विस सेन्टर पर वह कई बार गया, किन्तु उसकी परेशानियों का उन्होंने कोई हल नहीं निकला। परिवादी के अनुसार परिवाद योजित करने के अतिरिक्त उसके पास अब कोई विकल्प नहीं है उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-37 दाखिल किया। इसके अतिरिक्त उसने मोटर साईकिल खरीदने की रिटेल इनवायस, विपक्षी सं0-1 के सर्विस सेन्टर पर दिनांक 18/1/2015 को जमा की गई मोटर साईकिल की रसीद, मोटर साईकिल की आर0सी0, वारण्टी कार्ड तथा बीमा पालिसी की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/8 लगायत 3/12 तथा कागज सं0-4 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/5 दाखिल हुआ जिसमें विपक्षी सं0-1 द्वारा प्रश्नगत मोटर साईकिल परिवादी को बेचा जाना तो स्वीकार किया गया है, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया कि परिवादी ने वारण्टी की शर्तों के अनुरूप मोटर साईकिल का रख-रखाब नहीं किया उसने इसकी समय से सर्विस भी नहीं कराई और इस प्रकार परिवादी ने वारण्टी की शर्तों का उल्लंघन किया। अग्रेत्तर कथन किया गया कि फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकर नहीं है। उत्तरदाता विपक्षी गण ने परिवादी को सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की। परिवादी ने किसी एक्सपर्ट की रिपोर्ट भी दाखिल नहीं की उसका परिवाद असत्य कथनों पर आधारित है। उक्त कथनों के आधार पर परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की विपक्षीगण ने प्रार्थना की।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/4 दाखिल किया जिसके साथउसने उन प्रपत्रों को बतौर संलग्नक दाखिल किया जो उसने परिवाद के साथ दाखिल किऐ, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-16/5 लगायत 16/9 हैं।
- विपक्षीगण ने अवसर दिऐ जाने के बावजूद कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया।
- हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- परिवादी ने बहस के दौरान दिनांक 29/9/2016 को विपक्षीगण के समक्ष परिवादी द्वारा रखे गऐ प्रस्ताव कागज सं0-9 की ओर परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने हमारा ध्यान आकर्षित किया और कहा कि यदि विपक्षीगण प्रश्नगत मोटर साईकिल के बदले उसे नई मोटर साईकिल दे दें अथवा मोटर साईकिल की रिटेल इनवायस में उल्लिखित मोटर साईकिल का मूल्य अदा कर दें तो वह सन्तुष्ट हो जाऐगा। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने प्रतिवाद किया और कहा कि परिवादी ने मोटर साईकिल का सही प्रकार से रख-रखाब नहीं किया ऐसी दशा में विपक्षीगण से कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।
- इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित मोटर साईकिल परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से खरीदी थी। विपक्षी सं0-2 मोटर साईकिल की निर्माता कम्पनी है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा परिवादी के साक्ष्य शपथ पत्र के पैरा सं0-7 ( पत्रावली का कागज सं0-16/2 ) में उल्लिखित मोटर साईकिल की कमियां दोहराते हुऐ अग्रेत्तर यह भी कथन किया कि अचानक चलते-चलते दिनांक 17/1/2015 को मोटर साईकिल के इंजन में ब्लास्ट हो गया था उन्होंने रसीद कागज सं0-16/6 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया और कहा कि मोटर साईकिल को परिवादी दिनांक 18/1/205 को विप्क्षी सं0-1 के सर्विस सेन्टर पर दे आया, किन्तु कई चक्कर लगाने के बावजूद विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। उल्लेखनीय है कि विपक्षीगण परिवादी के साक्ष्य शपथ पत्र में उल्लिखित उक्त तथ्यों का खण्डन करने हेतु शपथ पत्र दाखिल करने तक का साहस नहीं कर पाऐ हैं। पत्रावली पर जो साक्ष्य सामग्री उपलब्ध है उससे प्रमाणित है कि मोटर साईकिल में शुरू से ही अनेक कमियां उत्पन्न हो गई थीं जिनका विवरण परिवादी ने परिवाद के पैरा सं0-7 में विस्तार से दिया है। इसके अतिरिक्त दिनांक 17/1/2015 को चलते-चलते मोटर साईकिल के इंजन में भी ब्लास्ट हो गया था इसके बावजूद विपक्षीगण ने परिवादी की मोटर साईकिल ठीक करके उसे नहीं दी। हमारे विनम्र अभिमत में प्रश्नगत मोटर साईकिल के बदले परिवादी को उसका मूल्य अंकन 48814/-रूपया विपक्षीगण से दिलाया जाना न्यायोचित एवं पर्याप्त दिखाई देता है और तदानुसार परिवाद स्वीकार होने योग्य है। जहां तक विपक्षीगण द्वारा फोरम की सुनवाई के क्षेत्राधिकार के सम्बन्ध में उठाई आपत्ति का प्रश्न है उक्त आपत्ति आधारहीन है। विपक्षी सं0-1 इस फोरम के क्षेत्राधिकार में व्यवसायरत है अत: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-11 (2)(बी) की व्यवस्थानुसार इस फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार है।
-
विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि आज की तिथि से दो माह के भीतर परिवादी को परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित मोटर साईकिल का मूल्य अंकन 48814/- (अड़तालिस हजार आठ सौ चौदह रूपया) अदा करें। यह धनराशि प्राप्त करने से पूर्व परिवादी इस मोटर साईकिल की आर0सी0 निरस्त कराकर सभी आवश्यक प्रपत्र विपक्षीगण को देगें।
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन)
सामान्य सदस्य अध्यक्ष
जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
21.01.2017 21.01.2017
हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 21.01.2017 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन)
सामान्य सदस्य अध्यक्ष
जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
21.01.2017 21.01.2017
- निर्णय घोषित किया गया। आदेश हुआ कि ‘’ विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि आज की तिथि से दो माह के भीतर परिवादी को परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित मोटर साईकिल का मूल्य अंकन 48814/- (अड़तालिस हजार आठ सौ चौदह रूपया) अदा करें। यह धनराशि प्राप्त करने से पूर्व परिवादी इस मोटर साईकिल की आर0सी0 निरस्त कराकर सभी आवश्यक प्रपत्र विपक्षीगण को देगें।
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन)
सामान्य सदस्य अध्यक्ष
जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
21.01.2017 21.01.2017