Rajasthan

Ajmer

CC/283/2012

SHAKTI SINGH - Complainant(s)

Versus

AJMER TYRE - Opp.Party(s)

ADV S.P GANDHI

20 Apr 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/283/2012
 
1. SHAKTI SINGH
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. AJMER TYRE
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

षक्ति सिंह रलावता पुत्र श्री महेन्द्र सिंह रलावता, निवासी- रलावता भवन,पुरानी मण्डी, अजमेर । 
                                                -         प्रार्थी


                           बनाम    

1. अजमेर टायर्स, 12 खाईलैण्ड मार्केट, पृथ्वीराज मार्ग, अजमेर ।
2. ब्रिजस्टोन इण्डिया प्रा. लि., ठैप्क् लाॅट नं. 5/4, पांचवा माला, मीरचन्दानी बिजनेस पार्क, षालीमार व्छल्ग् आॅफ अंधेरी कुर्ला रोड, साकी नामा, अंधेरी (ई)मुम्बई-400012 
                                               -        अप्रार्थीगण 
                 परिवाद संख्या 283/2012  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री ओम प्रकाष टांक, अप्रार्थी सं.1 स्वयं 
                  3.श्री पंकज मिश्रा,अधिवक्ता, अप्रार्थी सं. 2 


                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 06.05.2016
 
1.           प्रार्थी ( जो  इस परिवाद में आगे चलकर उपभोक्ता कहलाएगा) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम , 1986 की धारा - 12 के अन्तर्गत अप्रार्थी संख्या 1 लगायत 2 के विरूद्व संक्षेप में इस आषय का पेष किया है कि उसने अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा निर्मित   235.70.16 ठ ैजवदम   के 4 टायर अप्रार्थी संख्या 1 से जरिए बिल संख्या 6827 दिनांक 17.3.2012 को रू. 29,000/- में क्रए किए । टायर क्रए किए जाते समय अप्रार्थी संख्या 1 ने  पांच वर्ष की गारण्टी दी थी । क्रय किए गए 4 टायरों में से एक टायर फूलने लग गया  । उसने तत्काल फूला हुआ टायर निकाल कर दूसरा टायर लग दिया । उसने दिनांक 15.4.2012 को अप्रार्थी संख्या 1 को इस संबंध में षिकायत की ।  जिस पर अप्रार्थी संख्या 1 ने प्रष्नगत टायर  क्लेम हेतु अपने पास रख लिया  और कहा कि कम्पनी के इंजीनियर  आयेगें तब उनसे जांच करा कर क्लेम की राषि या टायर बदल कर दे दिया जाएगा और इस संबंध में उसे सूचित भी कर दिया जाएगा ।  तत्पष्चात् अप्रार्थी संख्या 1 ने दिनांक 13.10.2012 को टायर में निर्माण संबंधी दोष नहीं बताते हुए  क्लेम खारिज करना बताया  जबकि टायर का फूलना निर्माणीय दोष है  । उपभोक्ता ने इसे अप्रार्थीगण की सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में उपभोक्ता ने स्वयं का षपथपत्र पेेष किया । 
2.    अप्रार्थी संख्या 1 ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत करते हुए  उपभोक्ता द्वारा  प्रष्नगत टायर क्रय किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए दर्षाया है कि  उत्तरदाता ने उपभोक्ता को टायर के संबंध में  परिवाद में वर्णितानुसार कोई गारण्टी नही ंदी थी । उपभोक्ता टायर फूलने की षिकायत लेकर आया था  और विवादित टायर कम्पनी को क्लेम हेतु भिजवा दिया था ।  कम्पनी द्वारा  क्लेम खारिज कर दिए जाने पर उपभोक्ता को इसकी सूचना दे दी गई थी । उत्तरदाता का यह भी कथन है कि वह ब्रिजस्टोन टायर का अजमेर में अधिकृत डीलर है । उसका  कार्य टायर की बिक्री करना है । टायर में किसी प्रकार की खराबी होने या निर्माणीय दोष उत्पन्न होने पर टायर बदलने  की जिम्मेदारी   अप्रार्थी संख्या 2 ब्रिजस्टोन कम्पनी की है । उसका इस संबंध में कोई लेना देना नहीं है ।  अन्त में परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में श्री ओम प्रकाष टांक, प्रोपराईटर  का षपथपत्र पेष हुआ है । 
3.    अप्रार्थी संख्या 2 ने अपने जवाब में प्रारम्भिक आपत्ति में कथन किया है कि  उपभोक्ता ने  रूपएं एठने  के आषय से परिवाद प्रस्तुत किया है, जो खारिज होने योग्य है । अपने पैरावाईज जवाब  में परिवाद के सम्पूर्ण  तथ्यों को अस्वीकार करते हुए प्रमुख रूप से बताया कि प्रष्नगत उत्पाद ब्रिज स्टोन कम्पनी की वारण्टी पाॅलिसी  के तहत कवर नहीं था, अपितु इसमें बाहरी व्इरमबज  से कट लग कर खराबी आई थी । कम्पनी  के तकनीकी विषेषज्ञ ने भी उक्त उत्पाद की जांच कर अपनी रिपोर्ट  में कोई निर्माणीय  त्रुटि नहीं पाई अपितु   पाया कि उक्त टायर में आई क्षति बाहरी  व्इरमबज  से कट लग कर आई थी । आष्चर्यजनक रूप से  जवाब परिवाद  में विभिन्न नजीरों का उल्लेख करते हुए प्रमुख रूप से उत्पाद में निर्माणीय त्रुटि  नहीं होकर अन्यथा रूप से खराबी का  होना बताया व इसकी वारण्टी की षर्तो के  तहत परिवाद को खारिज किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में श्री धीरेन्द्र सिंह रावत का ष्षपथपत्र भी प्रस्तुत हुआ । 
4.    हमने परस्पर तर्कों को सुना है एवं प्रस्तुत नजीरों में प्रतिपादित सिद्वान्तों के प्रकाष में उपलब्ध दस्तावजों का ध्यापूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
5.          स्वीेकृत रूप से  अप्रार्थी संख्या - 1   अप्रार्थी संख्या 2 टायर निर्माता कम्पनी का  अधिकृत स्थानीय डीलर होकर  केवल  टायर  विक्रय  का काम करता है तथा निर्माण में दोष  की स्थिति में मात्र निर्माता से उत्पाद के लिए उत्तरदाारयी है ।  प्रतिपादित विधि  के सुस्थापित सिद्वान्तों को ध्यान में रखते हुए अप्रार्थी संख्या - 1  को सेवा में  दोषी होना   अथवा  उसकी  किसी प्रकार से जिम्मेदारी नहीं  होना बनती है । 
6.    हमें अब यह देखना है कि  क्या प्रष्नगत उत्पाद में आई खराबी   अप्रार्थी संख्या - 2 की सेवा में कमी  अथवा दोष का सीधा परिणाम रहा  है ? 
7.    यहां यह  भी  उल्लेखनीय है कि परिवाद प्रस्तुत किए जाने के पष्चात्  अप्रार्थी संख्या -2 की ओर से अधिनियम की धारा 13(1)(सी) के अन्तर्गत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए जाने पर प्रष्नगत उत्पाद को जांच के लिए प्रयोगषाला भिजवाया गया था व भारतीय रबड़ गवेषण संस्थान, केरल द्वारा जांच की जाकर जांच रिपोर्ट  प्राप्त हुई है जो कि  आगे विवेचित की जाएगी । 
8.    यह स्वीकृत तथ्य है कि उपभोक्ता ने अप्रार्थी संख्या -1 से दिनंाक 17.3.2012  को   जरिए बिल संख्या 6827  से ब्रिज स्टाोन  के 4 टायर क्रय किए । उसके द्वारा दिनांक 15.4.2012 को एक टायर  तथाकथित रूप से फूल जाने की षिकायत के साथ   अप्रार्थी संख्या - 1 के यहां  दिया गया  जो उनके क्लेम पत्र दिनांक 15.4.2012 के अनुसार ’’ चैक का निषान जहां से फूल रहा है ’’, की विद्यमान स्थिति के साथ जमा किया गया ।  अप्रार्थी संख्या-  2 के तकनीकी विषेषज्ञ इंजीनियर श्री धीरेन्द्र  सिंह रावत जिनका ष्षपथपपत्र भी प्रस्तुत हुआ है, ने दिनंाक 30.5.2012 को उक्त टायर जिसे उपभोक्ता ने अप्रार्थी संख्या 1 के यहां षिकायत के साथ प्रस्तुत किया था,  जांच की है, तथा बाहरी तौर पर जांच किए जाने के बाद क्लेम प्रार्थना पत्र  दिनंाक 30.5.2012 में  उक्त टायर में बाहरी व्इरमबज  से रगड के बाद कट पाया गया है  व किसी प्रकार की कोई निर्माणीय  त्रुटि अथवा कमी का अभाव होना बताया है ।  जो रिपोर्ट प्रयोगषाला से दिनंाक 22.2.2013 को प्राप्त हुई है, के अनुसार उक्त टायर में कट पाया गया है । यह भी बताया गया है कि यदि उक्त  टायर में प्रयुक्त रबड पद थ्मतपवत फनंसपजल  का प्रयोग  किया गया होता, तो ऐसे हालात में टायर के कई भागों पर कट माक्र्स होने चाहिए थे,  किन्तु ऐसा नहीं हैं ।  रिपोर्ट में यह बताया गया है कि किसी तीखे पत्थर अथवा ऐसी वस्तुओं के सम्पर्क में आने के कारण टायर की दीवार क्षतिग्रस्त हुई है  और  निष्कर्ष के रूप में ऐसी क्षति  बाहरी व्इरमबज  के प्रभाव से आना सम्भव बताया गया है  किन्तु निर्माणीय त्रुटि  के कारण ऐसा नहीं होना बताया है । 
9.    प्रयोगषाला में जांच के दौरान  टायर के फोटोग्राफ लिए जाकर रिपोर्ट के साथ संलग्न किए गए हंै, को देखने से भी टायर में साफ तौर पर  कट के  निषान दिखाए दे रहे हंै जो यह दर्षाते  है कि ऐसा मात्र तीखे अथवा भौंटे व्इरमबज  के सम्पर्क के कारण ही सम्भव है । टायर में कट होना असावधानीपूर्वक वाहन के चलाने से ही सम्भव हो सकता है । किन्तु निष्चित रूप से यह नहीं कहा जा सकता कि ऐसा होने का कारण निर्माणीय त्रुटि रहा हों । निर्माणीय त्रुटि  सिद्व करने का भार  निष्चित रूप से उपभोक्ता पर था । बिना किसी वजह से टायर का फूलना हालांकि निर्माणीय त्रुटि भी हो सकता है किन्तु प्रष्नगत टायर की बाहरी व्इरमबज   व प्रयोगषाला में जांच के बाद रिपोर्ट के अनुसार टायर की स्थिति स्वतःही स्पष्ट होती है । मंच की राय में  टायर का इस प्रकार फूलना  निर्माणीय त्रुटि की परिभाषा  में नहीं माना जा सकता । इन्हीं कारणों व विवेचन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता  का यह  परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है । अतः आदेष है कि 
                             -ःः आदेष:ः-
10.            उपभोक्ता का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
            आदेष दिनांक 06.06.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

 (नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
        

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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