जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
श्री सिद्वार्थ ष्षर्मा पुत्र श्री डी.एन.ष्षर्मा, निवासी- 1/173, जैन मंदिर के पास, वैषाली नगर, अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
1. अजमेर आॅटा एजेन्सी प्राईवे लिमिटेड, पाॅवर हाउस के सामने, जयपुर रोड, अजमेर ।
2. मैसर्स मारूति सुजुकी इण्डिया लिमिटेड, सेक्टर 18, गुडगांव, हरियाणा ।
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 194/2015
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री गणेषी लाल अग्रवाल, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. अप्रार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 10.08.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 1 से दिनांक 5.2.2015 को स्विफट डिजायर ग्रे रंग की रू. 5000/- जमा करा कर बुक कराई । जिसकी डिलीवरी एक माह में देने का अप्रार्थी संख्या 1 ने वादा किया । प्रार्थी ने दिनांक 25.3.2015 को एस.बी.आई से रू. 4,80,000/- का ऋण स्वीकृत करवाया । अप्रार्थी संख्या 1 ने दिनांक 27.3.2015 को उक्त गाडी की डिलीवरी पूर्ण राषि जमा कराने के बाद देने की कही साथ ही यह भी बतलाया कि प्रार्थी वाहन का रजिस्ट्रेषन व बीमा अप्रार्थी के द्वारा ही करवाया जाने पर वाहन की डिलीवरी दी जावेगी जिस पर उसने उक्त ष्षर्त को मानते हुए वाहन की सम्पूर्ण राषि जमा करा दी और उसे दिनांक 15.4.2015 को वाहन की डिलीवरी दी गई । कई चक्कर लगाने के बाद भी अप्रार्थी संख्या 1 ने आर.सी. उपलब्ध नहीं कराई । आरटीओ कार्यालय पता करने पर मालूम हुआ कि अप्रार्थी संख्या 1 ने वाहन के दस्तावेज आरटीओ कार्यालय में उपलब्ध नहीं करवाए इस संबंध में अप्रार्थी से सम्पर्क करने पर अप्रार्थी ने रू. 5200/- की ओर मांग की जो उसने दिनांक 30.4.2015 को जमा करा दिए ।
प्रार्थी का परिवाद में आगे कथन है कि प्रार्थी ने दिनांक 6.5.2015 को अपने स्तर पर वाहन की आरसी प्राप्त की इसी प्रकार उससे वाहन की ऐसेसरीज के मद में रू. 10500/- भी प्राप्त कर लिए । प्रार्थी ने उक्त कृत्य को सेवा में कमी बतलाते हुए परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी संख्या 1 बावजूद तामिल के उपस्थित नहीं होने पर उसके विरूद्व एक तरफा कार्यवाही अमल में लाई गई । अप्रार्थी संख्या 2 का जवाब जरिए डाक प्राप्त हुआ जिसमें अप्रार्थी संख्या 2 का कथन है कि वह वाहन का निर्माता है और प्रार्थी ने वाहन में निर्माणीय संबंधी कोई दोष नहीं बतलाया है । अप्रार्थी संख्या 1 उनका अधिकृत डीलर है और उससे उसका प्रिसीपल टू प्रिसीपल का संबंध है । प्रार्थी ने जो सेवा में कमी अपने परिवाद में बतलाई है, उसके संबंध में कोई प्रतिफल प्रार्थी से नहीं लिया और ना ही इस संबंध में किसी तरह की कोई सेवा दी गई है और ना ही दिए जाने का कोई वचन दिया है।
3. अप्रार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं । हमने बहस प्रार्थी अधिवक्ता सुनी एवं पत्रावली का अनुषीलन किया ।
4. परिवाद के अवलोकन से प्रार्थी को अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा यह कहा गया कि वाहन की डिलीवरी उसे उसी षर्त पर दी जावेगी कि वाहन का रजिस्ट्रेषन व बीमा उनकी ओर से करवाया जावेगा । चूंकि प्रार्थी ने इस वाहन हेतु बैंक से ऋण भी ले रखा था अतः इस षर्त हेतु प्रार्थी को तैयार होना पडा लेकिन अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा प्रार्थी को वाहन की आर.सी. उपलब्ध नही ंकरवाई गई और ना ही इन्ष्योंरेंस उपलब्ध करवाया गया तथा इस हेतु अप्रार्थी संख्या 1 ने प्रार्थी से रू. 5200/- की ओर मांग की जो प्रार्थी द्वारा दिनांक 30.4.2015 को जमा करा दिए । अप्रार्थी संख्या 1 ने प्रार्थी से रू. 10500/- ऐसेसरीज के भी वसूले जबकि एसेसरीज अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा देनी थी । इस प्रकार प्रार्थी ने अप्रार्थीगण से रू. 10500/- ऐसेसरीज व रू. 5200/- वाहन रजिस्ट्रेषन के संबंध में जो राषि ली उक्त राषि की मांग सहित उसे जो अन्य असुविधा हुई है एवं यह वाद जो प्रस्तुत किया है आदि के संबंध में अनुतोष चाहा है ।
5. अप्रार्थी संख्या 1 की ओर से कोई खण्डन प्रार्थी के अभिवचनों के संबंध मेें नहीं आया है । जहां तक अप्रार्थी संख्या 2 का प्रष्न है वह केवल मात्र वाहन निर्माता कम्पनी है एवं उनके जवाब को देखने से उनका कथन रहा है कि प्रार्थी ने जो सेवा में कमी अपने परिवाद में बतलाई है, के संबंध में कोई प्रतिफल प्रार्थी से नहीं लिया और ना ही इस संबंध में किसी तरह की कोई सेवा दी गई है और ना ही दिए जाने का कोई वचन दिया है।
6. हमारे विनम्र मत में अप्रार्थी संख्या 2 के संबंध में सेवा में कमी का बिन्दु सिद्व नहीं होता है । हम अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व इस आषय की सेवा में कमी सिद्व पाते है । प्रार्थी ने इस अप्रार्थी से रजिस्ट्रेषन के संबंध में जो राषि प्राप्त की एवं ऐसेसरीज के संबंध में जो राषि प्राप्त की वह राषि प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 1 से पुनः प्राप्त करने का अधिकारी है । अतः प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 1 से रू. 5200/- रजिस्ट्रेषन के एवं रू. 10500/- ऐसेसरीज के कुल रू. 15700/- प्राप्त करने का अधिकारी है साथ ही मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में भी समुचित राषि प्राप्त करने का अधिकारी है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
7. (1) प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 1 से वाहन के रजिस्ट्रेषन व एसेसेरीज के मद में प्रार्थी से ली गई राषि रू. 15700/- प्राप्त करने का अधिकारी है ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 1 से मानसिक संताप व वाद व्यय कें मद में राषि रू. 5000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 व 2 में वर्णित राषि का भुगतान अप्रार्थी संख्या 1 इस निर्णय से दो माह की अवधि में प्रार्थी को करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) दो माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 1 से उक्त राषियों पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(5) अप्रार्थी संख्या 2 के विरूद्व परिवाद खारिज किया जाता है ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्या अध्यक्ष
8. आदेष दिनांक 10.08.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष