राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0, लखनऊ
सुरक्षित
अपील संख्या-1503/2011
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0 481/2006 में पारित आदेश दिनांक 11.07.2011 के विरूद्ध)
Jyotish Kumar Awasthi, Advocate S/o Shri Rameshwar Dayal Awasthi, presently practicing Advocate at Hon’ble High Court, Allahabad and present resident is House No. 545, Old katra, Allahabad, ....अपीलार्थी।
Vs.
- President & Managing Director Bharti Cellular Ltd. H-5/12, Qutab Abvience Mehrauli Road, New Delhi
- General Manager (East) Airtel Towers, 12 Laxmi Bai Marg Hazratganj, Lucknow
- Manager, Airtel Office, Arazi No. 87 House No.- 52-A (2), Pardewanpurwa, Chandan Plaza N-2 Road, Harjender Nagar, Kanpur Nagar. ........प्रत्यर्थीगण।
समक्ष:-
1. माननीय श्री संजय कुमार, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : डा0 धीरेन्द्र कुमार मिश्रा।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्रीमती सुचिता सिंह।
दिनांक : 28-02-2018
माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-481/2006 ज्योतिष कुमार अवस्थी बनाम् एयरटेल भारती सेल्लूलर लि0 व अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा पारित आदेश दिनांकित 11-07-2011 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्त वाद के वादी की
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ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की है।
विवाद से संबंधित मुख्य तथ्य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादी ने विपक्षी/प्रत्यर्थी से पोस्टपेड योजना के अन्तर्गत एक मोबाईल कनेक्शन दिनांक 20.08.2005 को लिया था जिसका मोबाईल नंबर 9935031967 था। यह मोबाईल कनेक्शन सचिन इन्विटेशन प्लान के अन्तर्गत लिया गया था जिसका वार्षिक किराया 1362/- था। यह धनराशि 3 किस्तों में जमा होनी थी, पहली किस्त 662/- दूसरी 330/- और तीसरी किस्त 330 रूपये की थी। उक्त कनेक्शन पर एक्टिवेशन चार्ज 250 जमा करना था। अपीलार्थी/परिवादी ने रू0 662/- तथा 330/- रूपया दिनांक 20.08.2005 को जमा कर दिया और मोबाइल कनेक्शन प्राप्त कर लिया। योजना के अनुसार उक्त् राशि जमा करने पर एक वर्ष तक कोई किराया नहीं देना होगा, केवल बाहर जाने वाली काल का ही चार्ज देना होगा। उक्त कनेक्शन पर योजना के अनुसार एयरटेल से एयरटेल नंबर फोन नंबर करने पर प्रतिमाह 200 मिनट तक कोई लोकल चार्ज नहीं देना होगा। लोकल काल में मोबाईल से अन्य मोबाईल पर प्रति 1 रूपया तथा मोबाइल से अन्य मोबाइल पर 2 रूपया प्रति काल चार्ज लगेगा। अपीलार्थी/परिवादी के अनुसार तीसरी किस्त में 330/- रूपये के स्थान पर 385/- रूपया का बिल भेजा गया और सभी मोबाईल बिलों पर मासिक रेन्ट गलत चार्ज 25 रूपया प्रति माह भी बदनियती से वसूला गया और इस तरह उसे कुल 7 बिल प्राप्त हुए। सभी 7 बिलों में लेट फीस के रूप में कभी 150/- रूपया कभी 50/- रूपया अनाधिकृत रूप से अंकित किये गये। अपीलार्थी के अनुसार प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने दिसम्बर 2005 में धमकी दी और बुरे नतीजों का भय दिखाकर दो बार रूपया 27/- और 50/- रूपया वसूले गये कि जनवरी 2006 का मोबाईल बिल में 90 रूपया की जगह पर 140/- रूपये की धनराशि वसूल ली गयी और कूटरचना कर के रूपया 60/- एसटीडी चार्ज के रूप में वसूल लिया गया गया। प्रत्यर्थी/विपक्षी के इन कृत्यों की जब उसने शिकायत की तो प्रत्यर्थी/विपक्षी के प्रतिनिधि राहुल ने दिनांक 28.01.2006 को अपमानित शब्दों में अपीलार्थी/परिवादी के साथ र्दुव्यवहार किया और उसे खतरनाक परिणाम भुगतने की धमकी दी गयी। दिनांक 29.01.2009 को
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अपीलार्थी/परिवादी के मोबाइल की इनकमिंग और आउटगोईगं सुविधायें बंद कर दी गयी। इससे क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/परिवादी ने एक परिवाद जिला उपभोक्ता फोरम कानपुर नगर के समक्ष प्रस्तुत किया जिसमें दिनांक 29.01.2006 से 20.08.2006 बचे हुए रेन्ट को वापस करने तथा रूपया 10,00,000/- मानसिक एवं शारीरिक, आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए अनुतोष दिलाये जाने की प्रार्थना की। जिला फोरम के समक्ष प्रत्यर्थी/विपक्षी द्वारा प्रतिवाद किया गया। उभय पक्षों के समक्ष प्रत्यर्थी/विपक्षी द्वारा अपने-अपने साक्ष्य जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किये गये। पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुनने के उपरान्त विद्वान जिला फोरम द्वारा प्रश्नगत आदेश पारित करते हुए परिवाद निरस्त कर दिया गया जो निम्नवत है:-
‘’ उपरोक्त कारणों से परिवादी द्वारा प्रस्तुत वाद विपक्षीगण के विरूद्ध निरस्त किया जाता है।‘’
प्रश्नगत आदेश से क्षुब्ध होकर यह अपील दायर की गयी है।
अपील में परिवाद में उल्लिखित अभिकथनों की अपीलार्थी/परिवादी द्वारा पुनरावृत्ति की गयी है और प्रत्यर्थी/विपक्षी द्वारा अपील का विरोध किया गया है।
अपील सुनवाई हेतु इस पीठ के समक्ष प्रस्तुत हुई। अपीलार्थी की ओर विद्वान अधिवक्ता डा0 धीरेन्द्र कुमार मिश्रा उपस्थित हुए। प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्रीमती सुचिता सिंह उपस्थित है। उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना गया एवं अभिलेखों का अवलोकन किया गया।
पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया। प्रत्यर्थी द्वारा अपीलार्थी को भेजे गये बिलों से यह स्पष्ट होता है कि अपीलार्थी/परिवादी को जो बिल भेजे गये हैं वह उक्त योजना के अनुरूप नहीं है।
उपरोक्त विवेचना के आधार पर पीठ के मत में प्रश्नगत आदेश त्रुटिपूर्ण है और आदेश निरस्त किये जाने योग्य है तथा उक्त प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाता है कि वह उभयपक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित
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अवसर प्रदान करते हुए परिवाद को अपने मूल नम्बर पर पुर्नस्थापित करते हुए परिवाद का निस्तारण गुण-दोष के आधार पर किया जाना सुनिश्चित करें।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। प्रत्यर्थी द्वारा निर्गत किये गये समस्त प्रश्नगत बिल निरस्त किये जाते है। प्रत्यर्थी को निर्देशित किया जाता है कि वह अपीलार्थी परिवादी को पुन: संशोधित बिल सचिव इन्विटेशन प्लस के अनुसार बिल निर्गत करें। जिला फोरम कानपुर नगर द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 11.07.11 निरस्त किया जाता है तथा प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाता है कि वह उपरोक्त परिवाद को मूल नंबर पर पुनर्स्थापित करे और तदोपरान्त विधि के अनुसार उभय पक्ष को परिवाद में साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर देते हुए गुण-दोष के आधार पर परिवाद का निस्तारण विधि के अनुसार यथाशीघ्र 3 माह के अन्दर करना सुनिश्चित करें।
निर्णय की प्रति उभय पक्ष को तथा संबंधित जिला फोरम को नियमानुसार प्रेषित की जाए।
( संजय कुमार ) ( महेश चन्द )
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-4, माला श्रीवास्तव,
आशुलिपिक