Rajasthan

Kota

CC/110/2015

Aasandas - Complainant(s)

Versus

Air Con Enterprises - Opp.Party(s)

Ramesh singh sisodiya

29 Sep 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
परिवाद संख्या:- 110 /15

आसनदास पुत्र गोरधन दास संतोषीनगर महिमा किराना मं.नं. 433 कोटा।                                                        -परिवादी

                    बनाम

एयर केान एन्टरप्राईजेज 261, शोपिंग सेन्टर, कोटा।      -विपक्षी

समक्ष:-
भगवान दास     ः    अध्यक्ष
महावीर तंवर    ः    सदस्य    
हेमलता भार्गव    ः    सदस्य
    परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
01.    श्री दिनेश सिंह सिसोदिया, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से। 
02.    विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाहीं। 
 

            निर्णय             दिनांक 29.09.2015
         

         परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर संक्षेप में उसका यह सेवा-दोष बताया है कि उससे अपनी किराने की दुकान के लिये एल.जी. कंपनी का फ्रिज 18,400/- रूपये नकद अदा करके खरीदा था जिसका दुकान में उपयोग उपभोग शुरू किया उसकी कूलिंग क्षमता मात्र 20 प्रतिशत की है जिससे खाने-पीने व पेय पदार्थ खराब हो जाते है। बार-बार विपक्षी को सूचित किया गया लेकिन सुनवाई नहीं की गई। सर्दी का मौसम होने के कारण परिवादी खामोश रहा गर्मी का मौसम आने के कारण फ्रिज में बताये अनुसार कूलिंग नहीं होने से सामान खराब होने लगे विपक्षी ने कोई सुनवाई नहीं की उसे कानूनी नोटिस भेजा गया जो मिल गया इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं की गई, जवाब भी नहीं दिया गया, जिससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप भी हुआ। 

    विपक्षी को नोटिस की विधिवत रजिस्टर्ड डाक से तामील हो गई इसके बावजूद विपक्षी स्वयं अथवा उसका कोई अधिकृत प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ, जवाब भी नहीं दिया गया, इसलिये उसके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की गई। 

    परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा फ्रिज खरीद बिल, विपक्षी को प्रेषित कानूनी नोटिस, पोस्टल रसीद ए/डी, निर्माता कंपनी का पता बताने हेतु नोटिस आदि की प्रति प्रस्तुत की है। 

    हमने परिवादी के अधिवक्ता की एक तरफा बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया गया। 

    परिवाद में ही प्रकट किया गया है कि परिवादी ने फ्रिज अपनी दुकान के उपयोग उपभोग के लिये खरीदा और उसका दुकान में उपयोग उपभोग किया अर्थात् फ्रिज व्यवसायिक उद्धेश्य के लिये खरीद किया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत व्यवसायिक उद्धेश्य के लिये खरीदी हुई वस्तु के संबंध में परिवादी को कानूनी रूप से उपभोक्ता नहीं माना जा सकता, इसलिये परिवाद चलने योग्य नहीं है क्योंकि विवाद इस मंच की सुनवाई में नहीं आता है। परिवादी सक्षम सिविल न्यायालय में उपचार प्राप्त करने के लिये स्वतंत्र है। परिवाद खारिज होने योग्य है। 


                      आदेश 
    परिवादी आसनदास का परिवाद विपक्षी के खिलाफ खारिज किया जाता है। खर्चा परिवाद पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।        


   (महावीर तंवर)          (हेमलता भार्गव)                 (भगवान दास)  
      सदस्य                 सदस्य                        अध्यक्ष
 

     निर्णय आज दिनंाक 29.09.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
  सदस्य                      सदस्य                         अध्यक्ष           

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