जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-664/2010
अनन्त कुमार गुप्ता पुत्र लालता प्रसाद गुप्ता निवासी-15/8, डबलपुलिया, आर्यसमाज मंदिर के सामने विजयनगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. प्रोपराइटर आहूजा इलेक्ट्रानिक्स 121/135ए (6) विजयनगर, कानपुर नगर-208005
2. गोदरेज एण्ड बायस मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी लि0 एप्लायन्स डिवीजन, प्लान्ट-4, फिरोजषाह नगर, विखरौली, मुम्बई-400079 द्वारा प्रबन्ध निदेषक।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 20.09.2010
निर्णय की तिथिः 08.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःः निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण को आदेषित किया जाये कि वह परिवादी को बिक्रीत किये गये त्रुटिपूर्ण फ्रिज के स्थान पर नया निर्माण दोशरहित फ्रिज उपलब्ध कराये अथवा फ्रिज की कीमत रू0 10000.00 क्रय की तिथि से 18 प्रतिषत ब्याज सहित वापस करे, परिवादी से वसूल की गयी धनराषि रू0 1280.00 वसूली की तिथि से 18 प्रतिषत ब्याज सहित विपक्षीगण परिवादी को अदा करे, मानसिक, षारीरिक व सामाजिक क्षति की भरपाई हेतु रू0 50,000.00 तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए अदा करे।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से एक किता गोदरेज रेफ्रिजरेटर माडल नं0- जी.डी.आई. 23बी-1 तथा सीरियल नं0-0712000044 दिनांकित 15.11.08 को क्रय किया था, जिस पर विपक्षी सं0-2 निर्माता कंपनी द्वारा 1$5 वर्श
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की गारंटी प्रदान की गयी थी, जिसके अनुसार कम्प्रेषर की गारंटी 5 वर्श की थी एवं उस दौरान फ्रिज में किसी प्रकार की कूलिंग इत्यादि की समस्या आने पर कम्प्रेषर को बदला जाना था अथवा बदलकर दूसरा फ्रिज प्रदान किया जाना था। उपरोक्त फ्रिज इस्तेमाल में लाने पर 3 माह के बाद फ्रिज कूलिंग करना बन्द कर दिया, जिसकी षिकायत विपक्षी सं0-1 से करने पर विपक्षी सं0-1 टाल मटोल करता रहा। परिवादी द्वारा भागदौड़ करने पर विपक्षी सं0-1 द्वारा कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर के माध्यम से दिनांक 24.08.09 को उक्त फ्रिज का कम्प्रेषर ठीक कराकर परिवादी को इस आष्वासन के साथ कि अब फ्रिज में कूलिंग सम्बन्धी कोई समस्या नहीं होगी, वापस किया गया। उसके उपरान्त उक्त फ्रिज में गारंटी अवधि में ही माह अप्रैल में पुनः कूलिंग न करने की समस्या उत्पन्न हो गयी। परिवादी द्वारा पुनः कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर से इस सम्बन्ध में षिकायत करने पर उनके द्वारा दिनांक 23.04.10 को कम्प्रेषर सम्बन्धी खराबी को पुनः ठीक किया गया तथा परिवादी से रू0 1280.00 की मांग की गयी। परिवादी द्वारा 5 वर्श की गारंटी का हवाला देने पर यह कहा गया कि अगर रू0 1280.00 नहीं अदा करोगे, तो फ्रिज भी नहीं दिया जायेगा। जबरन परिवादी द्वारा गारंटी अवधि में रू0 1280.00 सर्विस सेंटर को देना पड़ा। किन्तु एक माह बाद पुनः कूलिंग की समस्या उत्पन्न हो गयी। परिवादी को त्रुटिपूर्ण फ्रिज विक्रय करने व त्रुटिपूर्ण सेवा प्रदान करने से परिवादी को न सिर्फ आर्थिक क्षति पहुची, बल्कि मानसिक पीडा भी निरन्तर होती रही। परिवादी द्वारा इस सम्बन्ध में अधिकृत सर्विस सेंटर से संपर्क करने तथा विपक्षी सं0-1 से संपर्क करने पर कोई भी सकारात्मक कार्यवाही नहीं की जा रही है और परिवादी का उक्त फ्रिज निश्क्रिय अवस्था में आज भी पड़ा हुआ है। इसके लिए विपक्षीगण पूर्णतया जिम्मेदार हैं। परिवादी को त्रुटिपूर्ण फ्रिज विक्रय किया गया है। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, यह कहा गया है कि प्रस्तुत मामले में विपक्षी सं0-1 मात्र एक प्रोपराइटर फर्म है
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और इलेक्ट्रनिक उत्पाद जो कि विभिन्न कंपनियों द्वारा निर्मित किये जाते हैं, का केवल विक्रेता है। विपक्षी सं0-1 गोदरेज कंपनी द्वारा निर्मित इलेक्ट्रानिक उत्पादों का केवल विक्रय करता है तथा उसके पष्चात गारंटी अवधि में अथवा उसके पष्चात सर्विस देने का कोई अधिकार नहीं है न ही विपक्षी सं0-1 गोदरेज कंपनी का सर्विस फ्रेन्चाइजी है न ही उक्त कंपनी का सर्विस सेंटर संचालित करता है। डिलेवरी चालान में विपक्षी सं0-1 ने लिखित रूप से तथ्य दिये हैं। गोदरेज कंपनी द्वारा ’’गोदरेज स्मार्ट केयर’’ के नाम से 13/6 परमट सिविल लाइन कानपुर में अपना सर्विस सेंटर स्वयं संचालित किया जाता है, जो वारंटी अवधि अथवा उसके पष्चात सर्विस देने के लिए करता है। परिवादी ने अपना फ्रिज क्रय करने के पष्चात उसके सम्बन्ध में विपक्षी से कभी कोई षिकायत नहीं की। क्योंकि परिवादी इस तथ्य से अवगत है कि निर्माता कंपनी अपने उत्पाद पर वारंटी देती है व निर्माता कंपनी ही अपने द्वारा सर्विस सेंटर संचालित कर सर्विस प्रदान करती है। परिवादी निर्माता कंपनी के सर्विस सेंटर का पता भली प्रकार जानता है। परिवादी द्वारा सर्विस सेंटर को पक्षकार न बनाये जाने से परिवाद आवष्यक पक्षकार के दोश से दूशित है। इस कारण से भी परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। परिवादी को विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ। परिवादी द्वारा वास्तविक तथ्यों को छिपाकर असत्य कथनों पर प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया है। निर्माता कंपनी अपने द्वारा निर्मित फ्रिज पर 1$5 वर्श की गारंटी प्रदान करती है- परिवादी का यह कथन असत्य व अस्वीकार है। वास्तव में निर्माता कंपनी अपने उत्पाद पर गारंटी नहीं देती है। निर्माता कंपनी अपने द्वारा निर्मित फ्रिज पर क्रय करने की तारीख से एक वर्श की मुफ्त सर्विस व पार्टस पर एक वर्श की वारंटी देती है, जिसमें उत्पाद में प्रयोग हुए कांच प्लास्टिक आदि की टूट-फूट, कवर नहीं होती है तथा निर्माता कंपनी तारीख क्रय से 5 वर्श हेतु कम्प्रेषर पर वारन्टी देती है। फ्रिज के बदले नया फ्रिज देने का कोई कथन वारंटी में नहीं देती, जैसाकि वारंटी कार्ड में लिखित वारंटी संविदा से प्रमाणित है। विक्रेता ने कभी भी निर्माता कंपनी द्वारा वारंटी
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कार्ड में वर्णित षर्तों के अलावा कोई कथन क्रेता से नहीं किया है। परिवादी द्वारा असत्य रूप से अपने परिवाद में वारंटी के स्थान पर गारंटी षब्द का प्रयोग किया गया है। परिवादी द्वारा दिनांक 15.11.08 को प्रष्नगत फ्रिज क्रय किया गया था, जिसके अंतर्गत मुफ्त सर्विस अवधि समाप्त होने के पष्चात दिनांक 24.04.10 को निर्माता कंपनी के कानपुर स्थित उपरोक्त सर्विस सेंटर में षिकायत सं0-843478 दर्ज करायी थी, जिस पर सर्विस सेंटर में प्रष्नगत फ्रिज मंगाकर उसका परीक्षण करने से ज्ञात हुआ कि विद्युत के उतार-चढ़ाव से फ्रिज का रिले खराब हो गया था तथा फ्रिज में विद्युत सप्लाई न करने से उसका कम्प्रेषर जल गया था। निर्माता कंपनी ने वारंटी के अनुसार परिवादी के फ्रिज में कम्प्रेषर लगाया गया, किन्तु फ्रिज के लाने व ले जाने का खर्च व रिले, गैस चार्जिंग व सर्विस चार्ज क्रमषः रू0 200.00, 330.00, 500.00, 250.00 कुल रू0 1280.00 वारंटी षर्तों के अनुसार परिवादी से, जो कि नियमसंगत था, परिवादी को न तो त्रुटिपूर्ण फ्रिज विक्रय किया गया है और न ही त्रुटिपूर्ण सेवा प्रदान की गयी है। परिवादी द्वारा दिनांक 24.04.10 को अपना फ्रिज बनवाने के पष्चात कोई षिकायत सर्विस सेंटर में नहीं दर्ज करायी गयी और न ही अपने परिवाद पत्र में नम्बर व तारीख वर्णित की गयी हैं परिवादी का फ्रिज यदि उपरोक्त तिथि के बाद कभी भी खराब होता तो वह उसकी षिकायत सर्विस सेंटर में दर्ज कराता तथा निर्माता कंपनी सर्विस सेंटर द्वारा वर्णित षर्त के अनुसार पूर्ण सेवा प्रदान की जाती। जिससे स्वयं स्पश्ट है कि परिवादी का फ्रिज दिनांक 24.04.10 के पष्चात कभी खराब नहीं हुआ। परिवादी ने अपना फ्रिज क्रय करने के पष्चात कभी कोई षिकायत विपक्षी सं0-1 से नहीं की। विपक्षी ने परिवादी से सेवा षुल्क के रूप में रू0 10000.00 कभी भी प्राप्त नहीं किया और न ही परिवादी को गारंटी प्रदान की। अतः परिवाद खारिज किया जाये।
4. विपक्षी सं0-2 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डर किया गया है और यह कहा गया है कि विपक्षी उत्तरदाता के द्वारा कोई सेवा में कमी नहीं की
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गयी है। परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में कहीं पर यह नहीं कहा गया है कि मेसर्स गोदरेज बायस मैन्यूफैक्चरिंग के द्वारा किसी सेवा षर्त का उल्लंघन किया गया अथवा कौन सी सेवा में कमी की गयी है। सामान्य वारंटी अवधि (1 वर्श) में परिवादी द्वारा एक भी षिकायत सर्विस सेंटर में अथवा विपक्षी सं0-1 के यहां अथवा डीलर या निर्माता कंपनी के यहां नहीं की गयी। एक वर्श की वारंटी अवधि समाप्त होने के पष्चात परिवादी द्वारा दो अवसरों पर षिकायत की गयी। परिवादी की षिकायत पर परिवादी का प्रष्नगत फ्रिज विपक्षी सं0-2/उत्तरदाता कंपनी के द्वारा परिवादी की संतुश्टि पर ठीक कर दिया गया। जिससे स्पश्ट है कि परिवादी द्वारा प्रारम्भ में ही त्रुटियुक्त फ्रिज देने की कहानी गलत की गयी है। विपक्षी सं0-2 उत्तरदाता कंपनी प्रष्नगत उत्पाद को एक वर्श की वारंटी अवधि के अंदर मरम्मत करने के लिए उन परिस्थितियों में उत्तरदायी है, जबकि प्रष्नगत उत्पाद में अनुचित मैटेरियल अथवा निर्माणी त्रुटि को परिवादी द्वारा उपरोक्त परिस्थितियाॅं प्रमाणित करने में, प्रस्तुत मामले में असफल रहा है। परिवादी द्वारा निर्माणी त्रुटि का कथन किया गया है। अतः यह उत्तरदायित्व परिवादी का है कि वह अपने उपरोक्त कथन को किसी तकनीकी विषेशज्ञ रिपोर्ट के द्वारा साबित करे। वारंटी षर्तों के अनुसार परिवादी द्वारा याचित अनुतोश (पुराने फ्रिज को बदलकर नया फ्रिज देने अथवा फ्रिज की कीमत अदा किया जाये) देय नहीं बनता है। क्योंकि प्रष्नगत फ्रिज के स्थान पर दूसरा नया फ्रिज दिया जाना अथवा उसकी कीमत अदा किया जाना उन्हीं परिस्थितियों में बनता है, जबकि प्रष्नगत फ्रिज में निर्माणी त्रुटि वारंटी अवधि में हुई हो और उक्त त्रुटि वारंटी अवधि में किसी भी प्रकार से मरम्मत की जाने वाली न हो। परिवादी द्वारा किसी ऐसी कमी का उल्लेख नहीं किया गया है, जो मरम्मत योग्य न हो। परिवादी की नोटिस प्राप्त करने के पष्चात विपक्षी उत्तरदाता के इंजीरियर परिवादी के आवास पर कई बार फ्रिज ठीक करने के लिए गये, किन्तु परिवादी द्वारा विपक्षी उत्तरदाता कंपनी के इंजीनियरों को फ्रिज का निरीक्षण करने से मना कर दिया गया, जिससे यह सिद्ध होता है कि फ्रिज
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ठीक प्रकार से कार्य कर रहा था। उपरोक्त परिस्थितियों के आलोक में परिवाद खारिज किया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र 20.09.10 एवं 26.03.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में क्रय रसीद की प्रति एवं वारंटी षर्त की प्रति दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में मनोहर लाल अहूजा का षपथपत्र दिनांकित 05.06.14 दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7. विपक्षी सं0-2 ने अपने कथन के समर्थन में ब्रिजेन वी. गोसालिया, ब्रांच कामर्षियल मैनेजर गोदरेज कंपनी लि0 का षपथपत्र दिनांकित 22.06.12 दाखिल किया है।
निष्कर्श
8. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि क्या परिवादी याचित अनुतोश प्राप्त करने का अधिकारी है? प्रस्तुत मामले में विवाद का मुख्य विशय यह है कि वारंटी अवधि में प्रष्नगत फ्रिज के खराब कम्प्रेषर को विपक्षी द्वारा ठीक किया गया, किन्तु परिवादी से रू0 1280.00 विपक्षी सं0-2 के सर्विस सेंटर द्वारा चार्ज कर लिये गये। प्रष्नगत फ्रिज पुनः खराब होने पर विपक्षीगण द्वारा ठीक नहीं किया गया।
प्रस्तुत मामले में यह देखना है कि क्या विपक्षी सं0-2 के सर्विस सेंटर को प्रष्नगत फ्रिज खराब होने पर वारंटी अवधि में रू0 1280.00 नियमानुसार लिये गये हैं या अवैधानिक तरीके से लिये गये हैं? इसके
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अतिरिक्त इस विशय पर भी विचार करना है कि क्या विपक्षीगण द्वारा परिवादी के प्रष्नगत फ्रिज के पुनः खराब होने पर मरम्मत करने से मना किया गया?
उपरोक्त बिन्दु पर उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी की ओर से एक तर्क यह किया गया है कि परिवादी द्वारा दिनांक 15.11.08 को प्रष्नगत फ्रिज क्रय करने के व इस्तेमाल करने के 3 माह बाद कूलिंग करना बन्द कर दिया। काफी भागदौड़ करने पर विपक्षी सं0-1 द्वारा अधिकृत सर्विस सेंटर में दिनांक 24.08.09 को ठीक कराया गया। उसके उपरान्त गारंटी अवधि में ही माह अप्रैल में पुनः प्रष्नगत फ्रिज में कूलिंग की समस्या उत्पन्न हो गयी, जो कि विपक्षी के अधिकृत सर्विस सेंटर द्वारा दिनांक 23.04.10 को कम्प्रेषर में आयी खराबी को ठीक किया गया। यहां पर परिवादी की विछुब्धता यह है कि दिनांक 23.04.10 को कम्प्रेषर सम्बन्धी खराबी को ठीक करने के लिए विपक्षी के सर्विस सेंटर द्वारा परिवादी से रू0 1280.00 वारंटी अवधि में वारंटी की षर्तो के विपरीत लिये गये हैं। इस सम्बन्ध में विपक्षी सं0-1 की ओर से यह तर्क किये गये हैं कि विपक्षी सं0-1, विपक्षी स0-2 प्रष्नगत फ्रिज की निर्माता कंपनी का विक्रेता मात्र है। विपक्षी सं0-2 के उत्पाद में किसी प्रकार की खराबी आने पर उक्त उत्पाद को बदलने या मरम्मत करने का उत्तरदायित्व विपक्षी सं0-1 का नहीं है। बदलने का उत्तरदायित्व विपक्षी सं0-2 निर्माता कंपनी का है और मरम्मत करने का उत्तरदायित्व विपक्षी सं0-2 के सर्विस सेंटर का है, जो कि परमट सिविल लाइन कानपुर में है, जिसका पता परिवादी को ज्ञात है, किन्तु परिवादी द्वारा सर्विस सेंटर को पक्षकार न बनाकर त्रुटि कारित की गयी है, इसके लिए परिवाद खारिज होना चाहिए। विपक्षी सं0-1 के द्वारा सर्विस सेंटर का पक्ष रखते हुए यह भी तर्क किया गया है कि वारंटी के अनुसार परिवादी के फ्रिज में कम्प्रेषर लगाया गया, किन्तु फ्रिज के लाने व ले जाने का खर्च, रिले, गैस चार्जिंग व सर्विस चार्ज क्रमषः रू0 200.00, 330.00, 500.00 व 250.00 कुल रू0 1280.00 नियमसंगत लिये गये थे। विपक्षी सं0-2 की ओर से यह
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तर्क किये गये हैं कि परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में कहीं पर यह नहीं कहा गया है कि निर्माता कंपनी द्वारा किसी सेवा षर्त का उल्लंघन किया गया है अथवा सेवा में कोई कमी कारित की गयी है। परिवादी द्वारा एक भी षिकायत सर्विस सेंटर में अथवा विपक्षी सं0-1 के यहां अथवा डीलर या निर्माता के यहां वारंटी अवधि एक वर्श में नहीं की गयी है। परिवादी का यह कथन असत्य है कि निर्माणी त्रुटियुक्त फ्रिज परिवादी को विक्रीत किया गया। उपरोक्त कथन को परिवादी द्वारा किसी तकनीकी विषेशज्ञ की रिपोर्ट द्वारा साबित नहीं किया गया।
उपरोक्तानुसार उपरोक्त बिन्दु पर उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र व फ्रिज के क्रय करने की रसीद व वारंटी षर्त की प्रति दाखिल की गयी है। उपरोक्त साक्ष्यों से यह सिद्ध नहीं होता है कि प्रष्नगत फ्रिज में कोई निर्माणी त्रुटि रही है। स्वयं परिवादी ने यह स्वीकार किया है कि प्रष्नगत फ्रिज क्रय करने व उपयोग करने के 3 माह के बाद खराबी आ गयी। परिवादी द्वारा कोई जाॅबकार्ड की प्रति प्रस्तुत नहीं की गयी है। यद्यपि परिवादी की ओर से इस आषय का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है कि परिवादी से अभिकथित रू0 1280.00 प्राप्त किये गये हैं, किन्तु विपक्षी सं0-1 की स्वीकारोक्ति के आधार पर यह सिद्ध होता है कि विपक्षी सं0-1 के सर्विस सेंटर द्वारा परिवादी के फ्रिज का कम्प्रेषर बदलने के लिये रू0 1280.00 लिये गये हैं। परिवादी की ओर से प्रस्तुत वारंटी षर्त के अवलोकन से विदित होता है कि, बल्ब, गैस व प्लास्टिक पार्ट के अतिरिक्त अन्य किसी खराबी को ठीक करने के लिए विपक्षी वारंटी षर्त के अनुसार उत्तरदायी है। विपक्षीगण की ओर से परिवादी से रू0 1280.00 किस पार्ट को बदलने के लिए लिये गये हैं, को प्रमाणित करने के लिए कोई अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। विपक्षी सं0-1 की ओर से उपरोक्त बिन्दु जिन खर्चों के लिए रू0 1280.00 लिये जाने का उल्लेख वारंटी षर्त के अनुसार नियमसंगत बताया गया है,
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उन खर्चों का उल्लेख वारंटी में नहीं है। जिससे यह सिद्ध होता है कि विपक्षीगण के द्वारा परिवादी से रू0 1280.00 कम्प्रेषर बदलने के लिये अनुचित रूप से लिये गये हैं। वारंटी में कम्प्रेषर को बदलने की अवधि 5 वर्श मानी गयी है। परिवादी ने यद्यपि परिवाद पत्र में गारंटी षब्द का प्रयोग किया है, किन्तु परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का सम्बन्ध परिवाद पत्र में प्रस्तुत की गयी वारंटी से ही है। परिवादी की ओर से यह कथन किया गया है कि प्रष्नगत फ्रिज अभी भी खराब पड़ा है। परिवादी द्वारा इस सम्बन्ध में अथवा सर्विस सेंटर से संपर्क करने पर तथा विपक्षी सं0-1 से संपर्क करने पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है और परिवादी का फ्रिज अभी भी निश्क्रिय अवस्था में पड़ा हुआ है। इस सम्बन्ध में विपक्षी सं0-2 की ओर से यह कथन किया गया है कि परिवादी द्वारा किसी ऐसी कमी का उल्लेख नहीं किया गया है, जो मरम्मत योग्य न हो और यह भी कथन किया गया है कि विपक्षी उत्तरदाता के इंजीनियर परिवादी के आवास पर कई बार फ्रिज ठीक करने गये, किन्तु परिवादी ने विपक्षी के इंजीनियर को फ्रिज का निरीक्षण करने से मना कर दिया। किन्तु विपक्षीगण के द्वारा अपने कथन को साबित करने के लिए षपथपत्र के अतिरिक्त अन्य कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। अपने-अपने कथन के समर्थन में दोनों पक्षों की ओर से षपथपत्र प्रस्तुत किये गये हैं। अतः पक्षकारों का यह उत्तरदायित्व बनता है कि वह अपने-अपने कथन को साबित करने के लिए कोई अतिरिक्त साक्ष्य, किसी अन्य स्वतंत्र साक्षी का षपथपत्र दाखिल करें, किन्तु ऐसा नहीं किया गया है। विपक्षी सं0-2 परिवादी के आवास के अगल-बगल के किसी व्यक्ति से यह लिखवाकर प्राप्त कर सकता था कि जब वे परिवादी के आवास पर गये, तो परिवादी द्वारा उक्त फ्रिज का निरीक्षण करने से मना कर दिया गया। किन्तु, विपक्षी द्वारा ऐसा नहीं किया गया। अतः इस सम्बन्ध में यह आदेष पारित किया जाना, उचित प्रतीत होता है कि विपक्षी सं0-2 अपने इंजीनियर को किसी अधिवक्ता आयुक्त के साथ प्रष्नगत फ्रिज का निरीक्षण करने के लिए भेजे तथा उसकी मरम्मत करके, परिवादी को उपलब्ध कराये। क्योंकि समस्त
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तथ्यों, परिस्थितियों से यह बात स्पश्ट होती है कि 5 साल की वारंटी अवधि में ही परिवादी के प्रष्नगत फ्रिज का कम्प्रेषर खराब हुआ है। जहां तक विपक्षी सं0-1 का यह कथन है कि परिवादी द्वारा सर्विस सेंटर को पक्षकार न बनाने के कारण, परिवाद खारिज किये जाने योग्य है- इस सम्बन्ध में फोरम का यह मत है कि यदि परिवादी के साथ एक से अधिक विपक्षीगण के द्वारा सेवा में कमी कारित की गयी है, तो वह जिस विपक्षी से अनुतोश चाहता हो, उसके विरूद्ध परिवाद योजित करने के लिए स्वतंत्र है।
उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में तथा उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से, परिवादी को रू0 1280.00 मय 10 प्रतिषत वार्शिक ब्याज दिनांक 23.04.10 से (जिस तारीख को परिवादी द्वारा विपक्षी सर्विस सेंटर को उक्त धनराषि अदा की गयी) वास्तविक वसूली तक अदा करे तथा अपने इंजीनियर को किसी अधिवक्ता आयुक्त के साथ भेजकर प्रष्नगत फ्रिज का निरीक्षण करवायेगा और उसे वारंटी षर्तों के अनुसार ठीक करायेगा। चूॅकि विपक्षी सं0-1 के द्वारा प्रष्नगत फ्रिज परिवादी को बेंचा गया है, इसलिए परिवादी का यह उत्तरदायित्व बनता है कि वह किसी भी वस्तु का विक्रय करने से पूर्व यह सुनिष्चित कर ले कि विक्रय की जाने वाली वस्तु यदि वारंटी अवधि में खराब होती है, तो वह उसे ठीक करायेगा। विपक्षी सं0-2 निर्माता कंपनी का भी यह उत्तरदायित्व बनता है कि वह दी गयी वारंटी षर्तों का पालन करे।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में फोरम इस मत का है कि विपक्षीगण, परिवादी के प्रष्नगत फ्रिज की खराबी के लिए संयुक्त रूप से उत्तरदायी हैं। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
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ःःःआदेषःःः
9. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण परिवादी को रू0 1280.00 मय 10 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दिनांक 23.04.10 से वास्तविक वसूली की तिथि तक अदा करें। तथा परिवाद व्यय रू0 5000.00 अदा करें तथा अपने हर्जे-खर्चे पर, अधिवक्ता आयुक्त की उपस्थिति में ठीक करायें एवं अधिवक्ता आयुक्त का षुल्क रू0 1000.00 अदा करे। अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करने हेतु फोरम के समक्ष अलग से प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करें।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।