(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण सं0- 30/2019
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम प्रथम, आगरा द्वारा इजरावाद सं0- 06/2016 में पारित आदेश दि0 14.03.2019 के विरूद्ध)
Smt. Tara gupta W/o Shri Kirti ram gupta r/o H. No. 37/A/2, Madhu nagar, Agra.
……..Revisionist
Versus
Agra Development authority, Jaipur house, Agra, through its Secretary.
…….O.P.
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री वी0एस0 बिसारिया,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 27.01.2020
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
इजरावाद सं0- 06/2016 श्रीमती तारा गुप्ता बनाम आगरा डेवलपमेंट अथारिटी में जिला फोरम प्रथम, आगरा द्वारा पारित आदेश दि0 14.03.2019 के विरुद्ध यह पुनरीक्षण याचिका इजरावाद की परिवादिनी/डिक्रीदार श्रीमती तारा गुप्ता ने धारा 17(1)b उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने निर्णीत ऋणी जो पुनरीक्षण याचिका में विपक्षी है को परिवाद सं0- 804/1995 श्रीमती तारा गुप्ता बनाम आगरा डेवलपमेंट अथारिटी में पारित निष्पादन अधीन आदेश दि0 20.01.2000 के अनुपालन में परिवादिनी/डिक्रीदार द्वारा जमा 71,575/-रू0 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज के साथ परिवादिनी/डिक्रीदार को वापस करने हेतु आदेशित किया है और आदेशित धनराशि का चेक निश्चित तिथि तक परिवादिनी/डिक्रीदार को विपक्षी/निर्णीत ऋणी को देने हेतु कहा है।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री वी0एस0 बिसारिया उपस्थित आये हैं। विपक्षी को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी गई है जो अदम तामील वापस नहीं आयी है। अत: 30 दिन की अवधि पूरी होने पर नोटिस का तामीला पर्याप्त माना गया है, फिर भी विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। अत: पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुनकर पुनरीक्षण याचिका का निस्तारण किया जा रहा है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि परिवाद सं0- 804/1995 श्रीमती तारा गुप्ता बनाम आगरा डेवलपमेंट अथारिटी में जिला फोरम द्वारा पारित निष्पादन अधीन आदेश दि0 20.01.2000 के द्वारा आदेशित किया गया है कि निर्णीत ऋणी जो पुनरीक्षण याचिका का विपक्षी है, परिवादिनी जो पुनरीक्षण याचिका में पुनरीक्षणकर्ता है से अवशेष धनराशि 20,425/-रू0 प्राप्त कर Kiosk No. 4 का विक्रय पत्र उसके पक्ष में निर्णीत करे और यदि Kiosk उपलब्ध नहीं है तो विकल्प के रूप में आदेशित किया गया है कि निष्पादनवाद के निर्णीत ऋणी अर्थात पुनरीक्षणकर्ता के विपक्षी, परिवादिनी अर्थात पुनरीक्षण याचिका की पुनरीक्षणकर्ता की जमा धनराशि 71,575/-रू0 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज के साथ उसे जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक वापस करे।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा इस बिन्दु पर विचार किये बिना कि क्या Kiosk पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी को देने हेतु उपलब्ध नहीं है निष्पादन अधीन आदेश में आदेशित विकल्प के अनुसार पुनरीक्षणकर्ता की जमा धनराशि ब्याज सहित वापस करने हेतु विपक्षी/निर्णीत ऋणी को आदेशित किया है। पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि निष्पादन वाद में निष्पादन अधीन आदेश के विरुद्ध कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। अत: निष्पादन अधीन आदेश के अनुसार जिला फोरम को इस बिन्दु पर विचार करना चाहिए था कि क्या Kiosk पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी को देने हेतु विपक्षी/निर्णीत ऋणी के पास उपलब्ध है, परन्तु जिला फोरम ने इस बिन्दु पर विचार किये बिना निष्पादन अधीन आदेश के विकल्प के अनुसार आदेश पारित किया है जो निष्पादन अधीन आदेश के विरुद्ध है और अधिकार रहित है।
मैंने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्क पर विचार किया है।
निष्पादन अधीन आदेश में जो विकल्प में पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी की जमा धनराशि 71,575/-रू0 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से जमा की तिथि से ब्याज के साथ वापस करने हेतु विपक्षी/निर्णीत ऋणी को आदेशित किया गया है उसके सामने हस्तलेख में अंकित है- “If Kiosk is not available there in Alternative” निष्पादन अधीन आदेश में अंकित इस प्रविष्टि से यह स्पष्ट है कि यदि पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी को देने हेतु विपक्षी/निर्णीत ऋणी के पास Kiosk उपलब्ध नहीं है तब विकल्प के रूप में विपक्षी/निर्णीत ऋणी उसकी जमा धनराशि निष्पादन अधीन आदेश के अनुसार ब्याज के साथ वापस करेगा। अत: निष्पादन अधीन आदेश के अनुसार विकल्प के रूप में जमा धनराशि वापस किये जाने के पूर्व यह देखा जाना आवश्यक है कि क्या विपक्षी/निर्णीत ऋणी के पास Kiosk पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी को देने हेतु उपलब्ध है और वह Kiosk उपलब्ध होने के बाद भी उसे Kiosk उपलब्ध नहीं करा रहा है। यदि विपक्षी/निर्णीत ऋणी के पास Kiosk उपलब्ध नहीं होगा तभी निष्पादन अधीन आदेश में आदेशित विकल्प का प्रयोग किया जायेगा।
उपरोक्त विवरण के आधार पर यह उचित प्रतीत होता है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश अपास्त कर जिला फोरम को यह निर्देशित किया जाये कि वह प्रश्नगत इजरावाद में पहले इस बिन्दु पर विचार करे कि क्या विपक्षी/निर्णीत ऋणी के पास Kiosk परिवादिनी/डिक्रीदार को देने हेतु उपलब्ध है। यदि विपक्षी/निर्णीत ऋणी के पास Kiosk परिवादिनी/डिक्रीदार को देने के लिये उपलब्ध न हो तब जिला फोरम निष्पादन अधीन आदेश में दिये गये विकल्प पर विचार करे और यदि विपक्षी/निर्णीत ऋणी के पास परिवादिनी/डिक्रीदार को आदेशित Kiosk देने हेतु उपलब्ध है फिर भी वह उसका विक्रय पत्र परिवादिनी/डिक्रीदार के पक्ष में निष्पादन अधीन आदेश के अनुसार निष्पादित नहीं करता है तो जिला फोरम विधि के अनुसार विपक्षी के विरुद्ध निष्पादन अधीन आदेश के प्रथम भाग के निष्पादन हेतु कार्यवाही विधि के अनुसार करे।
पुनरीक्षण याचिका उपरोक्त प्रकार से अन्तिम रूप से निस्तारित की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश अपास्त करते हुये जिला फोरम को निर्देशित किया जाता है कि जिला फोरम पहले इस बिन्दु पर विचार करे कि क्या निष्पादन अधीन आदेश के अनुसार विपक्षी/निर्णीत ऋणी के पास प्रश्नगत Kiosk पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी को देने और उसका विक्रय पत्र पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी को निष्पादित करने हेतु उपलब्ध है। यदि विपक्षी/निर्णीत ऋणी Kiosk उपलब्ध होने के बाद भी निष्पादन अधीन आदेश के अनुसार उसका विक्रय पत्र पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी को निष्पादित नहीं करता है तो जिला फोरम निष्पादन अधीन आदेश के प्रथम भाग के आदेश के अनुपालन हेतु अग्रिम कार्यवाही विधि के अनुसार करे। यदि विपक्षी/निर्णीत ऋणी के पास निष्पादन अधीन आदेश के अनुसार Kiosk पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी को देने हेतु उपलब्ध नहीं है तब जिला फोरम निष्पादन अधीन आदेश के विकल्प पर विचार करे और निष्पादन अधीन आदेश के विकल्प के अनुसार आदेशित धनराशि ब्याज सहित पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी को दिलाये।
पुनरीक्षणकर्ता/परिवादिनी द्वारा जिला फोरम के समक्ष इस निर्णय की प्रति प्रस्तुत किये जाने पर जिला फोरम द्वारा शीघ्र कार्यवाही उपरोक्त निर्देश के अनुसार सुनिश्चित की जायेगी।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
शेर सिंह आशु0,
कोर्ट नं0-1