राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-551/2024
कुमारी मंजू पुत्री श्री सुरेश बाबू, निवासी धौर्रा तहसील एत्मादपुर, जिला आगरा द्वारा मुख्तारेआम राकेश राना निवासी म0नं0-6 बी/124 आवास विकास कालोनी जिला आगरा।
........... अपीलार्थी/परिवादिनी
बनाम
उपाध्यक्ष, आगरा विकास प्राधिकरण, आगरा।
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री देवांश भारद्वाज
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 26.4.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/ परिवादिनी द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, द्विवतीय आगरा द्वारा परिवाद सं0-46/2014 में पारित आदेश दिनांक 26.5.2022 के विरूद्ध अति विलम्ब से योजित की गई है।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि वास्तव में अपीलार्थी/परिवादिनी के अधिवक्ता कोविड-19 से ग्रस्त होकर अत्यंत अस्वस्थ हो गये थे, जिसके कारण निश्चित तिथि पर वे उपस्थित नहीं हो सके। उनकी अस्वस्थता अवधि लम्बी थी, परन्तु उनके द्वारा यथोचित सूचना भी अपीलार्थी/परिवादिनी को प्राप्त नहीं करायी गई, जिस कारण से अदम पैरवी में परिवाद निरस्त किया गया।
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समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायहित में हमारे विचार से अपीलार्थी/परिवादिनी को सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है, तद्नुसार इस मामले में बिना किसी गुणदोष पर विचार किये प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-46/2014 में पारित आदेश दिनांक 26.5.2022 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0-46/2014 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, इस आदेश की प्राप्ति से छ: माह की अवधि में बिना किसी पक्ष को स्थगन प्रदान करते हुए करना सुनिश्चित करें।
इस आदेश की प्रति अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 22.5.2024 अथवा उससे पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत की जाए।
इस आदेश की प्राप्ति से प्रत्यर्थी/विपक्षी के अधिवक्ता को इस आदेश की सूचना दो सप्ताह की अवधि में अपीलार्थी/परिवादी के अधिवक्ता द्वारा प्राप्त करायी जावे।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1