(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :1015 /2016
(जिला उपभोक्ता फोरम, द्धितीय आगरा द्वारा परिवाद संख्या-61/2014 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 31-03-2016 के विरूद्ध)
Carrier Air Conditioning & Refrigeration Ltd., A company incorporated under the Companies Act, 1956, Having its registered office at Kherki Daula Post, Narsingpur Gurgaon (Haryana)-122004 (Through its Authorized Signatory Mr. Sushil Kumar Sharma).
.....अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम्
- Aggarwal Trading Company, Saharanpur Road, Baurat Uttar Prades-221502 ......प्रत्यर्थी/परिवादी
- S.S. Appliance, G-5, Anand Vrindavan, Near Police Chowki, Sanjay Place, Agra. ......प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2
समक्ष :-
1- मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष ।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्रीमती सुचिता सिंह।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित- कोई नहीं।
दिनांक : 30-05-2019
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित निर्णय
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परिवाद संख्या-61/2014 अग्रवाल ट्रेडिंग कम्पनी बनाम् कैरियर एअर कंडिसिनिंग एण्ड रेफ्रि्ज्रेशन लि0 व एक अन्य में जिला उपभोक्ता फोरम, द्धितीय, आगरा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 31-03-2016 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
‘’परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी संख्या-1 को आदेशित किया जाता है कि रू0 10,25,920/-रू0 मय 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक अदायगी तक एक माह के अंदर परिवादी को अदा करे। मानसिक कष्ट वेदना एवं वाद व्यय के लिए 5000/-रू0 परिवादी को विपक्षी संख्या-1 एक माह के अंदर अदा करे।
विपक्षी संख्या-01 को आदेश दिया जाता है कि वह निर्णय/आदेश के दिनांक से एक माह के अंदर उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि जिला फोरम द्धितीय आगरा में चेक अथवा ड्राफ्ट द्वारा जमा करे।‘’
जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी संख्या-1 Carrier Air Conditioning & Refrigeration Ltd. ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्रीमती सुचिता सिंह उपस्थित आयीं है। प्रत्यर्थीगण की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है। अत: अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुनकर अपील का निस्तारण किया जा रहा है।
मैंने अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 व प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्तुत
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किया है कि प्रत्यर्थी/परिवादी सम्पत्तियों के निर्माण का व्यापार करता है और उसकी कम्पनी का नाम आर0जी0पी0जी0 है, जो तुलसी टाकीज बाई पास रोड, आगरा के पास स्थित है। श्री प्रखर गर्ग इसके प्रिसिंपल अथारिटी और अथराइज्ड सिग्नेचरी हैं।
परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा व्यवसाय अपनी जीविकोपार्जन के लिए किया जाता है। प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपने कार्यालय में व्यक्तिगत उपयोग के लिए 04 एअर कंडीशन लगवाने के लिए अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 व प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 को आर्डर प्लेस किया और पूर्ण भुगतान करने पर उन्होंने 4 एयर कंडीशन की आपूर्ति प्रत्यर्थी/परिवादी को बिल/इनवाइस नम्बर-9112101491-2-3 दिनांकित 26-02-2013 के द्वारा की। एअर कंडीशन प्रत्यर्थी/परिवादी कम्पनी के कार्यालय में स्थापित किये गये। चारों एअर कंडीशन पर खरीदने की तिथि से एक वर्ष की वारण्टी थी।
परिवाद पत्र के अनुसार चारों एअर कंडीशन सही कार्य नहीं कर रहे थे अत: विपक्षीगण से एअर कंडीशन ठीक कराने हेतु प्रत्यर्थी/परिवादी ने अप्रैल, 2014 में शिकायत की, परन्तु विपक्षीगण ने कोई कार्यवाही नहीं की और एअर कंडीशन ठीक नहीं किया। परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि विपक्षीगण ने खराब गुणवत्ता के एअर कंडीशन की सप्लाई की है जो अनुचित व्यापार प्रथा की श्रेणी में आता है। अत: प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद प्रस्तुत कर चारों एअर कंडीशन की कीमत रू0 12,82,400/- 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ दिलाये जाने का अनुरोध किया है, साथ ही क्षतिपूर्ति व वाद व्यय भी मांगा है।
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 की ओर से जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्तुत किया गया है जिसमें कहा गया है कि वह कैरियर के ब्राण्ड नाम से विभिन्न एअर कंडीशनर तथा रेफ्रिजेरेशन का निर्माण व डिस्ट्रीब्यूशन करता है।उसके प्रोडेक्टकी बिक्री सम्पूर्ण देश में होती है। प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 उसका अधिकृत डीलर है।
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लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 ने कहा है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने 14 एअर कंडीशन विपक्षी संख्या-2 से दिनांक 26-02-2013को खरीदे, जिसमें से 04 यूनीक आर0जी0पी0जी0 ग्रुप के कार्यालय में स्थापित होने थे। अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 ने लिखित कथन में कहा है कि एअर कंडीशनर परिवादी ने व्यवसायिक उद्देश्य हेतु कार्यालय में स्थापित करने हेतु खरीदे थे। अत: प्रत्यर्थी/परिवादी धारा-2 (1)(डी) उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है।
लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 की ओर से कहा गया है कि सभी एअर कंडीशन स्थापित करते समय चालू हालत में थे अत: उनकी कीमत वापस किये जाने का कोई प्रश्न पैदा नहीं होता है। वारण्टी की शर्तों के अनुसार एअर कंडीशन खरीदने की तारीख से 12 माह की वारण्टी थी और यह वारण्टी केवल रिपेयर या खराब पार्ट्स बदलने के सबंध में थी।
लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 की ओर से कहा गया है कि प्रत्यर्थी/परिवादी की प्रथम शिकायत वारण्टी अवधि समाप्त होने पर प्राप्त हुई है। शिकायत प्राप्त होने पर एअर कंडीशन का निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि आउटडोर यूनिट सही काम नहीं कर रही है। अत: पी0सी0बी0 नि:शुल्क बदली गयी।
उभयपक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने के उपरान्त जिला फोरम ने यह माना है कि प्रत्यर्थी/परिवादी धारा-2(1)(डी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता है। इसके साथ ही जिला फोरम ने अपने निर्णय में यह भी माना है कि प्रश्नगत एअर कंडीशन यूनिट ने सुचारू रूप से कार्य नहीं किया है और उसमें निर्माण संबंधी दोष है। अत: जिला फोरम ने परिवाद स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया है जो ऊपर अंकित किया गया है।
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अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश साक्ष्य और विधि के विरूद्ध है। प्रत्यर्थी/परिवादी धारा-2(1)(डी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता नहीं है। प्रश्नगत एअर कंडीशन में निर्माण संबंधी कोई दोष नहीं है और न ही ऐसा संबंधित क्षेत्र की विशेषज्ञ आख्या से साबित किया गया है।
मैंने अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क पर विचार किया है।
परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी अग्रवाल ट्रेडिंग कम्पनी ने प्रश्नगत एअर कंडीसनर कार्यालय में निजी प्रयोग के लिए लगवाये हैं। परिवादी अग्रवाल ट्रेडिंग कम्पनी के कार्यालय का प्रयोग परिवादी कम्पनी के व्यवसायिक उद्देश्य से किया जायेगा। अत: यह मानने हेतु उचित आधार है कि कार्यालय में एअर कंडीसनर व्यवसायिक उद्देश्य से लगाये हैं। अत: माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा उपभोक्ता वाद संख्या-306 वर्ष 2014 फेरस सलूसन प्राइवेट लिमिटेड बनाम टाटा मोटर्स लि0 आदि के वाद में दिये गये निर्णय दिनांक 01 सितम्बर, 2014 को दृष्टिगत रखते हुए परिवादी कम्पनी धारा-2(1)(डी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आती है। माननीय राष्ट्रीय आयोग ने यह निर्णय माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों को संदर्भित करते हुए पारित किया है।
परिवाद पत्र में परिवादी कम्पनी ने कहा है कि कम्पनी द्वारा व्यापार अपनी जीविकोपार्जन के लिए किया जाता है। परिवाद पत्र में यह नहीं कहा गया है कि व्यापार स्वनियोजन से जीविकोपार्जन हेतु किया जाता है जबकि परिवाद पत्र के कथन से स्पष्ट है कि परिवादी एक ट्रेडिंग कम्पनी है और प्रश्नगत एअर कंडीसनर के संव्यहार के पहले से यह कम्पनी कार्यरत रही है। अत: परिवादी कम्पनी धारा-2(1)(डी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के स्पष्टीकरण् का लाभ पाने की अधिकारी नहीं है।
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उपरोक्त विवेचना एवं माननीय राष्ट्रीय आयोग के उपरोक्त निर्णय व उसमें संदर्भित माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों में प्रतिपादित सिद्धांत के आधार पर मैं इस मत का हूँ कि परिवादी कम्पनी धारा-2(1)(डी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता नहीं है। अत: परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत ग्राह्य नहीं है और जिला फोरम का निर्णय अधिकार रहित व विधि विरूद्ध है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील स्वीकार की जाती है और जिला फेरम का निर्णय व आदेश अपास्त करते हुए परिवाद प्रत्यर्थी को सक्षम न्यायालय में दावा प्रस्तुत करने की छूट के साथ निरस्त किया जाता है।
उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को वापस की जायेगी।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
कोर्ट नं0-1 प्रदीप मिश्रा, आशु0