जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 273/2018 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-17.07.2018
परिवाद के निर्णय की तारीख:-24.01.2022
सुनीता त्रिपाठी उम्र लगभग 45 वर्ष निवासी-592घ/164, राजीव नगर, तेलीबाग, लखनऊ। .........परिवादिनी।
बनाम
1. प्रोपराईटर, अग्रवाल साईकिल एण्ड फिटनेस हैबत मऊ मवैया, रायबरेली रोड, निकट-सरदार पटेल पीजीआई, लखनऊ।
2. महाप्रबंधक, एवन फिटनेस मशीन्स प्रा0लिमि0 एवन काम्पलेक्स, जीटी रोड, धण्डारी कला लुधियाना-1411003 । .........विपक्षीगणण।
आदेश द्वारा-
श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
एकपपक्षीय निर्णय
1. परिवादिनी ने प्रस्तुत परिवाद धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षीगण से जागर मशीन की कीमत 35,000.00 रूपये मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित, अनुचित व्यापार प्रक्रिया के कारण परिवादिनी को हुए मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक कष्ट के लिये 40,000.00 रूपये, एवं वाद व्यय 15,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने विपक्षी संख्या 01 से जो विपक्षी संख्या 02 का अधिकृत डीलर है से दिनॉंक 30.06.2017 को एक जागर मशीन जिसका मॉडल टी0एम0 152 कुल 35,000.00 रूपये में क्रय किया था।
3. परिवादिनी द्वारा क्रय की गयी जागर मशीन एक माह के अन्दर ही काम करना बन्द कर दिया और काफी जाम चलने लगी तथा अन्दर से आवाजे आने लगी, जिसकी शिकायत करने पर विपक्षीगणों ने परिवादिनी की मशीन दिनॉंक 18.08.2017 को रिपेयर कर दिया किन्तु कोई भी जॉबकार्ड अथवा रिसीविंग नहीं दी।
4. विपक्षीगणों द्वारा रिपेयर की गयी जागर मशीन दिनॉंक 06.09.2017 से पुन: खराब हो गयी जिसके अनतर्गत मोटर गर्म होने लगा, काम करना बन्द कर दिया जिसकी शिकायत विपक्षीगणों से की गयी, किन्तु आज तक कोई सुनवाई नहीं की गयी।
5. परिवादिनी द्वारा विपक्षीगणों को दो बार नोटिस दी गयी परन्तु विपक्षीगण ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। परिवादिनी को काफी मानसिक और आर्थिक कष्ट का सामना करना पड़ रहा है।
6. परिवाद पत्र का सम्मन विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: दिनॉंक 10.12.2018 के आदेश से एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
7. परिवादिनी ने साक्ष्य में शपथ पत्र दाखिल किया है, तथा विपक्षी द्वारा जारी रसीद की छायाप्रति दिनाँकित 30.06.2017 दाखिल किया है।
8. मैने परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
9. परिवादिनी का कथानक है कि परिवादिनी ने विपक्षी संख्या 01 से जो विपक्षी संख्या 02 का आर्थराज्ड डीलर है से दिनॉंक 30.06.2017 को एक जागर मशीन जिसका मॉडल टी0एम0 152 कुल 35,000.00 रूपये में क्रय किया था। परिवादिनी द्वारा क्रय की गयी जागर मशीन एक माह के अन्दर ही काम करना बन्द कर दिया और काफी जाम चलने लगी तथा अन्दर से आवाजे आने लगी। शिकायत करने पर विपक्षीगणों ने परिवादिनी की मशीन दिनॉंक 18.08.2017 को रिपेयर कर दिया किन्तु कोई भी जॉबकार्ड अथवा रिसीविंग नहीं दी।
10. रिपेयर की गयी जागर मशीन दिनॉंक 06.09.2017 से पुन: खराब हो गयी तथा मोटर गर्म होने लगा, काम करना बन्द कर दिया परिवादिनी द्वारा शिकायत करने पर भी विपक्षीगण द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गयी। परिवादिनी ने अपने कथानक का समर्थन अपने शपथ पत्र से भी किया है जिसमें यह कहा गया कि विपक्षी संख्या 01 से जो विपक्षी संख्या 02 का आर्थराज्ड डीलर है से दिनॉंक 30.06.2017 को एक जागर मशीन जिसका मॉडल टी0एम0 152 कुल 35,000.00 रूपये में क्रय किया था। परिवादिनी द्वारा क्रय की गयी जागर मशीन एक माह के अन्दर ही काम करना बन्द कर दिया और काफी जाम चलने लगी तथा अन्दर से आवाजे आने लगी। शिकायत करने पर विपक्षीगणों ने परिवादिनी की मशीन दिनॉंक 18.08.2017 को रिपेयर कर दिया किन्तु कोई भी जॉबकार्ड अथवा रिसीविंग नहीं दी। परिवादिनी द्वारा दाखिल दस्तावेजी साक्ष्य के अवलोकन से विदित है कि विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी की गयी है, पत्रावली पर कोई भी ऐसा साक्ष्य मौजूद नहीं है जिससे कि परिवादिनी के कथनों पर अविश्वास प्रकट किया जा सके।
11. उल्लेखनीय है कि समस्त कृत्य में परिवादिनी को मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हुआ और उसे न्यायालय की शरण में भी आना पड़ा। इन सब स्थितियों को मद्देनजर रखते हुए परिवादिनी को जागर मशीन की कीमत 35,000.00 रूपये दिलाया जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है। उपरोक्त समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए परिवादिनी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
12. परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से विपक्षी संख्या 02 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 02 को निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादिनी की जागर मशीन की कीमत मुबलिग 35,000.00 (पैतीस हजार रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ निर्णय के 45 दिन के अन्दर परिवाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक अदा करेंगें। परिवादिनी को हुए मानसिक कष्ट एवं वाद व्यय के लिये मुबलिग 10,000.00(दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि उपरोक्त आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा। परिवादिनी को निर्देशित किया जाता है कि भुगतान प्राप्त करते समय जागर मशीन विपक्षी संख्या 02 को प्राप्त करायेगी।
(अशोक कुमार सिंह ) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(अशोक कुमार सिंह ) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।