न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-प्रथम, बरेली ।
परिवाद संॅ0 99/2015
उपस्थित:- 1- बृजेश चन्द्र सक्सेना अध्यक्ष
2- मोहम्मद कमर अहमद सदस्य
पवन सहाय पुत्र श्री कृष्ण नन्दन सहाय, निवासी मोहल्ला हिन्दू पट्टी, कस्बा व तहसील तिलहर, जिला शाहजहाॅंपुर ।
.................. परिवादी
बनाम
1. अग्रवाल ब्रदर्स (शोरूम स्लीपवेल प्रोडक्ट), स्लीपवेल गैलरी, स्थित कमल सिनेमा के सामने, सिविल लाइंस, थाना कोतवाली, जिला बरेली द्वारा प्रोपराइटर/पार्टनर अग्रवाल ब्रदर्स ।
2. शीला फोम प्रा0लि0 (स्लीपवेल), पंजीकृत कार्यालय-55, प्रीतिबिहार, विकास मार्ग, दिल्ली-110092 इण्डिया द्वारा महाप्रबन्धक ।
........... विपक्षीगण
निर्णय
परिवादी पवन सहाय की ओर से यह परिवाद विपक्षीगण अग्रवाल ब्रदर्स (शोरूम स्लीपवेल प्रोडक्ट), स्लीपवेल गैलरी द्वारा प्रोपराइटर व अन्य के विरूद्व इस आशय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण को निर्देशित किया जाये कि परिवादी को उसके खराब गद्दों के स्थान पर बदलकर नये गद्दे दे अथवा गद्दों का मूल्य अंकन रू0 21,825/- व गद्दों के कवरांे का मूल्य अंकन रू0 1525/- कुल अंकन रू0 23,350/- का भुगतान मय ब्याज के करे । इसके अतिरिक्त मानसिक एवं आर्थिक क्षति व वाद व्यय के रूप में अंकन 55,000/- का भुगतान कराया जाये ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी ने विपक्षी सं0 1 की दुकान से दो-दो किता स्लीपवेल के गद्दे कीमत क्रमशः 12,400/- एवं 5,650/- तथा स्लीपवेल गद्दा अंकन 3,775/- एवं दो जोडी गद्दा कवर अंकन रू0 1150/- व 375/- में पैकिंग एवं फारवडिंग अंकन रू0 60/- व एक जोडी तकिया अंकन रू0 1230/- अर्थात् कुल अंकन रू0 24,640/- खर्च करके सामान क्रय किया गया । परिवादी ने विपक्षी सं0 1 को बिल बुक सं0 17 कैशमीमो 813 दिनांक 30.11.13 के माध्यम से डिस्काउंट के माध्यम से अंकन रू0 24,000/- का नकद भुगतान किया गया । विपक्षी सं0 1 द्वारा उपरोक्त सामान के संदर्भ में 10 वर्ष की वारंटी दी गयी और यह आश्वासन दिया गया था कि किसी प्रकार की कमी होने पर वह बदलकर नया सामान देगा । परिवादी द्वारा क्रय किये गये पाॅंच गद्दे एक वर्ष के पहले ही बीच में दबने शुरू हो गये और उन पर लेटना कष्टदायर होने लगा और पीठ में दर्द की शिकायत होने लगी । परिवादी द्वारा इसकी शिकायत विपक्षी सं0 1 से दिनांक 28.04.14 को की गयी, जिसने शीघ्र ही गद्दे बदलवाने का आश्वासन दिया । विपक्षी सं0 1 द्वारा कोई कार्यवाही न करने पर परिवादी द्वारा पुनः दिनांक 24.05.14 को सम्पर्क किया गया और पुनः विपक्षी सं0 1 द्वारा गद्दे बदलवाने का आश्वासन दिया गया । दिनांक 10.06.14 को विपक्षी सं0 1 के कर्मचारी परिवादी के घर पर आये, गद्दे बदलने का आश्वासन देकर पुराने पाॅचों गद्दे लेकर चले गये, जिसकी कोई भी प्राप्ति परिवादी को नहीं दी गयी । उसी समय से परिवादी बार-बार गद्दों को बदलवाने का अनुरोध करता रहा, परन्तु विपक्षी सं0 1 द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और फोन पर अभद्र शब्दों का प्रयोग भी किया गया।
परिवादी द्वारा दिनांक 16.09.14 को पुनः विपक्षी सं0 1 से सम्पर्क किया गया, परन्तु विपक्षी सं0 1 ने डांटकर भगा दिया, तदनुसार यह परिवाद योजित किया गया ।
विपक्षी सं0 1 व 2 की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल करते हुए यह कथन प्रस्तुत किया गया कि परिवादी द्वारा असत्य कथनों के आधार पर यह परिवाद योजित किया गया है । परिवादी द्वारा गलत तरीके से और वास्तविक तथ्यों को छिपाकर विपक्षीगण के विरूद्व सेवाओं में कमी किये जाने का आरोप लगाते हुए यह झूठा परिवाद योजित किया गया है । परिवादी द्वारा योजित परिवाद न तो अनुचित व्यापार प्रथा के अंतर्गत है और न ही विपक्षीगण द्वारा सेवाओं में कोई त्रुटि की गयी है । परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस फोरम को प्राप्त नहीं है, क्योंकि गारंटी कार्ड में ही यह सूचना दी गयी है कि किसी भी प्रकार का विवाद होने पर क्षेत्राधिकार दिल्ली में होगा । परिवादी की ओर से योजित परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है । परिवादी द्वारा ऐसी कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गयी है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि गद्दे खराब हो गये हों या गद्दों को विपक्षीगण द्वारा प्राप्त किया गया हो । परिवादी की ओर से गारंटी अवधि के उपरांत यह परिवाद योजित किया गया है । परिवादी द्वारा कभी भी गद्दों के खराब होने के सम्बन्ध में कोई शिकायत पंजीकृत नहीं करायी गयी । परिवादी द्वारा योजित परिवाद प्रथम दृष्टया रूप से चलने योग्य नहीं है और मय हर्जा निरस्त किये जाने योग्य है ।
परिवादी की ओर से अपने कथनों के समर्थन में गद्दे एवं क्रय किये जाने सम्बन्धी रसीद की छाया प्रति 7/1, गारंटी कार्ड की छाया प्रति 7/2 प्रस्तुत की गयी है । इसके अतिरिक्त साक्ष्य शपथपत्र 25/2 लगायत 25/4 प्रस्तुत किये गये हैं ।
विपक्षीगण की ओर से साक्ष्य शपथपत्र 27/1 लगायत 27/3 प्रस्तुत किया गया है ।
पक्षगण अधिवक्ता के तर्कों को सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
निष्कर्ष
उपरोक्त आधार पर यह स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा दिनांक 30.11.12 को विपक्षी सं0 1 के प्रतिष्ठान से पाॅंच गद्दे व अन्य सामान अंकन 24,000/- में क्रय किये थे, जिसके संदर्भ में क्रय रसीद की छाया प्रति 7/1 प्रस्तुत की गयी है । परिवादी की ओर से सशपथ यह कथन प्रस्तुत किया गया है कि विपक्षी सं0 1 द्वारा उपरोक्त गद्दों के संदर्भ में 10 वर्ष की गारंटी दी गयी थी और यह आश्वासन दिया गया था कि गारंटी अवधि में कोई भी शिकायत आने पर सामान बदलकर नया सामान देेेगा । परिवादी का सशपथ यह कथन है कि उपरोक्त गद्दे क्रय किये जाने के एक वर्ष के पहले ही दबने शुरू हो गये और उनपर लेटना कष्ट दायक हो गया तथा पीठ में दर्द की शिकायत प्रारम्भ हो गयी । गद्दे खराब होने की शिकायत दिनांक 28.04.14 को विपक्षी सं0 1 से की गयी और विपक्षी सं0 1 के द्वारा गद्दों को बदलकर नये गद्दे देने का आश्वासन दिया गया, परन्तु कई बार सम्पर्क किये जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई । इसके उपरांत दिनांक 10.06.14 को विपक्षी सं0 1 के कर्मचारी गद्दों को बदलने का आश्वासन देकर पुराने पाॅचांे गद्दों को लेकर चले गये और उनके द्वारा कोई प्राप्ति रसीद नहीं दी गयी । विपक्षी सं0 1 द्वारा इसके बावजूद भी गद्दों को बदलकर नहीं दिया गया । इस संदर्भ में विपक्षीगण की ओर से यह कथन प्रस्तुत किया गया कि परिवादी द्वारा गारंटी अवधि के उपरांत परिवाद योजित किया गया है । परिवादी द्वारा कभी भी गद्दों के खराब हो जाने के संदर्भ में कोई शिकायत नहीं की गयी और न ही गद्दे कभी भी परिवादी से प्राप्त किये गये । परिवादी द्वारा कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गयी है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि गद्दे खराब हो गये हों । परिवादी द्वारा असत्य कथनों के आधार पर परिवाद योजित किया गया है ।
उपरोक्त संदर्भ में पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य पर विचारण किया गया। इस संदर्भ में कोई विवाद नहीं है कि परिवादी द्वारा दिनांक 30.11.12 को विपक्षी सं0 1 के प्रतिष्ठान से पाॅच गद्दे व अन्य सामान अंकन रू0 24,000/- नकद भुगतान करके क्रय किये गये थे। परिवादी द्वारा सशपथ इस कथन को साबित किया गया है कि क्रय किये गये गद्दे एक वर्ष के पूर्व ही बीच से दबने लगे और उन पर लेटना कष्ट दायक हो गया तथा पीठ दर्द की शिकायत भी प्रारम्भ हो गयी । परिवादी द्वारा सशपथ इस कथन को साबित किया गया है कि उसके द्वारा इस संदर्भ में अनेकों बार शिकायतें की गयीं और दिनांक 28.04.14 को विपक्षी सं0 1 की ओर से गद्दों को बदलने का आश्वासन भी दिया गया, परन्तु विपक्षी सं0 1 द्वारा गद्दे बदलकर नहीं दिये गये । परिवादी द्वारा इस कथन की भी पुष्टि शपथपत्र साक्ष्य के माध्यम से भी की गयी है कि दिनांक 10.06.14 को विपक्षी सं0 1 के कर्मचारी परिवादी के घर पर आये और गद्दों को बदलने का आश्वासन देकर पुराने पाॅचों गद्दे लेकर चले गये । यद्यपि इस तथ्य को विपक्षीगण द्वारा अस्वीकार किया गया और परिवादी द्वारा भी कोई रसीद या अन्य अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये गये हैं, परन्तु इस संदर्भ में कोई विवाद नहीं है कि दुकानदार और ग्राहक का सम्बन्ध विश्वास पर चलता है और उसी विश्वास के अंतर्गत परिवादी द्वारा पुराने गद्दे बदले जाने की प्रत्याशः में विपक्षी सं0 1 के कर्मचारियों को बिना किसी लिखित रसीद के गद्दों को ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी गयी । अतः इस संदर्भ में यह नहीं कहा जा सकता है कि परिवादी द्वारा असत्य कथन प्रस्तुत किये जा रहे हों या उसके द्वारा कोई अनुचित लाभ उठाने का प्रयास किया गया हो । विपक्षीगण की ओर से ऐसी कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गयी है, जिसके आधार पर परिवादी के कथनों को असत्य कहा जा सके अथवा यह साबित होता हो कि परिवादी द्वारा क्रय किये गये गद्दे खराब न हो गये हों और उनका उपयोग कष्टदायक न हो गया हो ।
उपरोक्त समस्त तथ्यों पर विचारण किये जाने के उपरांत यह स्पष्ट है कि परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है और विपक्षीगण द्वारा परिवादी के प्रति सेवाओं में कमी की गयी और अनुचित व्यापार प्रथा अपनाते हुए परिवादी से खराब गद्दों को को भी प्राप्त कर लिया गया ओर उन्हें बदलकर नये गद्दे परिवादी को उपलब्ध नहीं कराये गये । परिवादी द्वारा दाखिल किये गये गारंटी कार्ड के आधार पर यह स्पष्ट है कि परिवाद गारंटी अवधि में प्रस्तुत किया गया है और परिवादी द्वारा सशपथ यह साबित भी किया गया है कि गद्दे क्रय किये जाने के एक वर्ष पूर्व ही खराब हो गये थे । जहाॅं तक क्षेत्राधिकार का प्रश्न है विपक्षी सं0 1 द्वारा जारी की गयी क्रय रसीद 7/1 में ही यह अंकित है कि सभी विवाद बरेली जनपद के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत होगें और इसके अतिरिक्त उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सेवाओं में त्रुटि और अनुचित व्यापार प्रथा के संदर्भ में परिवाद उसी स्थान पर योजित किया जा सकता है जहाॅं पर विपक्षीगण का प्रतिष्ठान हो या विपक्षीण के प्रतिष्ठान की कोई भी शाखा हो । ऐसी परिस्थिति में मात्र गारंटी कार्ड में दिल्ली का क्षेत्राधिकार अंकित किये जाने के कारण जिला उपभोक्ता फोरम, बरेली का क्षेत्राधिकार समाप्त नहीं हो सकता है । ऐसी परिस्थिति में विपक्षीगण को यह आदेशित किया जाना आवश्यक है कि वह परिवादी द्वारा क्रय किये गये गद्दों को बदलकर उसी कम्पनी और प्रकृति के नये गद्दे परिवादी को निर्धारित अवधि में उपलब्ध कराये अथवा गद्दों के क्रय मूल्य का भुगतान परिवादी को करे । विपक्षीगण की ओर से अनुचित व्यापार प्रथा अपनाये जाने के कारण परिवादी को मानसिक एवं आर्थिक क्षति हुई । अतः परिवादी क्षतिपूर्ति और वाद व्यय की धनराशि भी प्राप्त करने का अधिकारी है । यद्यपि परिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति और वाद व्यय के रूप में अंकन रू0 55,000/- चाहे गये हैं, परन्तु हमारे विचार से यह काफी अधिक हैं । हमारे विचार से परिवादी क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय के रूप में अंकन रू0 5000/- का भुगतान प्राप्त करने का अधिकारी पाया जाता है, तदनुसार परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी की ओर से योजित परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है । विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादी द्वारा क्रय किये गये गद्दों को बदलकर उसी कीमत व उसी प्रकृति के नये गद्दे परिवादी को एक माह के अन्दर उपलब्ध करा दे और क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के रूप में अंकन 5000/- का भुगतान करें । अन्यथा परिवादी को यह अधिकार होगा कि वह गद्दों की कीमत अंकन रू0 23,350/- और क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के रूप में अंकन रू0 5000/- अर्थात् कुल अंकन 28,350/- को मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से परिवाद योजित किये जाने की तिथि से भुगतान किये जाने की तिथि तक समस्त धनराशि की वसूलयाबी विपक्षीगण से फोरम के माध्यम से करेगा ।
( मोहम्मद कमर अहमद ) ( बृजेश चन्द्र सक्सेना )
सदस्य अध्यक्ष
यह निर्णय आज दिनांक 27.05.2017 को हमारे द्वारा हस्ताक्षरित करके खुले फोरम में उद्घोषित किया गया ।
( मोहम्मद कमर अहमद ) ( बृजेश चन्द्र सक्सेना )
सदस्य अध्यक्ष