राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-1034/2024
रोहिला सी0एन0जी0 स्टेशन द्वारा प्रबन्धक निकट सैटलाईट बस स्टैण्ड पीलीभीत बाईपास थाना बारादरी जिला बरेली व एक अन्य।
..............अपीलार्थीगण
बनाम
आफताब इस्माईल पुत्र श्री हनीफ उर्र रहमान खान, निवासी विहारमान नगला तहसील व जिला बरेली।
.............प्रत्यर्थी
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थीगण के अधिवक्ता : श्री प्रमेन्द्र वर्मा
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 16.10.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/विपक्षीगण की ओर से इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, द्वितीय बरेली द्वारा परिवाद सं0-82/2022 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 16.9.2023 के विरूद्ध योजित की गई है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 रोहिला सी0एन0जी0 स्टेशन द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी के पूरे मोहल्ले में गैस पाइप लाइन बिछाई जाकर 24 घंटे गैस उपलब्ध रहने हेतु आश्वस्त करने पर प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा गैस का कनैक्शन लिया गया, जिसका कस्टूमर कोड/सी आर एन नम्बर-डी बी 31280, रिफरेस नम्बर BD012009 OA3AAAEJZ30S है। परन्तु अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 रोहिला सी0एन0जी0 स्टेशन द्वारा किसी भी समय बिना किसी पूर्व सूचना के गैस की आपूर्ति बन्द कर दी जाती
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है जिससे प्रत्यर्थी/परिवादी व उसके परिवार को बहुत परेशानी होती है। प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा इस बात की शिकायत मोबाइल नं0 9219440921 पर कई बार किए जाने के बावजूद अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी की शिकायत का कोई समाधान नहीं किया गया। अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा कभी भी बिना सूचना के गैस आपूर्ति बाधित कर दिए जाने के कारण कई बार प्रत्यर्थी/परिवादी के बच्चे बिना नाश्ते किए स्कूल चले जाते हैं, कभी-कभी गैस न आने के कारण भूखे सो जाते हैं। अपीलार्थी/विपक्षीगण के उक्त कृत्य के कारण प्रत्यर्थी/परिवादी का घोर मानसिक व शारीरिक तथा आर्थिक पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है।
प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी को दिनांक 26.5.2022 को नोटिस भी दिया उसके बावजूद भी अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 ने प्रत्यर्थी/परिवादी को न तो मिलने की जरूरत समझी और न ही गैस को सुचारू रूप से चालू किया। अत्एव प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा गैस कनैक्शन लेने के समय से अब तक के किये गये सारे भुगतान को अपीलार्थी/विपक्षीगण से मय ब्याज सहित वापस दिलाया जाने हेतु परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत किया गया।
अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख नोटिस तामीला के पश्चात भी कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई लिखित कथन प्रस्तुत किया गया अत्एव विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से अग्रसारित की गई।
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विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादी के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्य पर विस्तार से विचार करने के उपरांत परिवाद को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया कि वे परिवादी को 45 दिन के अन्दर क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 10,000.00 अदा करे एवं उक्त अदायगी में व्यतिक्रम की दशा में उक्त राशि पर निर्णय की दिनांक 16.9.2023 से वास्तविक अदायगी की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक दर पर ब्याज भी देय होगा, साथ ही परिवाद व्यय के रूप में रू0 5,000.00 भी विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अदा किये जाए।
जिला उपभोक्ता आयोग के प्रश्नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत अपील योजित की गई है।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री प्रमेन्द्र वर्मा को विस्तार पूर्वक सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश व पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि प्रस्तुत मामले में अपीलार्थी द्वारा 24 घण्टे गैस उपलब्ध करवाने के आश्वासन को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा अपीलार्थी से गैस कनेक्शन प्राप्त किया गया था एवं प्रत्यर्थी की शिकायत के बावजूद भी अपीलार्थी द्वारा उस पर कोई ध्यान न दिया जाना अपीलार्थी की सेवा में कमी को प्रदर्शित करता है, चूंकि प्रत्यर्थी द्वारा गैस कनेक्शन प्राप्त किये जाने से
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लगातार गैस के उपभोग के सम्बन्ध में सम्पूर्ण बिलों का भुगतान किया जा रहा था।
यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि बिना पूर्व सूचना के किसी कनेक्शन को बन्द किये जाने से प्रत्यर्थी के परिवार के लोगों को उपरोक्त गैस की आपूर्ति बाधित रहने के कारण अनेकों समस्याओं का सामना करना पडा है जो कि अपीलार्थी/विपक्षीगण की सेवा में कमी को प्रदर्शित करता है और इस सम्बन्ध में विस्तृत व्याख्या विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपने प्रश्नगत निर्णय में की गई है, जो कि मेरे विचार से पूर्णत: विधि सम्मत है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में किसी प्रकार कोई अवैधानिकता अथवा विधिक त्रुटि अपीलीय स्तर पर नहीं पायी गई, तद्नुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
अपीलार्थीगण को आदेशित किया जाता है कि उपरोक्त आदेश का अनुपालन 30 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें।
प्रस्तुत अपील को योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्वारा जमा की गयी हो, तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,कोर्ट नं0-1