Uttar Pradesh

StateCommission

A/1994/3094

Punjab National Bank - Complainant(s)

Versus

Afaq Hussain Khan - Opp.Party(s)

A K Pandey

26 Oct 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1994/3094
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Punjab National Bank
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Afaq Hussain Khan
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या- 3094/1994

 ( जिला उपभोक्‍ता फोरम हरदोई द्वारा परिवाद सं0-1637/1993 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित-26-10-1994 के विरूद्ध)

शाखा प्रबन्‍धक, पंजाब नेशनल बैंक महात्‍मागांधी मार्ग, हरदोई।

                                                      ....अपीलार्थी/विपक्षी

                           बनाम

1-आफाक हुसैन खान उम्र लगभग 33 वर्ष  पुत्र श्री एजाज खान मो0 इदरीश गंज, जिला हरदोई।                                                  .....प्रत्‍यर्थी/परिवादी

2-शिक्षित बेरोजगार योजना द्वारा जनरल मैनेजर जिला उद्योग केन्‍द्र, हरदोई।

3-जिला मजिस्‍ट्रेट, हरदोई/तहसीलदार हरदोई।

                                                        ...प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

अपीलकर्ता की ओर से उपस्थिति: श्री एम0एच0 खान, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थिति   :  कोई नहीं।

दिनांक- 01-12-2015

माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य, द्वारा उद्घोषित

निर्णय

      अपीलकर्ता ने यह अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम हरदोई द्वारा परिवाद सं0-1637/1993 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित-26-10-1994 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है। उपरोक्‍त आदेश में जिला उपभोक्‍ता फोरम द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया है।

      “परिवाद स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी सं0-1 को आदेश दिया जाता है कि वह 15 दिन के अन्‍दर 1000-00 रूपये परिवादी को हर्जा अदा करें।”

      संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार से है कि परिवादी ने शिक्षित बेरोजगार योजना के अर्न्‍तगत  1986 को जिला उद्योग केन्‍द्र के माध्‍यम से विपक्षी सं0-1 से टी0वी0 मरम्‍मत के व्‍यवसाय हेतु ऋण के लिये प्रार्थना पत्र दिया था। परिवादी को 20,000-00 रूपये का ऋण स्‍वीकृत किया गया, परन्‍तु  विपक्षी सं0-1 बैक ने मात्र 16,500-00 रूपये परिवादी को दिये और परिवादी का खाता खोलकर उसमें 18,500-00 रूपये जमा दिखा दिये, जबकि परिवादी को मात्र 16,500-00 रूपये का ड्राफ्ट दिया गया। परिवादी समय-समय पर किश्‍तों को जमा करता रहा और परिवादी को 13875-00 रूपये का अनुदान राशि मिलनी थी जो एडजस्‍ट नहीं की गई है। बैंक द्वारा 16,500-00 पर तिमाही ब्‍याज लगाया गया है, जबकि वार्षिक ब्‍याज लगाया जाना चाहिए था और 10 प्रतिशत ब्‍याज ही लगाया जा सकता है।

      जिला उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष प्रतिवादी सं0-2 ने अपने कथन में कहा कि परिवादी को सन 1986 में स्‍वत: रोजगार योजना के अर्न्‍तगत 20,000-00 रूपये का ऋण स्‍वीकृत किया

(2)

गया था तथा  परिवादी को पूर्ण ऋण प्राप्‍त न होने की शिकायतों को समय-समय पर विपक्षी सं0-2 द्वारा विपक्षी सं0-1 को भेजा गया।

      विपक्षी सं0-1 ने प्रार्थना पत्र का विरोध किया तथा यह कथन किया है कि परिवादी को 18,500-00 रूपये का ऋण स्‍वीकृत किया गया था तथा दिनांक 22-02-1986 को 16,500-00 रूपये का ड्राफ्ट बनाकर दिया गया और 2,000-00 रूपये  नगद परिवादी को दिया गया। ब्‍याज 10 प्रतिशत तिमाही राशि पर ही जुडना चाहिए था। परिवादी को 4625-00 रूपये अनुदान राशि देय थी जो फिक्‍स डिपाजिट में रखी गई थी तथा उसको ऋण खाते में दिनांक 2-04-1991 को 6358-16 असल व ब्‍याज में समायोजित कर दिया गया था। परिवादी से गारण्‍टी फीस भी नियामनुसार ली गई। विपक्षी सं0-1 की सेवाओं में कोई कमी नहीं है। अत: परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

      जिला उपभोक्‍ता फोरम ने यह पाया कि विपक्षी बैंक ने परिवादी को 16,500-00 रूपये ही दिनांक 22-02-1986 को दिये है इसी धनराशि पर विपक्षी बैंक 10 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज पाने का हकदार है तथा 2,000-00 रूपये विपक्षी द्वारा पॉच वर्ष के बाद दिये गये है, जो उसकी सेवाओं में कमी है और जिला उपभोक्‍ता फोरम ने  परिवादी को एक हजार रूपये हर्जाने का देने का आदेश किया है।

      अपील सुनवाई के समय अपीलकर्ता के तरफ से विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम0एच0 खान उपस्थित है। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा अपील आधार का अवलोकन किया गया।

      केस के तथ्‍यों परिस्थितियों में हम यह पाते हैं कि जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा जो निर्णय/आदेयश पारित किया गया है, वह तथ्‍यों व अभिलेखों पर आधारित है और विधि सम्‍मत् है, उसमें हस्‍तक्षेप किये जाने की कोई गुंजाइश नहीं है और अपीलकर्ता की अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

तद्नुसार अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है।

      उभय पक्ष अपना-अपना अपील व्‍यय स्‍वयं वहन करेगें।

 

(आर0सी0 चौधरी)                               ( बाल कुमारी )

 पीठासीन सदस्‍य                                   सदस्‍य

आर.सी.वर्मा, आशु.

कोर्ट नं05

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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