Rajasthan

Churu

148/2012

Jairam - Complainant(s)

Versus

Aen JVVNL - Opp.Party(s)

Gopi Ram Shihag

27 Oct 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 148/2012
 
1. Jairam
Churu
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Shiv Shankar PRESIDENT
  Subash Chandra MEMBER
  Nasim Bano MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

प्रार्थी की ओर से श्री गोपीराम सिहाग अधिवक्ता उपस्थित। अप्रार्थीगण की ओर से श्री कृपालसिंह अधिवक्ता उपस्थित। प्रार्थी अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद के तथ्यों केा दौहराते हुए तर्क दिया कि प्रार्थी ने अप्रार्थी से एक विद्युत सम्बंध जिसका खाता संख्या 1609/66 प्राप्त किया हुआ है। उक्त विद्युत खाता सम्बंध में अप्रार्थीगण द्वारा जो विद्युत मीटर स्थापित किया गया है। उसके खराब अथवा सही होने का ज्ञान प्रार्थी को नहीं है। प्रार्थी हमेशा विद्युत खर्च कम ही करता है व नियमित रूप से बिलों का भुगतान करता आ रहा है। अप्रार्थी विभाग ने प्रार्थी के विरूद्ध दिनांक 21.01.2012 को एक वी.सी.आर. संख्या 2925 की राशि हेतु नोटिस दिया गया। जो किसी भी रूप से न्याय संगत नहीं है क्योंकि प्रार्थी ने कभी भी मीटर के साथ कोई छेड़-छाड़ नहीं की। अप्रार्थीगण द्वारा बिना प्रार्थी के मीटर की जांच किये अपने कर्तव्य का लोप करते हुए गलत रूप से वी.सी.आर. की राशि 2840.82 रूपये प्रार्थी के विरूद्ध निकाली है। अप्रार्थीगण का उक्त कृत्य स्पष्ट रूप से सेवादोष की श्रेणी का है।

           अप्रार्थीगण अधिवक्ता ने प्रार्थी अधिवक्ता के तर्कों का विरोध करते हुए तर्क दिया कि वास्तव में प्रार्थी का प्रकरण वी.सी.आर. से सम्बंधित है जेा अनाधिकृत विद्युत उपभोग की श्रेणी में आता है। जिसमें इस मंच का क्षैत्राधिकार नहीं है। अप्रार्थी अधिवक्ता ने तर्क दिया कि दिनांक 21.01.2012 को प्रार्थी के यहां स्थित मीटर की जांच करने पर प्रार्थी का विद्युत मीटर 86.17 वास्तविक उपभोग से स्लो चलता पाया गया जिस पर नियमानुसार 6 माह का औसत आधार बना कर 2840.82 रूपये राजस्व निर्धारित कर दिनांक 01.03.2012 को परिवादी को नोटिस भेजकर उक्त राशि जमा करवाने हेतु निवेदन किया गया था व प्रार्थी के यहां नया मीटर स्थापित कर दिया गया। उक्त राशि प्रार्थी के विरूद्ध विद्युत अधिनियम की धारा 126 के तहत निर्धारण की गयी है जिसके विरूद्ध धारा 127 के तहत अपील की जा सकती है। इस मंच को धारा 126 के तहत निर्धारित की गयी राशि के विरूद्ध परिवाद सुनने का क्षैत्राधिकार नहीं है। उक्त आधार पर परिवाद खारिज करने का तर्क दिया। पक्षकारान की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यान पूर्वक अवलोकन किया गया। मंच का निष्कर्ष निम्न प्रकार है।

           हमने उभय पक्षों के तर्कों पर मनन किया। अप्रार्थीगण अधिवक्ता ने अपनी बहस में मुख्य तर्क यह दिया है कि प्रार्थी के प्रकरण का विद्युत अधिनियम की धारा 126 के तहत निर्धारण किया गया है जिसके विरूद्ध प्रार्थी विद्युत अधिनियम की धारा 127 के तहत अपील आॅथोरिटी के यहां निर्धारण की अवधि के 30 दिवस के अन्दर-अन्दर कर सकता था। इस मंच को धारा 126 के तहत निर्धारण की गयी राशि के विरूद्ध परिवाद सुनने का क्षैत्राधिकार नहीं है। प्रार्थी अधिवक्ता ने उक्त तर्कों का विरोध किया और तर्क दिया कि स्लो मीटर के आधार पर निकाली गयी वसूली की राशि के सम्बंध में इस मंच का क्षैत्राधिकार है परन्तु मंच प्रार्थी अधिवक्ता के उक्त तर्कों से सहमत नहीं है क्योंकि माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने न्यायिक दृष्टान्त सिविल अपील संख्या 5466/2012 यू.पी. पावर निगम लिमिटेड बनाम अनीश अहमद में पैरा संख्या 30 में यह अभिनिर्धारित किया कि विद्युत का अनाधिकृत प्रयोग का धारा 126 विद्युत अधिनियम 2003 के अन्तर्गत अन्तिम एसेसमेन्ट करना अर्द्धन्यायिक निर्णय है। इसलिए ऐसा निर्णय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2 (1) ई0 के अन्तर्गत नहीं आता। अर्थात् ऐसा विवाद उपभोक्ता विवाद नहीं हैं। वर्तमान प्रकरण में भी प्रार्थी का मीटर जांच रिपोर्ट में स्लो चलना पाया गया हैं जो कि विद्युत का अनाधिकृत उपयोग है जिसका अप्रार्थीगण निगम द्वारा अन्तर्गत धारा 126 के तहत अन्तिम निर्धारण किया जाकर प्रार्थी को नोटिस भिजवाया गया जिसके विरूद्ध विधि अनुसार प्रार्थी को धारा 127 विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत अपील आॅथोरिटी के समक्ष करनी चाहिए थी। उपरोक्त न्यायिक दृष्टान्त के तथ्य वर्तमान प्रकरण पर पूर्णत चस्पा होते है इसलिए मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद इस मंच के क्षैत्राधिकार का नहीं होने के आधार पर खारिज किये जाने योग्य है।

             अतः प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्ध अस्वीकार कर खारिज किया जाता है। पक्षकार प्रकरण का व्यय अपना-अपना वहन करेंगे। पत्रावली फैसला शुमार होकर दाखिल दफ्तर हो।

 

 
 
[HON'BLE MR. Shiv Shankar]
PRESIDENT
 
[ Subash Chandra]
MEMBER
 
[ Nasim Bano]
MEMBER

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