Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/845

Ansal Housing - Complainant(s)

Versus

Aditi Gupta - Opp.Party(s)

Rajesh Chaddha & V.S. Bisaria

26 Apr 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/845
( Date of Filing : 24 Apr 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ansal Housing
-
...........Appellant(s)
Versus
1. Aditi Gupta
-
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Apr 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-845/2014

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग (कोर्ट नं0-1), गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0-360/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 25-03-2014 के विरूद्ध)

 

अंसल हाउसिंग एण्‍ड कन्‍स्‍ट्रक्‍शन लि0, 15 यू जी एफ, इन्‍द्रप्रकाश, 21, बाराखम्‍बा रोड, नई दिल्‍ली-110 001.

...........अपीलार्थी/विपक्षी ।   

बनाम

1. अदिति गुप्‍ता, एच-74, पटेल नगर-3, गाजियाबाद।

     ............ प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी।

समक्ष:-

1. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री वी0एस0 बिसारिया विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित  : श्री प्रदीप कुमार सिंह विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक :- 09-05-2023.

 

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

यह अपील, जिला उपभोक्‍ता आयोग (कोर्ट नं0-1), गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0-360/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 25-03-2014 के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि विद्वान जिला आयोग के समक्ष परिवादिनी द्वारा एक परिवाद इस आशय का प्रस्‍तुत किया गया था कि उसके आवेदन पर एक भूखण्‍ड दिनांक 05-03-2000 को मूल्‍य 4,72,500/- रू0 का दिया गया, जिसका उसने 95 प्रतिशत अर्थात् 4,48,875/- रू0 अदा किया और साथ ही साथ ई डी सी शुल्‍क अदा किया। उसे भूखण्‍ड नहीं दिया गया। इस स्‍कीम का नाम अवन्तिका स्‍कीम था।

अपीलार्थी ने जिला आयोग के समक्ष लिखित कथन प्रस्‍तुत किया। इस स्‍कीम में कई लोगों ने कब्‍जा ले भी लिया है और विकास कार्य पूरा हो चुका है। प्रत्‍यर्थी का प्‍लाट 45 मीटर मेन रोड पर स्थित है जिसका ले आउट प्‍लान गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में लम्बित है। अत: यह स्थिति अपीलार्थी के नियन्‍त्रण से बाहर है। परिवादिनी को इस तथ्‍य से अवगत करा दिया गया था। सेवा में कोई कमी नहीं की गई। उसे वै‍कल्पिक प्रस्‍ताव भी दिया गया। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय विधि विरूद्ध और तथ्‍यों से परे है।

विद्वान जिला आयोग ने यह नहीं देखा कि ले आउट प्‍लान प्राधिकरण ने अभी तक स्‍वीकृत नहीं किया है। विद्वान जिला आयोग का निर्णय मात्र परिकल्‍पनाओं पर आधारित है। अत: माननीय राज्‍य आयोग से निवेदन है कि विद्वान जिला आयोग का प्रश्‍नगत निर्णय अपास्‍त करते हुए अपील स्‍वीकार की जाए। 

हमारे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता द्वय की बहस विस्‍तार से सुनी गई तथा पत्रावली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया गया।

हमने प्रश्‍नगत निर्णय का अवलोकन किया। विद्वान जिला आयोग ने निम्‍न आदेश पारित किया :-

‘’ परिवाद संख्‍या-360/12 अदिति गुप्‍ता बनाम अंसल हाउसिंग स्‍वीकार किया जाता है विपक्षी अन्‍सल हाउसिंग एण्‍ड कन्‍स्‍ट्रक्‍शन लि0 को आदेशित किया जाता है कि वह एक माह के अन्‍दर प्‍लाट नम्‍बर सी/ई 296 स्थित अवन्तिका अन्‍सल योजना गाजियाबाद का भौतिक अध्‍यासन शेष धनराशि प्राप्‍त करने के उपरान्‍त उपलब्‍ध कराए। विक्रय पत्र भी इसी अवधि के अन्‍दर निष्‍पादित किया जाए अथवा इसी दर पर इतने ही क्षेत्रफल का भूखण्‍ड किसी अन्‍य समकक्ष योजना के अन्‍तर्गत इसी अवधि के अन्‍दर उपलब्‍ध कराए। क्षतिपूर्ति के रूप में देय धनराशि अंकन 6000/- रूपये (छ: हजार रूपये) का भुगतान भी अन्‍दर एक माह किया जाए इस अवधि के बाद इस धनराशिपर 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज भी देय होगा। ‘’

अपीलार्थी की ओर से कहा गया कि जहॉं तक वैकल्पिक प्‍लाट देने का आदेश हुआ है उसे रद्द किया जाए। प्रत्‍यर्थी ने भी इस पर आपत्ति नहीं की। क्षतिपूर्ति की धनराशि पर ब्‍याज देय नहीं होगा। अपीलार्थी की ओर से यह भी कहा गया कि इसी तरह के सम्‍बन्धित एक अन्‍य अपील सं0-846/2014  में निर्णय पहले भी दिनांक 20-10-2022 को हो चुका है, अत: उसी निर्णय के आधार पर वर्तमान अपील को निर्णीत किया जाए।

उपरोक्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए हमारे विचार प्रस्‍तुत अपील तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग (कोर्ट नं0-1), गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0-360/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 25-03-2014 में दिए गए आदेश, ‘’ अथवा इसी दर पर इतने ही क्षेत्रफल का भूखण्‍ड किसी अन्‍य समकक्ष योजना के अन्‍तर्गत इसी अवधि के अन्‍दर उपलब्‍ध कराए ‘’ को अपास्‍त किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त क्षतिपूर्ति के रूप में देय धनराशि पर ब्‍याज अदा करने का आदेश भी अपास्‍त किया जाता है। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है।

अपील व्‍यय उभय पक्ष पर।

राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग के निबन्‍धक से अपेक्षा की जाती है कि अपीलार्थी द्वारा उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उस धनराशि को अर्जित ब्‍याज सहित विधि अनुसार एक माह में सम्‍बन्धित जिला आयोग को प्रेषित किया जाए ताकि विद्वान जिला आयोग द्वारा उक्‍त धनराशि का विधि अनुसार प्रश्‍नगत निर्णय के अनुपालन के सन्‍दर्भ में निस्‍तारण किया जा सके।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

          (सुशील कुमार)                     (राजेन्‍द्र सिंह)

             सदस्‍य                             सदस्‍य                    

 

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

 

          (सुशील कुमार)                     (राजेन्‍द्र सिंह)

             सदस्‍य                              सदस्‍य                    

 

दिनांक : 09-05-2023.

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.     

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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