Uttar Pradesh

StateCommission

A/1064/2022

Dilasaram - Complainant(s)

Versus

Adhishashi Abhiyanta Vidyut Vitran Khand - Opp.Party(s)

Subhash Chandra Yadav and S.K. Shukla

18 Mar 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1064/2022
( Date of Filing : 11 Oct 2022 )
(Arisen out of Order Dated 22/08/2022 in Case No. C/2019/164 of District Etawah)
 
1. Dilasaram
S/o Sri Manohar Lal R/o Umersenda Post Umersenda Dist. Wtawah
...........Appellant(s)
Versus
1. Adhishashi Abhiyanta Vidyut Vitran Khand
II Etawah
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Mar 2024
Final Order / Judgement

मौखिक

उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1064/2022 

दिलासाराम पुत्र श्री मनोहर लाल निवासी ऊमरसेंड़ा पो0-ऊमरसेंड़ा थाना भरथना जिला-इटावा।

बनाम

अधिशाषी अभियन्‍ता विद्युत वितरण खण्‍ड द्धितीय दक्षिणांचल विद्युत वितरण नि0 लि0 इटावा।

समक्ष:-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष            

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता        : श्री एस0 के0 शुक्‍ला

प्रत्‍यर्थीगण के अधिवक्‍ता       : कोई नहीं

दिनांक :- 18.03.2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील, दिलासाराम की ओर से विद्वान जिला आयोग, इटावा द्वारा परिवाद संख्‍या- 164/2019 , दिलासाराम बनाम अधिशाषी अभियन्‍ता विद्युत में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 24.05.2022 के विरूद्ध योजित की गयी है।

         परिवादी का कथन है कि वह ग्राम ऊमरखेड़ा का निवासी है तथा घरेलू विद्युत कनेक्‍शन संख्‍या- 2161/013227 लिया है। उसके घर में कभी कोई दुकान नहीं रही है और ना ही है। विद्युत कर्मियों ने परिवादी के मकान में दुकान दर्शाकर उस पर कामर्शियल चार्ज लगाकर दिनांक 26.09.2018 में अंकन 29,150.00 रूपये की नोटिस भेजा। परिवादी की पुत्रबधू श्रीमती रेनू पत्‍नी प्रदीप कुमार के नाम ग्राम अमरखेड़ा में सड़क के किराने किताबों की दुकान है जिसमे उज्‍जवला योजना के अंतर्गत घरेलू कनेक्‍शन 2018 अप्रैल में लिया था। उसे कामर्शियल विद्युत कनेक्‍शन माना जा सकता है। उस कनेक्‍शन का कोई बिल अभी नहीं आ रहा है। परिवादी के कनेक्‍शन संख्‍या-013227 पर कोई विद्युत बिल बकाया नहीं है। परिवादी से विपक्षी द्धारा अवैध वसूली का दबाव बनाया गया। विपक्षी के कर्मचारियों द्धारा फर्जी जांच रिपोर्ट लगायी गई है, जिससे क्षुब्‍ध होकर यह परिवाद संस्थित किया है।

       विपक्षी की ओर से जिला आयोग में जवाबदावा योजित नहीं किया गया अत: उनके विरूद्ध परिवाद एकपक्षीय रूप से अग्रसर हुआ।

       जिला आयोग ने परिवादी के अभिकथन एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों का अवलोकन करने के उपरान्‍त निर्णय दिनांक 24.05.2022 द्धारा परिवादी का परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

       पत्रावली में उपलब्‍ध साक्ष्‍य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन किया गया। अपीलार्थी द्धारा अपील में कथन किया गया है कि जिला मंच द्धारा पारित निर्णय/आदेश में तथ्‍यों को सही रूप से विश्‍लेषित नहीं किया गया है। यह भी तर्क किया गया है कि अपीलार्थी/ परिवादी के विरूद्ध विभागीय कर्मचारियों ने फर्जी जांच रिपोर्ट लगायी है।

       अपीलार्थी द्वारा विद्युत उपभोक्‍ता चेकिंग रिपोर्ट का पत्र दिनांक 26.09.2018 पत्रावली पर दाखिल किया गया है जिससे स्‍पष्‍ट होता है कि परिवादी के परिसर की चेकिंग की गयी थी अत: यह प्रकरण विद्युत चोरी का है।

     विद्युत चोरी के मामले में मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा सिविल अपील संख्‍या 5466/12, यू0पी0 पावर कारपारेशन लि0 आदि बनाम अनीस अहमद का प्रतिपादित विधि दृष्‍टांत लागू होता है।

     मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा सिविल अपील संख्‍या 5466/12 व 5475/12 निर्णीत दि. 01.07.2013 निम्‍न सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है:-

     '' A '' complaint '' against the assessment made by assessing officer under Section

126 or against the offences committed under Sections 135 to 140 of the Electricity Act, 2003 is not maintainable before a Consumer Forum.''

     माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा उपरोक्‍त अपील में प्रतिपादित सिद्धांत के प्रकाश में अपील संधारणीय नहीं था। अत: जिला आयोग द्धारा पारित निर्णय एवं आदेश किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। तद्नुसार अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

आदेश

        प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है। जिला  मंच द्धारा पारित निर्णय/आदेश पुष्टि की जाती है।

        उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

  प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि राज्‍य आयोग के समक्ष जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित नियमानुसार वापस की जावेगी।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

 

 

 

 

 

रंजीत, पी0 ए0,

कोर्ट-01

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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