Uttar Pradesh

Unnao

CC/74/2016

Shiv Kumar Singh - Complainant(s)

Versus

Adhisasi Abhiyanta Vidyut vitran Khand 2nd - Opp.Party(s)

Shri Pholl Chandra Kushwaha ad.

04 Jan 2019

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/74/2016
( Date of Filing : 28 Mar 2016 )
 
1. Shiv Kumar Singh
Vill Sankarpur Mohan.Tahsil Hasangunj . Unnao
Unnao
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Adhisasi Abhiyanta Vidyut vitran Khand 2nd
Gokul Baba magarwara .Unnao
Unnao
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. DAMODAR SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 04 Jan 2019
Final Order / Judgement
                                                                                                           

                                                                           निर्णय

        प्रस्तुत उपभोक्ता परिवाद को परिवादी शिव कुमार सिंह ने विपक्षी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय गोकुल बाबा मगरवारा जिला उन्नाव व दो अन्य के विरूद्ध प्रस्तुत किया है। परिवादी का यह कथन है कि वह ग्राम शंकरपुर परगना मोहान तहसील हसनगंज जिला उन्नाव का निवासी है तथा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 विद्युत वितरण खण्ड वितरण का उपभोक्ता है। परिवादी ने विपक्षी से विद्युत कनेक्शन संख्या-031721 लिया था। उस कनेक्शन के आधार पर लगातार विद्युत बिलों का भुगतान करता रहा है। दिनांक 13-08-1993 को ट्रांसफार्मर जल गया तब से विद्युत लाइन बाधित हो गयी और विद्युत आना भी बन्द हो गया। जब ट्रांसफार्मर ठीक हुआ तब परिवादी के पास बिजली बिल नही आया। उसके पश्चात विपक्षी से परिवादी मिला और बिल न आने के विषय में बताया। दिनांक 26-10-2015 को अधिशाषी अभियन्ता द्वारा एक नोटिस प्राप्त हुई कि उनके ऊपर 70,620/-रूपये बकाया है तब परिवादी उन्नाव आया अधिशाषी अभियन्ता से मिला और उनसे सभी बातें बतायी परन्तु विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नही की गयी। विपक्षी ने जो 70,620/-रूपये का बिल भेजा वह पूर्णतया गलत है। इसलिए उस बिल को निरस्त किया जाय तथा परिवादी से हर्जा व खर्चा दिलाया जाय।

2-     विपक्षीगण को नोटिस भेजी गयी। तामीला पर्याप्त पाये जाने पर उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।

3-     परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में अभिलेखीय साक्ष्य बिल एवं शपथ पत्र प्रस्तुत किया।

4-     स्वीकृत तथ्य के रूप में परिवादी द्वारा विपक्षी से विद्युत कनेक्शन लिया गया और उसने बिलों का भुगतान कुछ समय तक का किया जिसकी रसीदें लगी है। परिवादी का यह कथन है कि वर्ष 1993 में ट्रांसफार्मर ठीक किया और उसके पश्चात ट्रांसफार्मर ठीक नही हुआ। इस कारण से उसने कोई विद्युत बिल अदा नही किया। कोई बिल भी विपक्षी संख्या-1 द्वारा नही भेजा गया। एकाएक दिनांक 26-10-2015 को मु0 70,620/-रूपये का बिल विद्युत बकाया के रूप में भेज दी गयी जो अभिलेख संख्या- 17 है। परिवादी ने 1993 में विद्युत कनेक्शन काटे जाने के पश्चात वर्ष 2013 में विद्युत चालू होने की बात कही है। विपक्षीगण द्वारा इसका कोई जवाब नही दिया गया । अभिलेख संख्या- 23 में परिवादी ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि विद्युत कनेक्शन संख्या-31721 में दिनांक 13-08-1993 तक परिवादी ने अपना विद्युत बिल अदा किया। दिनांक 13-08-1993 के बाद ट्रांसफार्मर जल गया। इस कारण से विद्युत आपूर्ति नही हुई। वर्ष 2013 में ट्रान्सफार्मर ठीक हुआ तब एकाएक दिनांक 26-10-2015 को 70,620/-रूपये का बिल परिवादी को विपक्षी से प्राप्त हुआ।

5-     इस प्रकार परिवादी के कथनों के अनुसार विद्युत बिल को संशोधित कराया जाना उचित होगा। अतः विपक्षी संख्या-1 द्वारा भेजा गया नोटिस अभिलेख संख्या- 17 जो दिनांक 26-10-2015 को अधिशाषी अभियन्ता द्वारा भेजा गया है, को निरस्त किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि नियमानुसार बिल परिवादी को एक माह के अन्दर उपलब्ध करायें जिससे कि परिवादी विद्युत बिलों का भुगतान कर सकें।  

 

 
 
[HON'BLE MR. DAMODAR SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

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