Uttar Pradesh

Unnao

CC/135/2017

Smt. Shyama - Complainant(s)

Versus

Adhisasi Abhiyanta Vidyut Vitran khand 3rd Etc. - Opp.Party(s)

Shri Harish Chandra Patel Ad.

05 Jan 2019

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/135/2017
( Date of Filing : 28 Aug 2017 )
 
1. Smt. Shyama
Vill Bihar Tahsil Bighapur Unnao
Unnao
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Adhisasi Abhiyanta Vidyut Vitran khand 3rd Etc.
Purwa Unnao
Unnao
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. DAMODAR SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 05 Jan 2019
Final Order / Judgement

परिवाद दाखिल करने की तिथि-28-08-2017
             बहस सुनने की तिथि 03-01-2019
              निर्णय घोषित करने की तिथि-05-012019
              जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम उन्नाव।
                 उपभोक्ता परिवाद संख्या- 135 सन 2017
                         पीठासीन अधिकारी
1- दामोदर सिंह             अध्यक्ष
2- पुरूषोत्तम सिंह            सदस्य

श्यामा पत्नी रजनू निवासी ग्राम व पोस्ट बिहार परगना बिहार तहसील बीघापुर जिला उन्नाव।        -परिवादिनी

                             बनाम
1- अधिशाषी अभियन्ता द्वारा नियत प्राधिकारी विद्युत वितरण खण्ड प्रथम पी0डी0 नगर पावर हाउस उन्नाव।
2- मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा प्रबन्ध निदेशक 4 ए गोखले मार्ग लखनऊ।
3-उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड 14 अशोक मार्ग, शक्ति भवन लखनऊ द्वारा प्रबन्ध निदेशक। -विपक्षीगण

                           निर्णय

     यह उपभोक्ता परिवाद परिवादिनी श्रीमती श्यामा ने इस आधार पर प्रस्तुत किया कि उसका विद्युत कनेक्शन स्थायी रूप से विच्छेदित हो गया है। इसके बावजूद जो बिल विपक्षी द्वारा भेजे गये हैं उसे निरस्त किया जाय।
2-   संक्षेप में परिवादिनी का कथन है कि उसने एक विद्युत कनेक्शन संख्या-401/321/065745 घरेलू पंखा बत्ती हेतु लिया था। विपक्षी विद्युत विभाग द्वारा दिनांक 25-10-2002 को परिवादिनी के घर में लगे हुए कनेक्शन को काट दिया केबिल उतार लिया। उसके बाद परिवादी के घर में विद्युत कनेक्शन फिर नही लगा। इस कारण से उसका उपयोग व उपभोग नही किया। दिनांक 25-10-2002 के बाद भी विद्युत बकाया बिल विपक्षी द्वारा भेजा गया तब परिवादिनी ने विद्युत विभाग के अधिकारियों से इस सम्बन्ध में सूचित किया कि उसका विद्युत कनेक्शन स्थायी रूप से काट दिया गया है। विपक्षी द्वारा कुल 2597/-रूपये लेकर परिवादिनी का विद्युत कनेक्शन स्थायी रूप से विच्छेदित किया गया है परन्तु कोई रसीद नही दी गयी। स्थायी विच्छेदन की रिपोर्ट कार्बन प्रति दी गयी है। परिवादिनी पर्दानसीन महिला है। विपक्षी द्वारा पी0डी0 की रिपोर्ट बनाकर दी जा चुकी है। परिवादिनी के ऊपर कोई बकाया नही है। उक्त पी0डी0 रिपोर्ट के बाद कई वर्षो तक कोई बिल नही भेजा गया। नियमानुसार परिवादिनी का विद्युत कनेक्शन समाप्त हो गया। अब कोई बिल परिवादिनी के पास नही आता है तो वह अवैध होगा। दिनांक 25-10-2002 के बाद कोई विद्युत उपयोग या उपभोग परिवादिनी द्वारा नही किया गया है। इसके बाद भी दिनांक 18-7-2017 को 69004/-रूपये का विद्युत बिल विपक्षी द्वारा भेजा गया है। जो बिल विपक्षी द्वारा भेजा गया है वह स्थायी विच्छेदन के 14-15 साल बाद भेजा गया है। विपक्षी द्वारा कोई नोटिस नहीं दी गयी। अतः विपक्षी द्वारा भेजा गया विद्युत बिल जो विद्युत कनेक्शन संख्या-404/321/065745 के सन्दर्भ में भेजा गया है उसे निरस्त किया जाय।
3-   सुना तथा साक्ष्य का अवलोकन किया।
4-   परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में शपथ पत्र साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया और उसमें उन्हीं तथ्यों को दोहराया है जो परिवाद में अंकित है। अभिलेख संख्या-4 विपक्षी द्वारा भेजा गया विद्युत बिल की प्रति है जिस पर लिखावट बिलकुल अस्पष्ट हेेे सम्भवतः स्याही उड़ गयी है। अभिलेख संख्या- 6 के अवलोकन से स्पष्ट हो रहा है कि परिवादिनी श्यामा पत्नी रजनू के विद्युत कनेक्शन नम्बर-401/321/065745 का विद्युत कनेक्शन दिनांक 25-10-2002 को विद्युत बकाया के कारण पूर्व में अवर अभियन्ता द्वारा कनेक्शन काटकर केबिल उतार लिया गया है तब से आज तक लगातार कनेक्शन कटा ही है। इसी स्थायी विच्छेदन अभिलेख संख्या- 5 के क्रम संख्या- 10 पर अंकित है कि दिनांक 25-10-2002 को विद्युत बिल बकाया के कारण पूर्व अवर अभियन्ता द्वारा कनेक्शन काटकर केबिल उतार लिया गया था तब से आज तक उपभोक्ता द्वारा विद्युत का उपभोग नही किया गया। इस पर सब डिवीजनल आफीसर एवं इन्चार्ज जूनियर इन्जीनियर के हस्ताक्षर हैं। एक अन्य अभिलेख जो इसी अभिलेख संख्या- 5 के साथ ही संलग्न है और 2597 /-रूपये का इन्द्राज विद्युत विच्छेदन के सन्दर्भ में है। अभिलेख संख्या- 6 उपखण्ड अधिकारी विद्युत वितरण खण्ड को गांव के लोगों ने लिखित रूप से सूचित किया कि श्रीमती श्यामा पत्नी रजनू के पास एक घरेलू कनेक्शन पंखा बत्ती का था जिस विद्युत विभाग के कर्मचारी द्वारा माह अक्टूबर, 2002 में विद्युत कनेक्शन काटकर केबिल उतार लिया गया। उसके पश्चात से उक्त श्यामा देवी ने किसी प्रकार का विद्युत कनेक्शन का उपयोग या उपभोग नही कर रही है। इस पर ग्राम पंचायत के अध्यक्ष दो गवाह सुरेन्द्र शर्मा एवं राम विनोद के भी हस्ताक्षर हैं। अभिलेख संख्या-7 श्यामा देवी द्वारा एक प्रार्थना पत्र उप खण्ड अधिकारी विद्युत वितरण उपखण्ड को दिया गया है कि उसका विद्युत कनेक्शन स्थायी रूप से विच्छेदित किया जाय। उस प्रार्थना पत्र पर इंचार्ज जे0ई0 द्वारा आख्या लगायी गयी है कि दिनांक 25-10-2002 को केबिल उतार लिया गया है तब से आज तक किसी प्रकार का विद्युत उपयोग या उपभोग श्रीमती श्यामा द्वारा नहीं की जा रही है।
5-   विपक्षीगण की ओर से समय का प्रार्थना पत्र दिया गया परन्तु कोई लिखित कथन प्रस्तुत नही किया गया और मुकदमा उनके विरूद्ध एकपक्षीय रूप से अग्रसारित किया गया।
6-   इस प्रकार पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि विपक्षी द्वारा परिवादिनी का विद्युत कनेक्शन दिनांक 2510-2002 को काट दिया गया और स्थायी रूप से काटा गया है। उसके पश्चात यदि परिवादिनी द्वारा किसी प्रकार का कोई विद्युत उपयोग या उपभोग चोरी के माध्यम से किया जाता रहा है तब उसके विरूद्ध कोई आवश्यक कार्यवाही नही की गयी जो भी विद्युत कनेक्शन चालू होगा वह सुसंगत नियमों के अधीन ही होगा। परिवादिनी का स्पष्ट रूप से कथन है कि उसने स्थायी विच्छेदन का पैसा भी जमा कर दिया था, विद्युत कनेक्शन काट भी दिया गया जो स्थायी विच्छेदन था । इसके बाद भी विपक्षी ने गलत तरीके से विद्युत बकाया बिल भेज दिया गया। ऐसी अवस्था में परिवादिनी का परिवाद एकपक्षीय रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
                              आदेश
     अतः परिवाद संख्या135 सन 2017 श्यामा बनाम अधिशाषी अभियन्ता द्वारा नियम प्राधिकारी विद्युत वितरण खण्ड प्रथम पी0डी0 नगर, उन्नाव आदि एकपक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या-1 द्वारा भेजा गया बिल मु0 69004/-रूपये जो कि अभिलेख संख्या- 4 में वर्णित है, को निरस्त किया जाता है। परिवादिनी शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक कष्ट के लिए 1500रूपये की धनराशि एवं परिवाद खर्च के लिए 1000/-रूपया की धनराशि विपक्षी से प्राप्त करेगा।

 (पुरूषोत्तम सिंह)                        (दामोदर सिंह)
     सदस्य                             अध्यक्ष
                       जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम                                                              

                                    उन्नाव।
 

 
 
[HON'BLE MR. DAMODAR SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

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