जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-156/2016
सुषीला मिश्रा पत्नी डा0 एस.एन. मिश्रा निवासिनी मकान नं0-2/32-33, त्रिवेणी नगर, मीरपुर कैन्ट, कानपुर नगर।
................परिवादिनी
बनाम
छावनी परिशद, द्वारा मुख्य अधिषाशी अधिकारी छावनी परिशद कानपुर नगर
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 11.03.2016
निर्णय की तिथिः 03.04.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय निर्णयःःः
1. परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी द्वारा कथित जलापूर्ति व्यय रू0 34,187.00 की वसूली हेतु निर्गत बिल सं0-269 निरस्त किया जाये, विपक्षी से परिवादिनी को मानसिक उत्पीड़न हेतु रू0 50000.00 क्षतिपूर्ति के रूप में तथा नोटिस फीस, अधिवक्ता फीस व वाद व्यय हेतु रू0 11000.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादिनी भवन सं0-2/33 त्रिवेणी नगर मीरपुर कैन्ट कानपुर नगर की भवन स्वामिनी है तथा विपक्षी की उपभोक्ता है। परिवादिनी को विपक्षी द्वारा वर्श 1997 में जरिये पत्रांक सं0-1016 दिनांकित 07.09.97 वाटर कनेक्षन मीटर सं0-6694 दिया गया था। उपरोक्त वाटर कनेक्षन आवंटित होने के पष्चात विपक्षी द्वारा परिवादिनी से वाटर मीटर क्रय करवाया गया तथा मीटर में मीटर नम्बर अंकित किये जाने के लिए मीटर ले लिया गया। परिवादिनी के भवन में बिना मीटर के ही विपक्षी द्वारा वाटर लाइन मुख्य वाटर लाइन से जोड़ दी गयी। जब परिवादिनी द्वारा मीटर लगाने को कहा गया, तो विपक्षी ने कुछ समय पष्चात मीटर लगा
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देने का आष्वासन दिया, परन्तु आज तक मीटर नहीं लगाया गया। परिवादिनी के भवन में विपक्षी द्वारा कभी भी जलापूर्ति नहीं की गयी। परिवादिनी को विपक्षी द्वारा बिना जलापूर्ति जल मूल्य बिल दिनांकित 24.09.08 बावत रू0 8695.00 का प्रेशित किया गया, जिस पर परिवादिनी द्वारा दिनांक 15.12.08 को लिखित आपत्ति की गयी, परन्तु विपक्षी द्वारा उक्त आपत्ति का निस्तारण नहीं किया गया। परिवादिनी को पुनः विपक्षी द्वारा जल मूल्य बिल सं0-269 दिनांकित 01.08.14 बावत रू0 29,316.00 का प्रेशित किया गया, जिसके विरूद्ध परिवादिनी द्वारा दिनांक 10.09.04 को आपत्ति पत्र विपक्षी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, परन्तु विपक्षी द्वारा आज तक आपत्ति का निस्तारण नहीं किया गया। तीसरी बार जल मूल्य बिल सं0-269 दिनांक 15.07.15 मय बकाया धनराषि के कुल रू0 34187.00 प्रेशित किया गया। जिसके पष्चात परिवादिनी द्वारा विपक्षी को निर्धारित षुल्क के साथ सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जरिये स्पीड पोस्ट दिनांक 28.12.15 को प्रार्थनापत्र दिनांकित 27.12.15 प्रेशित किया गया। किन्तु विपक्षी द्वारा समयावधि बीत जाने के बाद भी सूचनायें नहीं दी गयी। जिसके पष्चात परिवादिनी द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य अधिषाशी अधिकारी छावनी परिशद के समक्ष दिनांक 25.02.16 को अपील दिनांकित 24.02.16 प्रस्तुत की गयी, परन्तु परिवादिनी की अपील का निस्तारण नहीं किया गया। परिवादिनी के विरूद्ध विपक्षी द्वारा जल मूल्य बिल सं0-269 बावत रू0 34,187.00 की वसूली की सूचना के लिए अमर उजाला समाचार पत्र में दिनांक 07.03.16 को पृश्ठ सं0-6 में प्रकाषन कराया गया कि उक्त वसूली सूचना के प्रकाषन से पूर्व विपक्षी द्वारा परिवादिनी को छावनी अधिनियमानुसार कोई मांगपत्र/डिमाण्ड नोटिस नहीं दी गयी और विधि की अवमानना की गयी। विपक्षी के उक्त कृत्य से परिवादिनी की सामाजिक प्रतिश्ठा की क्षति कारित हुई। जबकि उक्त बिल अवैधानिक एवं षून्य होने के कारण निरस्त होने योग्य है। अतः विवष होकर परिवादिनी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी
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फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 16.04.16 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 10.03.16 एवं 26.10.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-4/2 लगायत् 4/13 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादिनी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से विपक्षी द्वारा निर्गत जल मूल्य बिल सं0-269 बावत रू0 34,187.00 निरस्ते करने हेतु तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिये स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादिनी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के
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लिए परिवादिनी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादिनी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है कि तथा विपक्षी द्वारा निर्गत जल मूल्य बिल सं0-269 बावत रू0 34,187.00 निरस्त किया जाता है। विपक्षी, प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादी को रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।