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BalaJi Aata Chakki Through Proprietor Rohit Agnihotri filed a consumer case on 27 May 2024 against Adhikshan Abhiyanta, Southern Electricity Distribution Corporation Ltd. Pukhrayan Kanpur Dehat in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/72/2023 and the judgment uploaded on 29 May 2024.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
सुश्री कुमकुम सिंह ........................... महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 72/2023
परिवाद दाखिला तिथि :- 10.07.2023
निर्णय दिनांक:- 27.05.2024
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
बालाजी आटा चक्की द्वारा प्रोप्राइटर रोहित अग्निहोत्री उम्र 38 वर्ष पुत्र स्व0 छोटेलाल अग्निहोत्री निवासी वार्ड नं0-14, नेहरू नगर अकबरपुर, पोस्ट अकबरपुर, परगना व तहसील अकबरपुर, जनपद कानपुर देहात ।
.........................परिवादी
बनाम
....................प्रतिवादीगण
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद, परिवादी बालाजी आटा चक्की द्वारा प्रोप्राइटर रोहित अग्निहोत्री की ओर से सशपथ पत्र, परिवादी के नाम लगे विधुत कनेक्शन सं0-605607 बुक सं0- 910/ 2401 को पुनः बहाल कर सुचारु रूप से चालू किये जाने, आर्थिक शारीरिक मानसिक व व्यवसायिक क्षतिपूर्ति हेतु 3,00,000/- रुपये विपक्षीगण से दिलाये जाने, यदि कोई वसूली अधिपत्र विपक्षीगण द्वारा बकाये के बावत परिवादी के नाम जारी किया गया हो तो उसे अवैध, शून्य, निष्प्रभावी, अमान्य घोषित किये जाने तथा विपक्षीगण से वाद व्यय दिलवाये जाने के आशय से दिनांक 10.07.2023 को योजित किया गया ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि, परिवादी ने बालाजी आटा चक्की अकबरपुर, कानपुर देहात के नाम से एक किता पावर विधुत कनेक्शन सं0-605607 बुक सं0- 910/ 2401 लारी बस स्टॉप औरैया रोड अम्बरपुर, अकबरपुर कानपुर देहात में अपनी जीविका व स्वरोजगार हेतु विधिवत स्थापित कराया था । परिवादी द्वारा नियमित विधुत उपभोग उपभोग किये जाने के बिल का भुगतान किया जाता रहा है । विपक्षीगण द्वारा परिवादी के पक्ष में स्थापित विधुत कनेक्शन उपरोक्त माह अप्रैल 2022 में विच्छेदित कर दिया गया जबकि इसके पूर्व दो वर्ष से अधिक समय के लिये माह अगस्त 2017 से माह नवंबर 2019 तक आटा चक्की का विधुत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया गया था । परिवादी ने आटा चक्की का उपरोक्त विधुत कनेक्शन का संयोजन दिनांक 21.03.2013 को मु0 21,541/- रु0 जमा कर आटा चक्की का संचालन प्रारम्भ किया था । परिवादी ने उपरोक्त विधुत कनेक्शन के संदर्भ में विपक्षीगण को दिनांक 22.03.2014 को 13,737/- रुपया, दिनांक 26.10.2014 को 12,870/- रुपया, दिनांक 22.12.2014 को 10,500/- रुपया, दिनांक 17.01.2015 को 5,000/- रुपया व दिनांक 26.04.2015 को 10,000/- रुपया कुल 52,107/- रुपया विपक्षीगण के विभाग को भुगतान किया है । परिवादी ने विपक्षीगण के विभाग में आइ.डी.एफ. के तहत दिनांक 28.10.2015 को 17,000/- रुपये, दिनांक 18.02.2016 को 25,000/- रुपये, दिनांक 22.07.2016 को 25,000/- रुपये जमा किये । विपक्षीगण विभाग द्वारा दिनांक 30.08.2017 को परिवादी के कनेक्शन के मद में मु0 1,68,107/- रुपया विधुत बिल बताकर विधुत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया गया । परिवादी से दिनांक 19.11.2019 को मु0 50,000/- रुपया जमा कराकर विपक्षीगण द्वारा लगभग 27 महीने तक विधि विरुद्ध ढंग से विधुत कनेक्शन विच्छेदित कर 27 महीने तक व्यवसाय बन्द करवाया गया जिसके उत्तरदायी विपक्षीगण स्वयं हैं । परिवादी ने दिनांक 31.08.2020 को कोविड महामारी के उपरान्त मु0 70,000/- रुपये, दिनांक 30.01.2021 को मु0 64,801/- रुपये एवं दिनांक 08.10.2021 को मु0 49,000/- रुपये विपक्षीगण के विभाग में जमा किये गये इसके बावजूद परिवादी का विधुत कनेक्शन दिनांक 10.04.2022 को पुनः विच्छेदित कर दिया गया जो लगभग 11 माह पूर्ण होने के बाद भी परिवादी का व्यवसाय पुनः समाप्त हो गया जो कि विपक्षीगण की सेवा शर्तों के विपरीत है । परिवादी द्वारा दो वर्ष का कोरोना महामारी का कार्यकाल जोड़ते हुये अब 110 माह में कुल 4,70,805/- रुपये का भुगतान विपक्षीगण के विभाग को किया जा चुका है । विपक्षीगण के विभाग द्वारा परिवादी को यह मौखिक जानकारी देकर धमकी दी गयी कि परिवादी के विरुद्ध वसूली अधिपत्र बावत विधुत उपभोग बिल जारी किया गया है जबकि परिवादी के विरुद्ध उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत किसी भी प्रकार का कोई बकाया भुगतान योग्य धनराशि शेष नहीं बचती है । विपक्षीगण द्वारा परिवादी का मानसिक शारीरिक एवं आर्थिक उत्पीड़न कर परोक्ष रूप से आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने का कार्य वसूली अधिपत्र भेजकर विधि विरुद्ध ढंग से किया जा रहा है । परिवादी ने उपरोक्त के संदर्भ में समय-समय पर स्वयं शिकायती प्रार्थना पत्र भी विपक्षीगण को दिनांक 26.12.2022, 18.03.2023 व 31.01.2023 को प्रेषित किये किन्तु विपक्षीगण द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया । परिवादी ने एक विधिक नोटिस जरिये अधिवक्ता दिनांक 23.03.2023 को विपक्षीगण को संबोधित पृथक-पृथक रूप से प्रेषित किये किन्तु किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गयी और न ही विधिक नोटिस दिनांकित 15.03.2023 के अनुपालन में कोई कार्यवाही विपक्षीगण द्वारा की गयी । परिवादी को विपक्षीगण के उक्त अवैधानिक कृत्य से भारी क्षति हो रही है ऐसी स्थिति में परिवादी के पास प्रस्तुत परिवाद दाखिल करने के अलावा अन्य कोई विकल्प शेष नहीं रह गया है, परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त प्रतिवादीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस प्रेषित किये गये । प्रतिवादीगण पर नोटिस का पर्याप्त तमीला होने के बावजूद भी विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल की गयी । Track Consignment Report के आधार पर प्रतिवादीगण पर नोटिस का पर्याप्त तमीला मानते हुए दिनांक 13.12.2023 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की चार किता सूचियों दिनांकित 05.06.2023 से रसीद संख्या-31 दिनांकित 21.03.2013 मु0 21,541/- रु0 की मूलप्रति, अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खंड रनियाँ द्वारा परिवादी के नाम प्रेषित पत्र संख्या-8141 दिनांकित 21.03.2013 की मूलप्रति, विभिन्न तिथियों पर जारी विधुत बिलों की मूल प्रतियाँ तथा जमा रसीदों की मूल प्रतियाँ (विधुत बिलों तथा भुगतान प्राप्ति की मूल रसीदों सहित कुल 19 प्रपत्र), अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र संख्या-581 दिनांकित 30.08.2017 की मूल प्रति, भुगतान पावती मु0 50,000/- रुपये दिनांकित 16.11.2019 की मूल प्रति, भुगतान पावती मु0 70,000/- रुपये दिनांकित 31.08.2020 की छायाप्रति, भुगतान पावती मु0 64,801/- रुपये दिनांकित 30.01.2021 की मूल प्रति, भुगतान पावती मु0 49,000/- रुपये दिनांकित 08.10.2021 की मूल प्रति, परिवादी द्वारा अधिशाषी अभियन्ता, विधुत वितरण खंड पुखरायां कानपुर देहात को प्रेषित रजिस्टर्ड पत्रों दिनांकित 26.12.2022 व 31.01.2023 की छायाप्रतियाँ, अधिवक्ता श्री हरी शंकर चतुर्वेदी एडवोकेट द्वारा विपक्षीगण को प्रेषित रजिस्टर्ड नोटिस दिनांकित 23.03.2023 की छायाप्रति, जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र की छायाप्रति (3 पेज) व रोहित कुमार अग्निहोत्री का आधार कार्ड की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी रोहित अग्निहोत्री द्वारा एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 17.01.2024 पी.डब्ल्यू.-1 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया । इसके अतिरिक्त श्री श्रवण कुमार पुत्र श्री अम्बिका प्रसाद निवासी ग्राम गौरियापुर तहसील अकबरपुर जनपद कानपुर देहात द्वारा एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 17.01.2024 पी.डब्ल्यू.-2 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया ।
परिवादी की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस दिनांकित 24.04.2024 पत्रावली पर दाखिल की गयी ।
प्रस्तुत मामले में विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय सुनवाई की गयी । इस सम्बन्ध में विस्तृत आदेश दिनांक 01.05.2024 को पारित किया जा चुका है ।
परिवादी की ओर से एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र परिवादी पी.डब्ल्यू.-1 रोहित अग्निहोत्री पुत्र स्व0 छोटेलाल अग्निहोत्री व पी.डब्ल्यू.-2 श्री श्रवण कुमार पुत्र श्री अम्बिका प्रसाद का साक्ष्य शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है । मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा परिवादी की ओर से दाखिल एकपक्षीय लिखित बहस का परिशीलन किया ।
परिवादी ने वाद पत्र के समर्थन में सूची पत्र दिनांकित 05.06.2023 के साथ जमा जमा विधुत बिल की रसीदें मूल रूप से दाखिल की हैं । परिवादी ने परिवाद पत्र की धारा-3 में अभिकथन किया है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी के पक्ष में स्थापित विधुत कनेक्शन माह अप्रैल 2022 में विच्छेदित कर दिया गया जबकि इसके पूर्व दो वर्ष से अधिक समय के लिये माह अगस्त 2017 से माह नवंबर 2019 तक विधुत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया गया था । परिवाद पत्र की धारा-4 में अभिकथन किया है कि परिवादी ने विधुत कनेक्शन का संयोजन दिनांक 21.03.2013 को मु0 21,541/- रु0 जमा करके किया गया था और परिवाद पत्र की धारा-4 में ही दिये गये चार्ट के मुताबिक परिवादी द्वारा कुल 52,107/- रुपया विपक्षीगण के विभाग में जमा किया जाना बताया गया है । इसके अतिरिक्त परिवाद पत्र की धारा-5 में परिवादी द्वारा यह अभिकथन किया है कि उसने आइ.डी.एफ. योजना के तहत दिनांक 28.10.2015 को 17,000/- रुपये, दिनांक 18.02.2016 को 25,000/- रुपये, दिनांक 22.07.2016 को 25,000/- रुपये जमा किये, जिसकी रसीदें सूची पत्र के साथ संलग्न होना कहा है । विपक्षीगण विभाग द्वारा दिनांक 30.08.2017 को परिवादी के कनेक्शन के मद में मु0 1,68,107/- रुपया विधुत बिल बकाया दिखाकर विधुत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया गया । इस सम्बन्ध में परिवादी ने परिवाद पत्र की धारा-8 व 9 में कथंन किया है कि दिनांक 31.08.2020 को कोविड महामारी के उपरान्त मु0 70,000/- रुपये, दिनांक 30.01.2021 को मु0 64,801/- रुपये एवं दिनांक 08.10.2021 को मु0 49,000/- रुपये विपक्षीगण के विभाग में जमा किये, इसके बावजूद परिवादी का विधुत कनेक्शन दिनांक 10.04.2022 को पुनः विच्छेदित कर दिया गया । परिवादी द्वारा दो वर्ष का कोरोना महामारी का कार्यकाल जोड़ते हुये अब 110 माह में कुल 4,70,805/- रुपये का भुगतान विपक्षीगण के विभाग को किया जाना कहा है, इस सम्बन्ध में भिन्न-भिन्न तिथियों को किये गये भुगतान के बावत विधुत बिल जमा रसीदों को सूची पत्र के साथ प्रस्तुत किया गया है । इस प्रकार परिवादी ने स्वयं को उपभोक्ता बताते हुये विपक्षीगण द्वारा सेवा शर्तों का उल्लंघन किया जाना बताते हुये यह परिवाद प्रस्तुत किया है तथा परिवादी के नाम लगे विधुत कनेक्शन सं0-605607 को बहाल किये जाने एवं आर्थिक, शारीरिक व मानसिक क्षतिपूर्ति दिलाये जाने व वसूली अधिपत्र को वापस लिए जाने की याचना की है ।
परिवादी द्वारा प्रस्तुत विधुत बिल की रसीदों, साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षीगण की ओर से कोई साक्ष्य प्रति शपथपत्र विधि सम्मत रूप से प्रस्तुत नहीं किया गया है । श्री कुलदीप यादव अधिशाषी अभियन्ता की ओर से प्रस्तुत शपथपत्र तसदीक नहीं कराया गया है और इस शपथपत्र पर शपथकर्ता का फोटोग्राफ नहीं है एवं आइ0डी0 कार्ड भी प्रस्तुत नहीं किया गया है, इस कारण यह शपथपत्र ग्राहय नहीं है ।
इस प्रकार परिवादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षीगण की ओर से कोई साक्ष्य प्रति शपथपत्र प्रस्तुत ना किये जाने के कारण परिवादी का साक्ष्य शपथपत्र अखंडित रह जाता है । अतएव परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादी का विधुत कनेक्शन संख्या-605607 को पुनः बहाल करते हुये सुचारु रूप से अविलंब चालू करें तथा परिवादी द्वारा विधुत बिल के एवज में जमा धनराशि को बकाया धनराशि में समायोजित करते हुये शेष बकाया धनराशि को तीन मासिक किश्तों में विभक्त करके परिवादी को प्रेषित करें ।
परिवादी द्वारा यह बकाया धनराशि तीन माह में जमा किये जाने पर वसूली अधिपत्र (यदि कोई हो) को स्वतः निरस्त माना जायेगा । इसके अतिरिक्त परिवादी को हुयी मानसिक, आर्थिक तथा शारीरिक क्षति एवं वाद व्यय के एवज में 5,000/-(पाँच हज़ार) रुपया भी विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अदा किया जायेगा ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 27.05.2024
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