Uttar Pradesh

StateCommission

A/1078/2017

Pramod Kumar - Complainant(s)

Versus

Adhi. Abh. Vidyut Vitaran Khand - Opp.Party(s)

Akhilesh Trivedi

21 Jun 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1078/2017
(Arisen out of Order Dated 13/04/2017 in Case No. C/112/2016 of District Mainpuri)
 
1. Pramod Kumar
S/O Sri Vijay Ram R/O Nagla Gangu Nagariya ishni Distt. Mainpuri
...........Appellant(s)
Versus
1. Adhi. Abh. Vidyut Vitaran Khand
Devi Road Mainpuri
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 21 Jun 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-1078/2017

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, मैनपुरी द्वारा परिवाद संख्‍या 112/2016 में पारित आदेश दिनांक 13.04.2017 के विरूद्ध)

Pramod Kumar S/o Vijay Ram, R/O. Nagla Gangu Nagariya, Kishni, District-Mainpuri.

                               ...................अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

1. Adhishashi  Abhiyanta,  Vidyut  Vitran  Khand,  Devi        

   Road Mainpuri.

2. Shailendra Bharti, Junior Engineer, Vidyut  Prawartan               

   Dal, Suhas Nagar, Firozabad.

3. Tehsildar, Tehsil-Kishni.

4. Regional Ameen, Tehsil-Kishni, District-Mainpuri.

                             ................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अखिलेश त्रिवेदी,                                     

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 21-06-2017

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-112/2016 प्रमोद कुमार बनाम विद्युत विभाग आदि में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, मैनपुरी द्वारा पारित आदेश दिनांक 13.04.2017 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्‍त परिवाद के परिवादी प्रमोद कुमार की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

 

-2-

आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्‍त परिवाद अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति के कारण खारिज कर दिया है, जबकि निश्चित तिथि पर प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता उपस्थित रहे हैं।

अपीलार्थी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्‍ता श्री अखिलेश त्रिवेदी उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं            है।

हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है                   और आक्षेपित आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया                               है।

अपीलार्थी/परिवादी ने दिनांक 13.04.2017 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित न होने का पर्याप्‍त कारण दर्शित किया है। चूँकि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता उक्‍त ति‍थि पर मौजूद रहे हैं, अत: उसे हर्जा दिया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: हम इस मत के हैं कि अपील स्‍वीकार करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 13.04.2017 को 500/-रू0 हर्जे पर अपास्‍त किया जाए और यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित किया जाए कि वह उपरोक्‍त हर्जा निश्चित तिथि तक अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा करने पर उपरोक्‍त परिवाद अपने  पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करे और तदोपरान्‍त विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित करे और परिवाद का निस्‍तारण विधि के अनुसार करे।

 

 

-3-

आदेश

     वर्तमान अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 13.04.2017 को 500/-रू0 हर्जे पर अपास्‍त किया जाता है तथा यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित किया जाता है कि वह उपरोक्‍त हर्जा अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा करने पर उपरोक्‍त परिवाद अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करे और तदोपरान्‍त विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित करे और परिवाद का निस्‍तारण विधि के अनुसार करे।

     अपीलार्थी दिनांक 31.07.2017 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होंगे और उसी दिन अपीलार्थी/परिवादी उपरोक्‍त हर्जे की धनराशि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को अदा करेगा और यदि वह हर्जा लेने हेतु उपलब्‍ध नहीं होते हैं तो जिला फोरम के समक्ष जमा करेगा।

     यदि उक्‍त निश्चित तिथि पर हर्जे की धनराशि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा नहीं की जाती है तो वर्तमान आदेश निष्‍प्रभावी हो जाएगा।

 

                     (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)     

                        अध्‍यक्ष                           

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1     

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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