राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-409/1996
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, हरदोई द्वारा परिवाद संख्या 1881/1993 में पारित आदेश दिनांक 07.05.1994 के विरूद्ध)
1. Sector Manager, Sahara India Savings &
Investment Corporation Ltd., now known as Sahara
India Financial Corporation Ltd situated at Before
Soldier Board, Cinema Chauraha, Hardoi.
2. Managing Director Sahara India 1. Kapoor Thala
Complex, Aliganj, Lucknow.
....................अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
Adesh Kumar Saxena S/o. Late Dularelal Saxena R/o. U.P. State Sugar Mill Colony, P.S. Kotwali Dehat, District Hardoi. ................प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 07-10-2016
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या- 1881/1993 आदेश कुमार बनाम शाखा प्रबन्धक, सहारा इण्डिया सेविंग एण्ड इन्वेस्टमेन्ट कार्पोरेशन लि0 व एक अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, हरदोई द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 07.05.1994 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्त परिवाद के विपक्षीगण शाखा प्रबन्धक, सहारा इण्डिया सेविंग एण्ड इन्वेस्टमेन्ट कार्पोरेशन लि0 व एक अन्य की ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत
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इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्त परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया है कि वह परिवादी को 2,890/-रू0 18 प्रतिशत की दर से दिनांक 24.12.1992 से अदायगी की तिथि तक ब्याज सहित अदा करे।
अपीलार्थी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया है। आदेश पत्र के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि दिनांक 21.07.2011 को प्रत्यर्थी/परिवादी को नोटिस जारी किए जाने का आदेश आयोग द्वारा पारित किया गया और अपीलार्थी को पैरवी एक सप्ताह में करने हेतु निर्देशित किया गया, परन्तु अपीलार्थी द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी को नोटिस हेतु पैरवी नहीं की गयी। पुन: आदेश दिनांक 13.09.2013 के द्वारा अपीलार्थी को प्रत्यर्थी/परिवादी को नोटिस भेजने हेतु 10 दिन के अन्दर पैरवी करने का आदेश दिया गया, फिर भी कोई पैरवी अपीलार्थी द्वारा नहीं की गयी और अपीलार्थी द्वारा पैरवी न किए जाने के कारण आज तक प्रत्यर्थी/परिवादी को नोटिस जारी नहीं की गयी है और उस पर नोटिस का तामीला नहीं हो सका है। अपील वर्ष 1996 की है और करीब 20 वर्ष पुरानी है। विवाद भी मात्र 2890/-रू0 का है।
परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षीगण की गोल्डन डेली डिपाजिट स्कीम के अन्तर्गत परिवादी ने 10/-रू0 प्रति दिन जमा करने का एक वर्ष का खाता खोला था, जिसका नम्बर 17519101455 था। इस खाते में परिवादी ने दिनांक 07.09.1991 से दिनांक 24.12.1992 तक 10/-रू0 प्रति दिन के हिसाब से कुल 2890/-रू0 जमा किया, परन्तु वापस मांगने पर विपक्षीगण ने उसे अदा नहीं किया।
जिला फोरम के आक्षेपित निर्णय और आदेश से यह स्पष्ट है कि जिला फोरम के समक्ष अपीलार्थी/विपक्षीगण ने कोई लिखित
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कथन प्रस्तुत नहीं किया। अत: जिला फोरम ने एकपक्षीय रूप से उपरोक्त परिवाद आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा स्वीकार करते हुए उपरोक्त प्रकार से आदेश पारित किया है। जिला फोरम द्वारा पारित आदेश अनुचित और अवैधानिक कहने हेतु कोई आधार नहीं दिखता है।
अत: सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए हम इस मत के हैं कि अपील को निरस्त किया जाना ही उचित है।
आदेश
वर्तमान अपील निरस्त की जाती है।
अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1