कृतिदेव यहां जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-124/2010
सालिक राम यादव पुत्र श्री तिलकराम यादव निवासी ग्राम असकरन पुरपूरे महावीर तिवारी, पोस्ट कोछा बाजार, तहसील बीकापुर, फैजाबाद। .........परिवादी
बनाम
1.प्रबन्धक, आदर्ष टैªक्टर एजेंसी राय बरेली निकट बाई-पास पो0 गद्दोपुर मंझवा, तहसील सदर जिला फैजाबाद।
2.प्रबन्धक, एस्कार्टªस लि0 एग्री मषीनरी मार्केटिंग ग्रुप कम्पोनेंट प्लाट 18/4, मथुरा रोड, फरीदाबाद पिन कोड 12007 भारत .............. विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 10.08.2016
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध टैªक्टर नं0 यू0पी0 42 पी0 2904 के हमरक्षक दुर्घटना बीमा, रेडीवाटर, क्षतिपूर्ति के सम्बन्ध में दायर किया है।
परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है। कि परिवादी ने कृशि कार्य हेतु एक स्कार्ट टैªक्टर माडल इ-434 एक्सेल क्रमांक टी 309978 इंजन नम्बर इ-3110813 दिनंाक 12-06-2009 को विपक्षी संख्या एक के एजेंसी से क्रय किया था जिसका रजिस्टेªषन आर0टी0ओ0 कार्यालय फैजाबाद में करवाया है जिसका नम्बर यु0पी0-42पी0-2904 है। परिवादी इसी टैªैक्टर से अपने खेती किसानी का कार्य कर रहा हैे, पर परिवादी को रूपये 300000त्र00 की मुफ्त हमरक्षक दुर्धटना बीमा पालिसी एक साल की अवधि के लिए प्रदान किया गया था, परन्तु विपक्षी संख्या 2 के द्वारा रजिस्टर्ड डाक से परिवादी के पास एक लेटर भेजा गया जिसमें परिवादी को सूचना दी गयी कि परिवादी के पक्ष में दिनंाक 01-08-2009 को पुस्तिका संख्या 9570 के तहत जारी की गयी मुफ्त हमरक्षक दुर्धटना बीमा पालिसी रद्द का दी गयी है चूँकि यह बीमा केवल एस्कार्ट टैªक्टर के खरीद दारों को उपलब्ध कराया जाता है। अतः अब इस बीमा के किसी लाभ के हकदार नही है, और लेटर में यह भी लिखा गया है कि आपने अपना टैªक्टर विपक्षी संख्या 1 डीलर को वापस लौटा दिया है। परिवादी को जैसे ही रजि0 डाक से सूचना मिली परिवादी लेटर को विपक्षी संख्या 1 के टैªक्टर एजेंसी पर गया और एजेंसी के डीलर से सम्पर्क किया जो विपक्षी संख्या 1 परिवादी को कुछ भी बताने से इंकार कर दिया और कहा कि मैं इसके बारे में कुछ भी नही बता सकता। टैªक्टर खरीदते समय विपक्षी संख्या 1 यह वादा किया था कि मुफ्त हमरक्षक बीमा को हम बीस वर्श तक आपको देंगें, परन्तु बाद में जानकारी करने पर पता चला कि मुफ्त हमरक्षक दुर्घटना पालिसी मात्र एक वर्श के लिए है। परिवादी खरीदने के बाद टेैªक्टर की हाइड्रोलिंक खराब हो गयी और परिवादी टैªक्टर को विपक्षी संख्या 1 के एजेंसी पर बनवाने के लिए ले गया, तो विपक्षी संख्या 1 गाड़ी बनाने के बहाने एक माह तक गाड़ी अपनी एजेंसी पर खड़ी कर रखा तथा गाड़ी में लगा तांबे का रेडीवाटर निकाल करके जस्ता का रेडीवाटर लगा दिया जिससे परिवादी का अत्यधिक नुकसान हुआ। परिवादी को रूपये 300000=00 का मुफ्त हमरक्षक दुर्धटना बीमा तथा एक माह तक गाड़ी खड़ी रखने से कम से कम 50000=00 का नुकसान हुआ तथा इससे परिवादी व रेडीवाटर चेंज करने के कारण कम से कम रूपये 10000=00 का नुकसान हुआ तथा इससे परिवादी को काफी मानसिक आधात पहुँचा और काफी मानसिक क्षति हुयी।
विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी के केस से इन्कार किया है। परिवादी ने कोई स्पश्ट व वास्तविक टैªक्टर खराब होने की तिथि नही दी न कोई प्रमाण पत्र दिया है। इंष्योरेंस से आपत्तिकर्ता का कोई सम्बन्ध नही है। विपक्षी संख्या 2 से सम्बन्धित है, तथा इंष्योरेंस दुर्घटना बीमा से सम्बन्धित है। विपक्षी संख्या 2 ने अपने जवाबदावे में कहा है कि परिवादी का कोई वाद कारण उत्पन्न नही हुआ है। परिवादी को टैªक्टर जाँच के उपरान्त उसके संतुिश्ट पर दिया गया था टैªक्टर में कोई निर्माण की कमी नही है। परिवादी ने कोई एक्स्पार्ट राय दाखिल नही किया है। हमरक्षक पालिसी मुफत दी गयी थी, जो एक वर्श के लिए थी। परिवादी को विपक्षी संख्या 1 ने संतोशजनक सेवा प्रदान करता रहा है। विपक्षी की सेवा में कोई कमी नही है। टैªक्टर के निर्माण में कोई कमी नही है। परिवादी ने झूठा परिवाद दायर किया है।
मंच द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया।
विन्दु नं0 क्या हमरक्षक दुर्धटना बीमा पालिसी का रद्दीकरण पुस्तिका नं0 9570 का सही किया गया। परिवाद के अनुसार टैªक्टर नं0 यू0पी042पी0 2904 दिनंाक 12-06-2009 को विपक्षी संख्या 1 के एजेंसी से परिवाद ने क्रय किया था। हमरक्षक दुर्धटना बीमा पालिसी दिनंाक 11-06-2010 तक थी। परिवादी ने कागज संख्या 1/7 पत्रावली में दाखिल किया है, यह रद्दी करण की सूचना है। इस रद्दीकरण की सूचना परिवादी को किस तारीख को दी गयी तारीख अंकित नही है। विपक्षी संख्या 2 के जवाब के अनुसार दुर्धटना बीमा का होना क्रय करने के एक साथ के लिए स्वीकार किया हैं यदि टैªक्टर दुर्घटना ग्रस्त होता है तो परिवादी बीमा कम्पनी से दुर्घटना बीमा एक साल के अन्दर होने पर प्राप्त करने का अधिकारी होगा। परिवादी ने टैªक्टर के दुर्धटना ग्रस्त होने के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट विपक्षी संख्या 2 बीमा कम्पनी को सूचना के सम्बन्ध में परिवाद में कुछ नही कहा है। इस प्रकार टैªक्टर दुर्धटना ग्रस्त नही हुआ माना जायेगा दुर्धटना ग्रस्त पालिसी निषुल्क विपक्षी संख्या 2 द्वारा एक वर्श के लिए दी गयी थी। इसलिए नोटिस दुर्धटना ग्रस्त बीमा की रद्द होना गलत नही है। इस प्रकार इस तथ्य को साबित नही कर पाया है, यह बिन्दु परिवादी के विरूद्व निर्णीत किया जाता है।
बिन्दु नं0 2 क्या टैªक्टर का तांबे का रेडीवाटर विपक्षीगण ने निकाल कर जस्ते का रेडीवाटर लगाया है। इस बिन्दु को साबित करने का भार परिवादी को है। परिवादी ने परिवाद में यह नही लिखा है कि टैªक्टर क्रय करने के बाद परिवादी ने किस तारीख को रेडीवाटर बदलवाया है। विपक्षीगण के सार्बिस एजेंसी की कोई रसीद रेडीवाटर बदलने की रसीद दाखिल नही की है। इस प्रकार विपक्षी ने तांबे के रेडीवाटर के स्थान पर जस्ते का रेडीवाटर लगा दिया इसकी पुश्टि नही होती है। यह बिन्दु परिवादी का निर्णीत किया जाता है।
बिन्दु नं0 3 क्या टैªक्टर के हाइड्रोलिंक खराब होने के बाद टैªक्टर को एक महीने तक गैराज में विपक्षी ने खड़ा रखा है, इस बिन्दु को साबित करने का भार भी परिवादी को है। जब किसी गैराज में कोई टैªक्टर सार्विस के लिए दिया जाता है तो सार्विस में पाये गये खराब सामान बदलने व कीमत की रसीद गैराज मालिक देता है, रसीद में टैªक्टर खड़ा करने बनने वापिस करने की तारीख अंकित रहती है। परिवादी ने एक रसीद दिनंाक 17-10-2011 कागज संख्या 5 दाखिल किया टैªक्टर 17-10-2011 को एजेंसी में लाया गया और 17-10-2011 वापिस कर दिया इस प्रकार टैªक्टर एक महीना गैराज में खड़ा रहा इस बात की पुश्टि नही होती है। परिवादी इस बिन्दु को साबित करने में असफल रहा है।
मंच द्वारा इस परिवाद में यह पाया गया कि परिवादी अपना परिवाद साबित करने में असफल रहा। विपक्षीगण ने अपनी सेवा में कोई कमी नही किया है। परिवादी का परिवाद खारिज होने योग्य है।
आदेष
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
(माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 10.08.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्या अध्यक्ष