ARYAN PARTH filed a consumer case on 11 May 2022 against ADARSH BEEJ BHANDAR in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/27/2016 and the judgment uploaded on 08 Jun 2022.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 27 सन् 2016
प्रस्तुति दिनांक 10.02.2016
निर्णय दिनांक 11.5.2022
आर्यन पार्थ S/o श्री विन्ध्याचल, ग्राम- जलालपुर, पोस्ट- कौड़िया, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
आदर्श बीज भण्डार, पंडित दीनदयाल चौराहा, सिविल लाइन शहर व जिला- आजमगढ़ (उoप्रo) मो.नं. 9415370726 द्वारा प्रोपराइटर/ संचालक।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह विपक्षी के यहाँ से दिनांक 16.11.2015 को 06 किलोग्राम मटर बीज मुo 60/- रुपया प्रति किलोग्राम मूल्य की दर से खेत में बुवाई के लिए खरीदा था। विपक्षी द्वारा मटर बीज को अच्छा उत्पादन देने का विश्वास दिलाया गया और कहा गया कि किसी भी प्रकार की समस्या आने पर उसका समाधान किया जाएगा। परिवादी ने उसके ऊपर विश्वास करके मटर बीज उसके यहाँ से खरीदा और विपक्षी से पूछा कि मटर बीज किस कम्पनी का है तो विपक्षी द्वारा नहीं बताया गया, बल्कि कहा गया कि उसके ऊपर विश्वास करके बुवाई करावें। परिवादी द्वारा मटर बीज को अपने पैतृक खेत स्थित ग्राम जलालपुर में तीन विस्वा रकबा में बोया गया। विपक्षी का बीज दिनांक 20.11.2015 को पर्याप्त नमी व उचित खाद का प्रयोग करते हुए खेत में बोया गया तथा 30.11.2015 तक उसके अंकुरण के नहीं होने पर विपक्षी से सम्पर्क किया तो उसने आश्वस्त किया कि अंकुरण हो जाएगा, अंकुरण न होने पर समस्त नुकसानी की जिम्मेदारी उसकी होगी। मटर बीज का अंकुरण काफी दिनों तक नहीं हुआ तथा इसकी सूचना विपक्षी को दी गयी तो उनके द्वारा खेत को देखकर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया। इस सन्दर्भ में परिवादी ने विपक्षी से कई बार सम्पर्क किया, लेकिन विपक्षी द्वारा खेत का निरीक्षण नहीं किया गया और न ही समस्या का कोई समाधान ही किया गया और मांगने पर प्राप्ति रसीद नहीं दी गयी। दिनांक 26 जनवरी, 2016 के पहले विपक्षी से पुनः सम्पर्क किया गया तो उन्होंने परिवादी के साथ उपस्थित तीन अन्य
लोगों के समक्ष यह आश्वासन दिया कि 26 जनवरी को दोपहर में आकर जरूर खेत का निरीक्षण कर लेंगे, उनके साथ हुई बातचीत को परिवादी क साथ उपस्थित श्री संजय कुमार पाण्डेय द्वारा मोबाइल में रिकार्ड भी किया गया है, जो समय आने पर समक्ष फोरम प्रस्तुत किया जाएगा। विपक्षी द्वारा 26 जनवरी 2016 को भी खेत का निरीक्षण नहीं किया गया और न ही समस्या का कोई समाधान ही किया गया। विपक्षी द्वारा किया गया ऐसा कृत्य सेवा में कमी की परिभाषा में आता है। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को उससे लिया गया मटर बीज का मूल्य रुपया 360/- तथा खेत की सिंचाई, जुताई, प्रयुक्त खाद में खर्च रुपया 1,000/- एवं भविष्य में पैदावार में होने वाली नुकसानी के लिए रुपया 5,000/- कुल रुपया 6,360/- का भुगतान मय 18% ब्याज के साथ करे। साथ ही विपक्षी से परिवादी को मुo 10,000/- रुपया मानसिक कष्ट, आर्थिक हानि व वादखर्च हेतु दिलाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में कोई भी प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
कागज संख्या 15क² विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी तथाकथित मटर का बीज विपक्षी की दुकान पर लेने के लिए नहीं आया था। परिवादी ग्राम जलालपुर पोस्ट कौड़िया का मूल निवासी है। मटर का बीज उसकी नजदीक के बाजार में भी उपलब्ध थी। मात्र विपक्षी को हैरान व परेशान करने के लिए परिवाद प्रस्तुत किया गया है। परिवादी मटर का बीज कौड़िया बाजार से खरीद कर अपने खेत में बोया होगा। विपक्षी से मटर खरीदने के बाबत परिवादी के पास कोई खरीद रसीद उपलब्ध नहीं है, जिससे पता चलता है कि फर्जी तरीके से मुकदमा दाखिल किया जा रहा है। उपरोक्त सम्पर्ण तथ्यों के आधार पर परिवाद निराधार है। अतः खारिज किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है।
बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर परिवादी की तरफ से उनके विद्वान अधिवक्ता उपस्थित रहे, जबकि विपक्षी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं रहा। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपना बहस सुनाया, जबकि विपक्षी को भी बहस सुनाने हेतु अवसर दिया गया किन्तु वह अपना बहस सुनाने में असफल रहे। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना तथा प्रस्तुत परिवादी के सन्दर्भ में पत्रावली एवं प्रलेखीय साक्ष्यों का अवलोकन किया। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि परिवादी की तरफ से अपने परिवाद के समर्थन में कोई भी ऐसा प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है जिससे यह प्रमाणित हो सके कि विपक्षी से मटर का बीज खरीदा गया है तथा न ही कोई खरीद की रसीद बिल अथवा पर्ची ही प्रस्तुत किया और न ही इस सन्दर्भ में कोई शपथ-पत्र ही प्रस्तुत किया गया हैỊ महज कमीशन की रिपोर्ट कागज संख्या 9ग² के आधार पर यह बात प्रमाणित नहीं होता है कि जिस बीज के बारे में कमीशन ने अपना रिपोर्ट दिया है वह बीज विपक्षी के ही दुकान से खरीदा गया है। उपरोक्त विवेचना के आधार पर हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 11.05.2022
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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