ला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम फैजाबाद।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-243/2008
1 सन्तराम वर्मा पुत्र श्री नाथ वर्मा ग्राम अहिरौली, पो0 चन्द्रिकागंज, तहसील बीकापुर, जिला फेैजाबाद।
2 अरविन्द कुमार वर्मा पुत्र सन्तराम वर्मा ग्राम अहिरौली पोस्ट चंद्रिकागंज तहसील बीकापुर जिला फैजाबाद। ..............याचीगण
बनाम
1 निर्देषक । प्रबन्धक आदर्ष आटो मोबाइल तारून बाजार, फैजाबाद।
2 बजाज एलाइन्ज जनरल इन्ष्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड रजि0 आफिस जी ई प्लाजा एयरपोर्ट रोड यरवदा पुने - 411006।
3 प्रबन्धक एलियाज जनरल इंष्योरेन्स कम्पनी लि0, लखनऊ (उ0प्र0) ..... विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 22.06.2015
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या।
निर्णय
परिवादीगण के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादीगण मजदूर किसान व्यक्ति हंै। परिवादीगण उपरोक्त मोेैजे में खेती बारी करके किसी तरह से सपरिवार गुजर बसर कर रहे हंै परिवादी संख्या 1 का लड़का परिवादी संख्या 2 अरबिन्द कुमार वर्मा है जो कि उसके साथ रहता है। परिवादीगण ने एक मोटर साइकिल बजाज डिसकबर (दो पहिया वाहन) आदर्ष आटो मोबाइल तारून, बाजार फैजाबाद से दिनंाक 07.05.2007 को मु0 47290 रू0 में कम्पलीट हालत में क्रय किया। जिसका बीमा बजाज एलियान्स जनरल इन्ष्योरेन्स कम्पनी लि0 ने किया है। परिवादी का लड़का उक्त मोटरसाइकिल को लेकर दिनंाक 01.12.2007 ई0 को कुछ घरेलू कार्यवष अकबरपुर जा रहा था। कि सुबह करीब 7 बजे वहद ग्राम तिवारीपुर तिराहे के पास उसकी गाड़ी को इन्डिका कार जो आगे से आ रही थी टक्कर हो गयी। उक्त दुर्धटना से परिवादी के लड़के अरविन्द कुमार के सिर व पैर में काफी गम्भीर चोटें आयी थी और वह मौके पर बैहोष हो गया था। जिसका प्राथमिक उपचार केयर हास्पिटल, फैजाबाद में दिनंाक 02-12-2007 से 16-12-07 तक किया गया। जिसका कैष मेमो बिल संलग्न है। परिवादी के लड़के का बायां पैर दो जगह से टूट गया था एवं सिर पर गम्भीर चोेंट आयी थी। किसी प्रकार उसकी जिन्दगी बची। परिवादी दुर्धटना की बावत आदर्ष आटोेेेेमोबाइल्स, तारून बाजार, फैजाबाद के जिले के मुख्यालय से आर्थिक सहायता पाने हेतु याचना किया किन्तु उक्त विशयक कार्यवाही के सम्बन्ध में कोई कार्यवाही सम्पन्न नही हुयी। मजबूर होकर उसने दो बार फैक्स के माध्यम से सम्पूर्ण कागजात प्रबन्धक महोदय एलियाज जनरल इन्ष्योरेन्स कम्पनी लि0 लखनऊ व विपक्षी सं0 3 को दिया एवं इसी आषय हेतु पुनः एक प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक अरविन्द कुमार वर्मा द्वारा विपक्षी सं03 को जरिये रजिस्टर्ड पोस्ट माह अप्रैल में ही पे्रशित की गयी लेकिन आज तक कोई भी उत्तर नही दिया और न ही परिवादी के लड़के की आर्थिक सहायता हेतु कोई कार्यवाही सम्पादित की। परिवादी को विपक्षीगण से आर्थिक सहायता दिलायी जाए।
विपक्षीगण को फोरम से नोटिस भेजे गये रजि0 लिफाफा वापस न आने पर विपक्षीगण पर तामीला पर्याप्त मानी गयी और दिनंाक 02.04.20012 को विपक्षीगण के विरूद्व परिवाद की सुनवाई एक पक्षीए रूप से सुने जाने का आदेष किया गया। निर्णय के पूर्व तक विपक्षीगण की ओर से किसी ने कोई रिकाल प्रार्थना पत्र नहीं दिया, बहस के लिये विपक्षीगण को समय दिया गया। परिवादी की ओर से निर्णय के पूर्व तक किसी ने बहस नही की इसलिये परिवाद का निर्णय पत्रावली का भली भाॅति परिषीलन करने के बाद गुण दोश के आधार पर किया। परिवादी ने अपने पक्ष के सर्मथन में अस्पताल के इलाज के बिल दिनंाक 18.12.2007 की छाया प्रति, विपक्षीगण को भेजे गये प्रार्थना पत्र दिनंाक 12.04.2008 की छाया प्रति, मोटर साइकिल खरीदे जाने की दिनंाक 07.05.2007 आर्दष आटोमोबाइल्स की रसीद की छाया प्रति, मोटर साइकिल के पंजीकृत प्र्रमाण पत्र दिनंाक 06.09.2007 की छाया प्रति, मोटर साइकिल के टैक्स की रसीद की छाया प्रति, मोटर साइकिल की बीमा कबर नोट की छाया प्रति, बीमा कम्पनी को लिखे गये पत्र दिनंाक 22.02.2008 व 18.03.2008 की छाया प्रति तथा परिवादी संख्या 02 के ड्राइंिवंग लइसेंन्स की छाया प्रति दाखिल की है जो षामिल पत्रावली है। मोटर साइकिल का पंजीकरण व बीमा परिवादी सं0 1 के नाम है। जब कि परिवादी सं01 की मोटर साइकिल को परिवादी का पुत्र परिवादी संख्या 2 चला रहा था। मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार बीमा का क्लेम परिवादी संख्या 1 को ही मिल सकता है। परिवादी संख्या 2 बीमा पाने का हकदार नहीं है। परिवादीगण ने परिवाद में क्षतिपूर्ति की माॅग की है। वह भी परिवादी संख्या 2 के नाम है। परिवादी संख्या 1 मोटर साइकिल के नुकसान का क्लेेम कर सकता था। मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार परिवादीगण अपना परिवाद प्रमाणित करने में असफल रहे है। परिवादी का परिवाद खारिज कियेे जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 22.06.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष