Uttar Pradesh

StateCommission

A/862/2017

Okaya Energy Co. - Complainant(s)

Versus

Abhishek & Others - Opp.Party(s)

Ashok Mishra

03 Jan 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/862/2017
( Date of Filing : 12 May 2017 )
(Arisen out of Order Dated 14/03/2017 in Case No. c/175/2016 of District Meerut)
 
1. Okaya Energy Co.
New Delhi
New Delhi
...........Appellant(s)
Versus
1. Abhishek & Others
Meerut
Meerut
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 03 Jan 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(सुरक्षित)                                                                                  

अपील संख्‍या:-862/2017

(जिला फोरम, मेरठ द्धारा परिवाद सं0-175/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 14.3.2017 के विरूद्ध)

M/s Okaya Power Limited D-7 Udyog Nagar New Delhi through its Manager.       ........ Appellant/ Opp. Party

Versus    

1-    Abhishekh, S/o Sri Ashok Kumar, R/o 313 Brahampuri Meerut.

       …….. Respondent/ Complainant

2-    M/s Vinay Electronics Miangharh Road Near Rampurna Gas Agency Meerut through its Manager.

       …….. Respondent/ Opp. Party  

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष 

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता    : श्री अशोक मिश्रा

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता      : कोई नहीं।

दिनांक :-26-8-2019        

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय   

परिवाद संख्‍या-175/2016 अभिषेक बनाम मैसर्स ओकाया पावर लिमिटेड व एक अन्‍य में जिला फोरम, मेरठ द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 14.3.2017 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एक पक्षीय रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

-2-

“परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद एक पक्षीय रूप से स्‍वीकृत किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी को प्रश्‍नगत दोनों बैटरीज के स्‍थान पर उसी क्षमता/मॉडल की नई बैटरी निर्णय की दिनांक से एक माह के अन्‍दर उपलब्‍ध करावे। नही बैटरी प्राप्‍त करते समय परिवादी पुरानी दोनो बैटरी विपक्षीगण को वापस करेगा।

यदि विपक्षीगण उक्‍त निर्धारित अवधि में परिवादी को नयी बैटरीज उपलब्‍ध नहीं कराते है, तो विपक्षीगण प्रश्‍नगत दोनो बैटरीज की कीमत अंकन 19,600.00 रूपये मय 09 प्रतिशत वार्षिक साधरण ब्‍याज निर्णय की दिनांक से भुगतान की दिनांक तक अदा करने के लिये उत्‍तरदायी होगे।

उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त विपक्षीगण परिवादी को मानसिक व शारीरिक कष्‍ट के सम्‍बन्‍ध में अंकन 2,000.00 रूपये एवं परिवाद व्‍यय अंकन 1,000.00 रूपये भी निर्धारित अवधि में अदा करे।

उक्‍त के सम्‍बन्‍ध में विपक्षीगण का दायित्‍व संयुक्‍त एवं पृथक पृथक होगा।”

जिला फोरम के निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी सं0-1 मैसर्स ओकाया पावर लिमिटेड ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

 

-3-

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अशोक मिश्रा उपस्थित आये है। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

मैंने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 व प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 मैसर्स ओकाय पावर लिमिटेड, नई दिल्‍ली बैटरी की निर्माता कम्‍पनी है और प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 उसका अधिकृत डीलर है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने दिनांक 21.7.2014 को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 से अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 द्वारा निर्मित दो बैटरी मॉडल नं0-एस.एल.600 टी. अंकन 19,600.00 रू0 में बिल सं0-61/3023 के द्वारा क्रय किया। विपक्षीगण द्वारा बैटरी की दो वर्ष की गारण्‍टी दी गई थी और कहा गया था कि यदि इस अवधि में बैटरी में कमी आती है, तो नई बैटरी दी जायेगी। इसके साथ यह भी गारण्‍टी दी गयी थी कि दो वर्ष से अधिक समय होने पर ढाई वर्ष तक बैटरी में कमी आने

 

-4-

पर 20 प्रतिशत का डिस्‍काउण्‍ट दिया जायेगा। प्रत्‍यर्थी/परिवादी को विपक्षीगण द्वारा गारण्‍टी कार्ड भी दिया गया था।

परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि परिवाद पत्र प्रस्‍तुत किये जाने के 10-12 दिन पूर्व बैटरी ने काम करना बन्‍द कर दिया, जिसकी शिकायत प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने विपक्षीगण से की तब विपक्षीगण का कर्मचारी उसके घर आया और चैक करने पर दोनों बैटरियॉ खराब पायी, परन्‍तु विपक्षीगण ने बैटरियों को बदल कर दूसरी बैटरी नहीं दिया और अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा कहा गया कि प्रश्‍नगत बैटरियॉ जनवरी, 2014 की निर्मित है, जबकि इन बैटरियों को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 ने जुलाई, 2014 में बेचा है और इसके लिए अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 से स्‍वीकृत नहीं ली है। अत: अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 की सेवा में कोई कमी नहीं है।

परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षीगण द्वारा बैटरी बदलकर नई बैटरी न देने के कारण प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मानसिक पीड़ा हुई है और गर्मी के कारण बिना इनवर्टर व बैटरी के रहना पडा है। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद प्रस्‍तुत किया है और बैटरी बदलकर नई बैटरी दिलाये जाने की मॉग की है तथा मानसिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति व वाद व्‍यय भी मागा है।

 

-5-

जिला फोरम के निर्णय से स्‍पष्‍ट है कि नोटिस तामीला के बाद भी विपक्षीगण जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं और लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया है। अत: जिला फोरम ने विपक्षीगण के विरूद्ध एक पक्षीय रूप से कार्यवाही करते हुए एक पक्षीय रूप से निर्णय और आदेश पारित किया है, जो ऊपर अंकित है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अपीलार्थी/विपक्षी पर नोटिस का तामीला नहीं हुआ है, इस कारण वह जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है। अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अपीलार्थी/विपक्षी निर्माता है और उसे बैटरी के सम्‍बन्‍ध में कभी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। जिला फोरम का निर्णय तथ्‍य और विधि के विरूद्ध है। अत: निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

मैंने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क पर विचार किया है।

परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 से अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 द्वारा निर्मित बैटरी दिनांक 21.7.2014 को क्रय किया है और परिवादी ने परिवाद दिनांक 07.6.2016 को प्रस्‍तुत किया है। परिवाद पत्र में प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उल्‍लेख किया है कि बैटरियों ने लगभग 10-12 दिन पूर्व काम

-6-

करना बन्‍द कर दिया। वारण्‍टी कार्ड के अनुसार 24 महीने के अन्‍दर बैटरी खराब होने पर वारण्‍टी कार्ड की शर्तों के अधीन बैटरी को वापस किया जा सकता है। परिवाद पत्र के कथन व प्रत्‍यर्थी/परिवादी के शपथपत्र से यह स्‍पष्‍ट है कि वारण्‍टी अवधि में ही प्रत्‍यर्थी/परिवादी की दोनों बैटरियों ने काम करना बन्‍द कर दिया है। जिला फोरम ने अपने निर्णय में उल्‍लेख किया है कि विपक्षीगण नोटिस तामीला के बाद भी उपस्थित नहीं हुए है और लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया है।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 मैसर्स विनय इलैक्‍ट्रोनिक्‍स, मैन गढ रोड़, निकट रामपूर्णा गैस एजेंसी, मेरठ ने जिला फोरम के निर्णय के विरूद्ध अपील प्रस्‍तुत नहीं की है। अपील परिवाद के विपक्षी सं0-1 मैसर्स ओकाया पावर लिमिटेड की ओर से प्रस्‍तुत की गई है और अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने कथन किया है कि अपीलार्थी पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त नहीं हुआ है। परिवाद पत्र में अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 का वही नाम और पता अंकित है जो अपील में अपीलार्थी ने दिया है और जिला फोरम के निर्णय से स्‍पष्‍ट है कि विपक्षीगण नोटिस का तामीला होने के बाद भी उपस्थित नहीं हुए है। अत: यह मानने हेतु उचित और युक्ति संगत आधार नहीं दिखता है कि अपीलार्थी/विपक्षी पर नोटिस का तामीला नहीं हुआ है।

-7-

उपरोक्‍त विवरण से स्‍पष्‍ट है कि दोनों विपक्षीगण ने जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होकर परिवाद पत्र के कथन के खण्‍डन हेतु लिखित कथन या शपथपत्र प्रस्‍तुत नहीं किया है और न ही परिवाद का विरोध किया है। अत: जिला फोरम ने परिवाद पत्र के कथन एवं परिवादी के शपथपत्र पर विश्‍वास कर कोई गलती नहीं की है। अत: यह मानने हेतु उचित आधार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा निर्मित जो दो बैटरियॉ दिनांक 21.7.2014 को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 से खरीदी थी, वह बैटरियॉ वारण्‍टी अवधि में ही खराब हो गई हैं। अत: वारण्‍टी के अनुसार उक्‍त बैटरियों के स्‍थान पर नई बैटरी देने हेतु विपक्षीगण उत्‍तरदायी है, परन्‍तु उन्‍होंने बैटरियॉ बदलकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को नई बैटरियॉ नहीं दी हैं। अत: अपीलार्थी/विपक्षी एवं प्रत्‍यर्थी/परिवादी सं0-2 दोनों की सेवा में कमी है। अत: जिला फोरम ने दोनों बैटरियों का मूल्‍य 19,600.00 रू0 जो ब्‍याज के साथ प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दिलाया है वह उचित है। मेरी राय में ब्‍याज की दर 09 प्रतिशत से घटाकर 06 प्रतिशत किया जाना उचित है।

बैटरियों के मूल्‍य पर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को ब्‍याज दिया जा रहा है। अत: जिला फोरम ने जो 2,000.00 रू0 क्षतिपूर्ति प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्रदान किया है, उसे अपास्‍त किया जाना उचित है।

-8-

जिला फोरम ने जो 1,000.00 रू0 वाद व्‍यय प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दिलाया है, वह उचित है। उसमें कोई हस्‍तक्षेप उचित नहीं है।

उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आदेश संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 एवं प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 दोनों को आदेशित किया जाता है कि वे प्रत्‍यर्थी/परिवादी की दोनों बैटरियों का मूल्‍य 19,600.00 रू0 भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ जिला फोरम के आदेशानुसार वापस करें। साथ ही वे प्रत्‍यर्थी/परिवादी को जिला फोरम द्वारा आदेशित वाद व्‍यय की धनराशि 1,000.00 रू0  भी अदा करें।

    जिला फोरम द्वारा आदेशित क्षतिपूर्ति की धनराशि 2,000.00 अपास्‍त की जाती है।  

अपील में उभय पक्ष अपना अपना वाद व्‍यय स्‍वयं बहन करेगें।

धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनिमय के अन्‍तर्गत अपील में अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि 11,450.00 रू0 अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जायेगी।

                        (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)               

                                 अध्‍यक्ष                           

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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