Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/1708

Chairman V2S2 College Education - Complainant(s)

Versus

Abhishek Sharma & Other - Opp.Party(s)

Arvind Tilhari

12 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/1708
( Date of Filing : 01 Sep 2014 )
(Arisen out of Order Dated 14/08/2014 in Case No. Complaint Case No. C/2014/81 of District Mau)
 
1. Chairman V2S2 College Education
Kanpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Abhishek Sharma & Other
Mau
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 May 2023
Final Order / Judgement

                                                 (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1708/2014

(जिला आयोग, मऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-81/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 1.8.2014 के विरूद्ध)

 

चेयरमैन, V2S2 कालेज आफ हायर एजूकेशन, शिव टावर 112/270, स्‍वरूप नगर, कानपुर 208003 द्वारा चेयरमैन डा0 विवेक ठाकुर।

अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2

                                               बनाम            

1.    अभिषेक शर्मा पुत्र रमेश चन्‍द्र शर्मा, निवासी मोहल्‍ला पुरम तहसील, शहादतपुर, जिला मऊ।

2.    रजिस्‍ट्रार/अथराइज्‍ड सिग्‍नेचरी, सिंघानिया यूनिवर्सिटी, पचेरी बारी, झुनझुनु, राजस्‍थान।

3.    चन्‍द्र मोहन झा (सी.एम.जे.) यूनिवर्सिटी, मॉडरिना मैनशन, लैटूमखर शिलांग, मेघालय।

       प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1 व 3

समक्ष:-                            

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित   : श्री अरविन्‍द तिलहरी, विद्वान

                                               अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित          : श्री ए.के. मिश्रा, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक:  23.06.2023

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-81/2014, अभिषेक शर्मा बनाम रजिस्‍ट्रार / अथराइज्‍ड सिगनेचरी विश्‍वविद्यालय तथा दो अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, मऊ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 1.8.2014 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षी सं0-2/अपीलार्थी को आदेशित किया है कि एक माह के अंदर अंकन 4,30,000/-रू0 परिवादी को अदा करें। अदा न करने पर 9 प्रतिशत ब्‍याज देय होगा।

2.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने विज्ञापन के आधार पर कम्‍प्‍यूटर साईंस में पीएचडी के लिए विपक्षी संख्‍या-1 के यहां आवेदन किया। विपक्षी द्वारा अपना एजेंट भेजा गया। दस्‍तावेज चेक किए गए और परिवादी ने अंकन 1,25,000/-रू0 एजेंट को दिए बाद में विपक्षी ने सीएमजे विश्‍वविद्यालय को अपना संस्‍थान बताकर वहां शोध कार्य सम्‍पन्‍न करने के लिए कहा। विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा पीएचडी की डिग्री उपलब्‍ध कराई गई, परन्‍तु दैनिक जागरण अखबार के माध्‍यम से ज्ञात हुआ कि इस डिग्री की मान्‍यता नहीं है, इसलिए परिवादी ने क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए परिवाद प्रस्‍तुत किया।

3.         विपक्षी संख्‍या-1 एवं 3 की ओर से कोई लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया गया। विपक्षी संख्‍या-2 ने लिखित कथन में स्‍वीकार किया है कि बैंक के माध्‍यम से अंकन 1,25,000/-रू0 भेजे गए थे, परन्‍तु शपथ पत्र के माध्‍यम से परिवाद में वर्णित किसी तथ्‍य का खण्‍डन नहीं किया गया, इसलिए उपरोक्‍त वर्णित निर्णय एवं आदेश पारित किया गया।

4.         इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला आयोग ने कानून की गलत व्‍याख्‍या पर अपना निर्णय आधारित किया है। अपीलार्थी को सुनवाई का अवसर प्रदान नहीं किया गया, इसलिए परिवाद में वर्णित तथ्‍यों का खण्‍डन नहीं किया जा सका। दिनांक 28.6.2014 को फोरम के अध्‍यक्ष उपस्थित नहीं थे, इसलिए कोरम पूरा नहीं था, इसके बाद दिनांक 30.7.2014 को शेष विपक्षीगण के विरूद्ध एकतरफा सुनवाई करते हुए दिनांक 1.8.2014 को निर्णय पारित कर दिया गया। प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 ने स्‍वंय सीएमजे विश्‍वविद्यालय में दाखिले का चुनाव किया था। विवाद को मध्‍यस्‍थता के माध्‍यम से सुलझाए जाने की व्‍यवस्‍था थी, परन्‍तु इस बिन्‍दु पर भी विचार नहीं किया गया।

5.         अपीलार्थी तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

6.         अपील के ज्ञापन में इस तथ्‍य से इंकार नहीं किया गया है कि जिस विश्‍वविद्यालय से डिग्री प्राप्‍त कराई गई, वह डिग्री मान्‍यता प्राप्‍त थी। चूंकि अपीलार्थी द्वारा परिवादी को अपनी सेवाएं उपलब्‍ध कराई गई हैं, इसलिए अपीलार्थी का दायित्‍व था कि वह उस डिग्री को प्रदान कराए, जिसे मान्‍यता प्राप्‍त हो। विद्वान जिला आयोग का यह निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत है कि अमान्‍य डिग्री का कोई महत्‍व नहीं है और परिवादी का समय और धन बर्बाद हुआ और उसका करियर भी प्रभावित हुआ है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

7.         प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

          पक्षकार व्‍यय भार स्‍वंय अपना-अपना वहन करेंगे।

          प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

   (सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

     सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

           निर्णय एवं आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

  सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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