(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1656/2007
General Motors India Pvt Ltd
Versus
Abdul Tasleem Khan & Ors
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री रवि कुमार रावत, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :18.10.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-18/2006, अब्दुल तसलीम खान बनाम जनरल मोटर्सइंडिया प्रा0लि0 में विद्वान जिला आयोग, (प्रथम) बरेली द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 14.06.2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री रवि कुमार रावत को सुना गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए परिवादी द्वारा क्रय किये गये वाहन का पजीकरण आर0टी0ओ0 बरेली से कराने तथा नयी बॉडी लगाकर देने का आदेश पारित किया है। साथ ही परिवाद व्यय के रूप में 2,000/-रू0 और क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रू0 अदा करने के लिए भी आदेशित किया गया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने दिनांक 17.03.2005 को अंकन 5,50,908/-रूपये में टावेरा वाहन क्रय किया था। अंकन 25,000/-रू0 नकद पंजीकरण प्रमाण पत्र तथा अन्य खर्चों हेतु अदा किया था, जिसकी कोई रसीद नहीं दी गयी। वाहन प्रदान करते समय विपक्षी सं0 2 ने अस्थायी पंजीकरण एचआर 37बी 2644 हरियाणा का दिया था, इसके बाद भी यह हरियाणा का ही नम्बर एचआर 37बी 2244 दिया गया। बरेली का आर0सी0 नहीं दिया गया। नोटिस देने के पश्चात पुन: हरियाणा का नया नम्बर एचआर 37बी 2644 दिया गया, जबकि वादी ने बरेली के स्थायी पते पर गाड़ी क्रय की थी, परंतु विपक्षी सं0 2 ने यूपी का टैक्स बचाने की नियत से हरियाणा राज्य का आर0सी0 जारी किया, साथ ही गाड़ी में उत्पादन संबंधी दोष था क्योंकि दोनों दरवाजों के पैनल फटे हुए थे। शिकायत के बावजूद गाड़ी सही नहीं की गयी।
4. विपक्षी सं0 1 का कथन है कि आर0सी0 प्राप्त करने का दायित्व वाहन स्वामी का होता है। विपक्षी सं0 2 ने हरियाणा की आर0सी0 इस आधार पर जारी की है कि प्रशासनिक कार्यालय हरियाणा में है। वाहन व्यवसायिक उद्देश्य के लिए क्रय किया गया था इसलिए फोरम को सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। वाहन में निर्माण संबंधी कोई त्रुटि नहीं है। अन्य त्रुटि को दूर करने के लिए वे तत्पर है। विपक्षी सं0 2 का यह भी कथन है कि अस्थायी आर0सी0 के लिए कभी भी 25,000/-रू0 प्राप्त नहीं किये। वाहन 2 बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है। मरम्मत कार्ड 13.12.2005 एवं 30.03.2006 में स्पष्ट उल्लेख है इसलिए परिवादी किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति के लिए अधिकृत नहीं है।
5. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि जिला उपभोक्ता मंच ने तथ्य एवं साक्ष्य के विपरीत निर्णय पारित किया है। साथ ही अस्थायी पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। स्थायी प्रमाण पत्र का दायित्व स्वयं परिवादी पर है। व्हेकिल प्रतिदिन 200 किमी तक चलाया गया है। दिनांक 25.07.2005 तक 27,000 किमी चल चुकी है, इसलिए वाहन का व्यापारिक उपयोग साबित है। अत: जिला उपभोक्ता मंच को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं था। जिला उपभोक्ता मंच ने वाहन की बॉडी बदलने का आदेश साक्ष्य की गलत व्याख्या पर आधारित किया है क्योंकि जॉब कार्ड दिनांक 25.07.2005 में वाहन को व्यापारिक उद्देश्य से अत्यधिक चलाने का उल्लेख भी जाहिर होता है। जॉब कार्ड 13.12.2005 एवं 30.03.2006 को स्वयं परिवादी द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता था क्योंकि जिला उपभोक्ता मंच से अनुतोष परिवादी द्वारा मांगा गया था, इसलिए सबूत का भार अपीलार्थी पर डालकर भी जिला उपभोक्ता मंच ने त्रुटि कारित की है।
6. परिवादी द्वारा अंकन 25,000/-रू0 स्थायी आर0सी0 के लिए देने का कथन किया है, परंतु इस राशि को अदा करना साबित नहीं है, फिर यह भी कि वाहन का स्थायी पंजीकरण का दायित्व वाहन क्रेता पर है जब तक कि पंजीकरण शुल्क की अदायगी का तथ्य साबित न हो। प्रस्तुत केस में स्थायी पंजीकरण का शुल्क के संबंध में कोई तथ्य साबित नहीं है, इसलिए जिला उपभोक्ता मंच द्वारा साक्ष्य विहीन निर्णय/आदेश पारित किया गया है। तदनुसार अपील स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3