राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0 लखनऊ।
(सुरक्षित)
अपील सं0-२१९८/२०१२
(जिला मंच शाहजहांपुर द्वारा परिवाद सं0-१२/२०१० में पारित आदेश दिनांक २४/०७/२०१२ के विरूद्ध)
- मण्डल रेल प्रबन्धक उत्तर रेलवे, मुरादाबाद।
- मुख्य टिकट निरीक्षक उत्तर रेलवे हापुड।
- मुख्य टिकट निरीक्षक उत्तर रेलवे प्रयाग।
अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
अब्दुल रिजवान खां आयु करीब ३२ साल पुत्र स्व0 अब्दुल रफीक खां निवासी मोहल्ला एमन जई जलालनगर शहर व जिला शाहजहांपुर।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1 मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन न्यायिक सदस्य।
2 मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री पीपी श्रीवास्तव अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री कुलदीप सक्सेना अधिवक्ता।
दिनांक: 01/01/2015
मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन न्यायिक सदस्य द्वारा उद्घोषित।
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी ने विद्वान जिला मंच शाहजहांपुर द्वारा परिवाद सं0-१२/२०१० अब्दुल रिजवान खां बनाम मण्डल रेल प्रबन्धक उत्तर रेलवे, मुरादाबाद में पारित आदेश दिनांक २४/०७/२०१२ के विरूद्ध प्रस्तुत की है जिसमें विद्वान जिला मंच ने निम्न आदेश पारित किया है:-
‘’ परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह अंकन ११०००/-रू0 की धनराशि का भुगतान अंदर एक माह परिवादी को करे। इस अवधि के बाद इस धनराशि पर ६ प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देय होगा।’’
संक्षेप में कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी को दिनांक १६/१२/२००९ को एक मुकदमें की पैरवी हेतु इलाहाबाद जाना था । ट्रेन नं0 ४५१२ नौचन्दी एक्सप्रेस में बुक करायी थी, जिसका सीट नं0 ७० था। पीएनआर नं0 २१०-०६०९९५३ था। आरक्षण शुल्क १८३/-रू0 अदा किया था। यात्रा की तिथि पर जब परिवादी निर्धारित सीट पर पहुंचा तो वहां पर एक अन्य व्यक्ति यात्रा कर रहा था। उक्त व्यक्ति से हटने को कहा तो जवाब दिया कि टीटीई ने सुविधा शुल्क लेकर परिवादी की सीट उस व्यक्ति को आरक्षित कर दी है। परिवादी ने टीटीई को ट्रेन में
2
तलाश किया परन्तु उस दिन लखनऊ में एक रैली होने के कारण ट्रेन में बहुत भीड़ थी, टीटीई कहीं नहीं मिले। लखनऊ से इलाहाबाद के बीच भी टीटीई नहीं आये । परिवादी को प्रसाधन के पास खडे होकर यात्रा करनी पड़ी जिससे परिवादी बीमार हो गया। इसलिए विपक्षीगण से मानसिक व शारीरिक क्षति के रूप में मु0 ८००००/-रू0 तथा मुकदमें के खर्च के रूप में अंकन १००००/-रू0 दिलाये जायें।
विपक्षीगण उत्तर रेलवे व उसके अधिकारियों ने परिवाद पत्र का विरोध करते हुए अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया है। विपक्षीगण का कथन है कि परिवाद गलत तथ्यों पर आधारित है। परिवादी ने दिनांक १६/१२/२००९ को ट्रेन नं0 ४५१२ के यात्रियों ने आरामपूर्वक अपने गंतव्य तक यात्रा की। दिनांक १६/१२/२००९ को एस-५ में कार्यरत टीटीई लगातार अपने कार्यरत कोच में आते जाते रहे। परिवादी ने किसी भी कार्यरत स्टाफ से कोई शिकायत नहीं की। परिवादी ने गन्तव्य पर पहुंचकर भी कोच कन्डक्टर, गार्ड या स्टेशन मास्टर से कोई शिकायत नहीं की। शिकायत पुस्तिका में भी शिकायत दर्ज नहीं की । लखनऊ में रैली के कारण भीड़ होने संबंधी शिकायत परिवादी अथवा किसी अन्य यात्री ने भी नहीं की। परिवादी का परिवाद गलत तथ्यों पर आधारित है इसलिए खारिज किए जाने योग्य है।
अपीलार्थीगण की ओर से श्री पी0पी0 श्रीवास्तव एवं प्रत्यर्थी की ओर से कुलदीप सक्सेना के तर्कों को सुना गया। पत्रावली का परिशीलन किया गया।
अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्वान जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय बिना विचार किए विधि विरूद्ध पक्षपात पूर्ण ढंग से पारित किया है। परिवादी ने दिनांक १६/१२/२००९ को ट्रेन सं0-४५१२ नौचन्दी एक्सप्रेस में आरामपूर्वक गन्तव्य स्थान तक यात्रा की और दिनांक १६/१२/२००९ को एस-५ में कार्यरत टीटीई लगातार आते जाते रहे किन्तु परिवादी ने किसी भी स्टाफ को शिकायत नहीं की और न ही गन्तव्य पर पहुंचकर कोच, गार्ड से शिकायत की । अपीलार्थीगण की ओर से नौचन्दी एक्सप्रेस ट्रेन सं0-४५१२ के आरक्षण चार्ट की फोटोप्रति प्रस्तुत की गयी है जिसमें उसका नाम ए0 रिजवान सीट नं0-७० पर अंकित था जो शाहजहांपुर से इलाहाबाद के लिए आरक्षित है। अत: ऐसी परिस्थिति में प्रश्नगत निर्णय निरस्त किए जाने योग्य है।
प्रत्यर्थी की ओर से यह तर्क दिया गया है कि विद्वान जिला मंच द्वारा विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है जिसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
प्रश्नगत निर्णय एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया। अपीलार्थीगण/विपक्षीगण द्वारा यह बताया गया है कि परिवादी/प्रत्यर्थी ने संबंधित ट्रेन में अपने गन्तव्य तक यात्रा की और इस संबंध में जो आरक्षण चार्ट दिया गया है उसमें श्री रिजवान का नाम अंकित है तथा बर्थ नं0 ७० दर्शाया गया है। अत: ऐसी परिस्थिति में यह प्रमाणित होता है कि परिवादी/प्रत्यर्थी द्वारा यात्रा
3
गन्तव्य तक की गयी । इस प्रकार अपीलार्थीगण द्वारा सेवा में कमी नहीं की गयी है। तदनुसार अपील स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला मंच शाहजहांपुर द्वारा परिवाद सं0-१२/२०१० अब्दुल रिजवान खां बनाम मण्डल रेल प्रबन्धक उत्तर रेलवे, मुरादाबाद में पारित आदेश दिनांक २४/०७/२०१२ निरस्त किया जाता है।
उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
उभयपक्ष को इस निर्णय की प्रति नियमानुसार नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाए।
(अशोक कुमार चौधरी) (बाल कुमारी)
पीठा0सदस्य सदस्य
सत्येन्द्र कोर्ट0 3