Uttar Pradesh

StateCommission

A/1997/1921

Bhoom Vikas Bank - Complainant(s)

Versus

Abadh Narain - Opp.Party(s)

13 Jan 2000

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1997/1921
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District Sonbhadra)
 
1. Bhoom Vikas Bank
Sonbhadra
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. RAM PAL SINGH PRESIDING MEMBER
 HON'ABLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-1921/1997

शाखा प्रबंधक, भूमि विकास बैंक, शाखा रावर्टस गंज, जिला सोनभद्र।                                                            .........अपीलार्थी@विपक्षी।

बनाम्

1.अवध नारायन पुत्र बनवारी ग्राम बन्‍दर देवां, पोस्‍ट तिलौली कलॉ

रावर्टस गंज, जिला सोनभद्र।

2.मेसर्स श्‍यामा एंड कम्‍पनी रावर्टस गंज सोनभद्र।

3.खण्‍ड विकास अधिकारी, विकास खंड घोरयल, जिला

सोनभद्र।                                        ........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री सी0बी0 श्रीवास्‍तव, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    : हेमराज मिश्रा, विद्वान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     :कोई नहीं।

दिनांक 29.09.2014

मा0 श्री सी0बी0 श्रीवास्‍तव, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

यह अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम, सोनभद्र द्वारा परिवाद संख्‍या 390/97 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दि. 04.10.97 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है, जिसके द्वारा जिला फोरम ने विपक्षीगण को यह निर्देशित किया कि वह एक माह के भीतर शिकायतकर्ता की बोरिंग कराएं तथा इसी अवधि में पम्पिंग सेट भी उपलब्‍ध कराएं अथवा उसे ऋण से मुक्‍त कराएं। साथ ही साथ विपक्षीगण को सौ-सौ रूपये हर्जाना भी लगाया गया था।

      यह अपील वर्ष 1997 से संस्थित की गई थी, तब से लेकर लगभग 17 वर्षों तक यह अपील पैरवी के स्‍तर पर लम्बित है। अपीलार्थी को कई अवसर पैरवी करने के लिए दिया गया, अंतत: दि. 11.09.2014 को निबंधक के समक्ष पैरवी करने का निर्देश दिया गया, किंतु अपीलार्थी द्वारा पैरवी नहीं की गई। इससे स्‍पष्‍ट होता है कि अपीलार्थी की कोई रूचि इस अपील को चलाने में नहीं है। जहां तक प्रश्‍नगत आदेश के गुणदोष का प्रश्‍न है, जिला फोरम ने समस्‍त तथ्‍य को विवेचित करते हुए एक माह के भीतर बोरिंग एवं पम्पिंग सेट उपलब्‍ध कराने हेतु अथवा विकल्‍प में ऋण मुक्‍त कराने हेतु निर्देश दिया है, जिसमें कोई त्रुटि प्रतीत नहीं होती है।

 

 

-2-

उपर्युक्‍त कारणों से हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचते हैं कि यह अपील निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

निर्णय लिखाते समय अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री हेमराज मिश्र उपस्थित हुए और उन्‍होंने यह कहा कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी संख्‍या 1 अवध नारायण का ऋण माफ करते हुए उसका खाता बंद कर दिया गया है और विवाद केवल प्रत्‍यर्थी संख्‍या 1 व 2 के मध्‍य है, किंतु उनके द्वारा इस आशय का कोई प्रमाणपत्र दाखिल नहीं किया गया है और चूंकि उनके द्वारा पैरवी भी नहीं की गई है, अत: इस बिन्‍दु पर इस स्‍तर पर कोई निर्णय लिया जाना संभव नहीं है। अपीलार्थी उक्‍त तथ्‍य निष्‍पादन वाद में जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत कर सकता है एवं यदि उसके द्वारा ऋण मुक्‍त कर दिया गया है तो फिर उसके विरूद्ध निष्‍पादन कार्यवाही चलाने का कोई औचित्‍य नहीं रह जाता है।

                                    आदेश

     प्रस्‍तुत अपील तदनुसार निरस्‍त की जाती है। अपीलार्थी जिला फोरम के समक्ष निष्‍पादन कार्यवाही में अपना पक्ष प्रस्‍तुत करने हेतु स्‍वतंत्र रहेगा।

      निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाए।

 

 

       (सी0बी0 श्रीवास्‍तव)                                 (संजय कुमार)

        पीठासीन सदस्‍य                                      सदस्‍य

राकेश, आशु0-2

      कोर्ट-2 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'ABLE MR. RAM PAL SINGH]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'ABLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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