राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-956/2024
मैनेजिंग डायरेक्टर,
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 व अन्य....
...........अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
आनन्द किशोर,
पुत्र श्री अंगनलाल...... ...........प्रत्यर्थी /परिवादी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री इसार हुसैन,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
दिनांक: 07.11.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख अपीलार्थी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग, रामपुर द्वारा परिवाद संख्या-04/2020 आनन्द किशोर बनाम श्रीमान प्रबन्ध निदेशक, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.01.2022 के विरूद्ध योजित की गयी है।
हमारे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत् निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अपनी गाटा संख्या 1171 स्थित ग्राम मंगोली तहसील शाहबाद जिला रामपुर
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में एक निजी नलकूप कनैक्शन संख्या आर पी 53044097924 वर्ष 1990 में कृषि सिंचाई के लिए लगवाया। दिनांक 31.12.19 तक का विद्युत बिल का पूर्ण भुगतान दिनांक 08.01.2020 को परिवादी द्वारा किया जा चुका है, परन्तु विपक्षी द्वारा दिनांक 30.11.2019 को बिना किसी सूचना व नोटिस के परिवादी का कनैक्शन काट दिया गया।
उपरोक्त के सम्बन्ध में दिनांक 06.12.2019 व 14.12.2019 को परिवादी द्वारा शिकायत दर्ज करायी गयी, परन्तु विद्युत कनैक्शन विपक्षी द्वारा नहीं जोड़ा गया, जिसके कारण परिवादी को खेत संख्या 1171 में बोयी सरसों की फसल की सिंचाई माह 2019 में डीजल जनरेटर सेट किराये पर लेकर करानी पड़ी, जिसमें रू0 14250.00 परिवादी को अदा करने पड़े। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष परिवाद योजित करते हुये निम्न अनुतोष प्रदान किये जाने की प्रार्थना की गयी :-
“अ) यह कि प्रतिवादीगण को यह निर्देश दिया जाये कि वह वादी का निजी नलकूप का विद्युत कनैक्शन ग्रामीण क्षेत्र वाले फीडर से जो फिक्स चार्ज वाले बिल से लगा है, जोड़े जाने का आदेश पारित फरमाया जाय।
(ब) यह कि प्रार्थी का निजी नलकूप का विद्युत कनैक्शन विना नोटिस के काटे जाने पर प्रार्थी को जो मानसिक व आर्थिक क्षति पहुंची है उसको मुवलिग 14250/-रू0 (चोदह हजार दो सौ पचास रूपये) प्रतिपक्षी से दिलाये जाने का आदेश पारित फरमाया जाय।
(स) यह कि उक्त निजी नलकूप का माह दिसम्बर 2019 का विद्युत विल का फिक्स चार्ज 1955/-रू0 में से 85 /-रू0 की छूट काटकर 1870/-रू० प्रार्थी से बिना विद्युत आपूर्ति किये वसूले गये हैं उसको भी प्रार्थी को दिलवाया जाय।
(द) यह कि अन्य दीगर दादरसी जो कि वहक़ वादी हो और खिलाफ प्रतिवादी हो वह भी वादी को दिलाये जाने का आदेश पारित फरमाया जाये।”
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जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष विपक्षी द्वारा प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसके दृष्टिगत विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवादी के अभिकथन व साक्ष्य पर विचार करते हुए परिवाद स्वीकार करते हुये निम्न आदेश पारित किया गया :-
“परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वह इस आदेश के पारित होने के 45 दिन के अन्दर कुल 23990.00 रू0 परिवादी को अदा करें। उक्त अवधि में यह राशि अदा न होने पर विपक्षी परिवाद संस्थित करने की तिथि से वास्तविक अदायगी की तिथि तक उक्त राशि रू0 23990.00 पर 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी अदा करेंगे।
विपक्षीगण परिवादी को उक्त अवधि में ही रू0 2 हजार वाद व्यय के रूप में अदा करेंगे। विपक्षीगण की यह जिम्मेदारी संयुक्त रूप से व अलग अलग होगी ।”
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुनने के उपरान्त तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्ता आयोग के निर्णय एवं आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्त हम इस मत के हैं कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा समस्त तथ्यों का सम्यक् अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है, परन्तु हमारे विचार से जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो धनराशि रू0 23,990/- रूपये की देयता निर्धारित की गयी है, उसे सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा परिवादी द्वारा मांगे गये अनुतोष को दृष्टिगत रखते हुए धनराशि रू0 16,120/- की देयता निर्धारित किया जाना उचित है। इसके साथ ही जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो वाद-व्यय हेतु धनराशि रू0 2,000/- की देयता निर्धारित की गयी है, उसे समाप्त किया जाना उचित है।
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तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, रामपुर द्वारा परिवाद संख्या-04/2020 आनन्द किशोर बनाम श्रीमान प्रबंध निदेशक, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.01.2022 को संशोधित करते हुये अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह प्रत्यर्थी/परिवादी को इस निर्णय की तिथि से दो माह की अवधि में रू0 16,120/- (रूपये सोलह हजार एक सौ बीस मात्र) परिवाद योजित किये जाने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अदा करें।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
आशीष
कोर्ट नं0-1